सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सीतापुर, 22 मार्च। स्वामी आत्मानंद स्कूल देवगढ़ में कक्षा का निरीक्षण करने पहुँचे प्राचार्य ने कक्षा 9वीं के छात्र की डंडे से बेदम पिटाई कर दी। छात्र की गलती मात्र इतनी थी कि वो स्कूल से मिलती-जुलती रंग का ब्लेजर पहनकर स्कूल आ गया था। जिसे देख प्राचार्य भडक़ उठे और हाथ में रखे डंडे से छात्र की बेदम पिटाई कर दी। प्राचार्य ने हाथ में रखा डंडा टूटते तक छात्र की पिटाई की। भरी कक्षा में प्राचार्य द्वारा की गई पिटाई से छात्र दहशत में है।
इस घटना के बाद स्कूल पहुँचे छात्र के परिजनों ने प्राचार्य के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उक्त घटना स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय देवगढ़ की है, जहाँ ठंड की वजह से कक्षा 9वी का छात्र कुणाल ठाकुर (14 वर्ष) स्कूल ड्रेस से मिलती-जुलती रंग का ब्लेजर पहन कर स्कूल गया हुआ था। इसी दौरान कक्षा में चल रही पढ़ाई का निरीक्षण करते हुए प्राचार्य सुनील गुप्ता कक्षा 9वीं में पहुँचे। जहाँ उन्होंने कक्षा में पढऩे वाले छात्रों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। इसी बीच उनकी नजर छात्र कुणाल पर पड़ी और वो अपना आपा खो बैठे। पहले तो उन्होंने ब्लेजर के लिए छात्र को फटकार लगाते हुए उसका ब्लेजर खुलवाया। इसके बाद छात्र पर डंडा लेकर टूट पड़े।
प्राचार्य ने हाथ में रखे डंडे से छात्र को तब तक पीटा, जब तक डंडा टूट नहीं गया। पिटाई से उसके पीठ पर डंडे के गहरे निशान उभर आए थे।
इस घटना की सूचना के बाद संस्था पहुँचे बच्चे के पिता एवं परिजनों ने प्राचार्य के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने प्राचार्य के ऊपर बच्चे के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाते बताया कि इस संस्था में मारपीट की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी बच्चों के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट की गई है। मारपीट के बाद बच्चों को फेल करने एवं नाम काटने की धमकी दी जाती थी, ताकि धमकी से डरा सहमा बच्चा मारपीट के बारे में घरवालों को न बता सके।
इस संबंध में प्राचार्य सुनील गुप्ता ने बताया कि उन्होंने बच्चे को चोट पहुँचाने की नीयत से नहीं मारा है। बच्चे में अनुशासन की कमी, पढ़ाई में लापरवाही एवं अन्य कई तरह की शिकायतें मिली थी। जिसको लेकर मैंने बच्चे को मौखिक तौर पर कई बार बोला भी था और उसे अपने अभिभावक को स्कूल लाने कहा था। इसके बाद भी न उसमे सुधार आया और न वो अपने अभिभावक को लेकर आया। आज निरीक्षण के दौरान उसने ब्लेजर भी दूसरा पहना हुआ था। जिसकी वजह से मैं उसे पीटा, ताकि वो अपने में सुधार ला सके।
वहीं पीडि़त छात्र के पिता राजेश ठाकुर ने कहा कि बच्चे में कमियां थी तो उन्हें मुझे बताना चाहिए था। संस्था प्रमुख होने के नाते वो सूचना भेजकर मुझे बुलाते, लेकिन उन्होंने न कभी मेरे बच्चे की गलतियों के बारे में मुझे बताया न कभी सूचना दी। प्राचार्य ने जिस बेरहमी से भरी कक्षा में मेरे बच्चे को मारा है वो अशोभनीय है। इससे बच्चा अवसाद में आकर कुछ भी कर सकता है।
उन्होंने उच्चाधिकारियों से मारपीट की घटना की जांच की मांग की है। ताकि शिक्षा के क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल करने वाले इस विद्यालय में बच्चे भयमुक्त होकर शिक्षा ग्रहण कर सके।