बस्तर

13 सूत्रीय मांगों को लेकर एनएसयूआई ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
07-Mar-2024 4:36 PM
13 सूत्रीय मांगों को लेकर एनएसयूआई ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 6 मार्च। एनएसयूआई ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय एवं अधीनस्थ महाविद्यालयों की समस्याओं से राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को अवगत करा 13 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य सिंह बिसेन ने बताया कि शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में प्राइवेट परीक्षार्थियों से शारीरिक शिक्षा और पुस्तकालय के नाम पर जो शुल्क ली जाती है वो उचित नहीं है, क्योंकि प्राइवेट छात्रों को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिलती,विश्वविद्यालय के अतिरिक्त महाविद्यालय प्राइवेट विद्यार्थियों से जनभागीदारी शुल्क वसूलते हैं जी कि अनुचित है, महाविद्यालयों में प्राइवेट विद्यार्थियों को कोई सुविधा प्रदान नही की जाती है और परीक्षा में बैठने के समय वे फर्वर्डिंग शुल्क देते ही हैं,

विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में आने जाने के लिए सिटी बस जैसी सार्वजनिक सुविधा उपलब्ध नही है, महाविद्यालयों में कैंटीन की व्यवस्था नहीं है और ग्रंथालयों में रीडिंग रूम उपलब्ध नहीं है, इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में फ्री इंटरनेट वाईफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। एनएसयूआई ने पूर्व में भी इसकी मांग की थी, बस्तर में हाईटेक कैंपस के आधारशिला रखने हेतु उपरोक्त सभी बिंदुओं की पूर्ति अति आवश्यक है।

विश्वविद्यालय में फॉरेस्ट्री विषय कई वर्षों से पढ़ाया जा रहा है , किंतु इस विषय को लेकर उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का पंजीयन रोजगार दफ्तरों में नहीं किया जाता एवं छत्तीसगढ़ वन विभाग उन्हें विभागीय नौकरियों में प्राथमिकता भी नहीं देता जबकि ये छात्र, वन और वन्य जीवन के दक्ष विशेषज्ञ होते हैं, इसमें हम राज्यपाल को हस्तक्षेप कर फॉरेस्ट्री विषय के छात्रों को न्याय दिलाने की अपेक्षा करते हैं।

विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में‘प्लेसमेंट सेल’ निष्क्रिय पड़ी हुई हैं, जिससे छात्रों के ‘रोजगार’की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं इसके अलावा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं के पूर्व प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं की जाती हैं। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में प्रभारी अधिकारियों की भरमार है विशेष कर महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य नही हैं यहां तक के एक एक शिक्षक कई कई महाविद्यालयों का प्रभार संभाल रहा है, ऐसे में जल्द से जल्द स्थाई अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी जाए जिससे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो सके, विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के अधिकारियों के लिए प्रशासकीय नियमों तथा वित्त प्रबंधन के प्रशिक्षण की नियमित व्यवस्था नहीं है, इन्हे आरटीआई और विधि संबंधी कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता, इसलिए इन सभी के लिए ऐसे प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए।

 श्री बिसेन ने बताया- राज्यपाल ने त्वरित प्रतिक्रिया का आश्वासन दिया है, अगर हमारी छात्र हितैषी मांगों को शीघ्र पूरा नही किया जाता तो एनएसयूआई चरणबद्ध आंदोलन करने बाध्य होगी।

 इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव ज्योति राव, प्रदेश महासचिव मनोहर सेठिया, बस्तर ग्रामीण जिलाध्यक्ष नीलम कश्यप, विश्वविद्यालय अध्यक्ष पंकज केंवट, प्रदेश सचिव अयाज़,छात्र नेता नूरेंद्र साहू,जिला सचिव मनीष कश्यप एवं अन्य छात्र नेता उपस्थित थे।

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