महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 मार्च। प्रदेश भर में जहां हाल ही में हुई ओलावृष्टि, बारिश, आंधी-तूफान से रबी फसल को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं महासमुंद जिले के किसानों के लिये ये बारिश वरदान साबित हुई है।
वजह यह है कि गर्मी तेज होते ही यहां खेतों की नमी सूखने के बाद बसना- सरायपाली तथा जिला मुख्यालय के आसपास के ग्रामों में फसलें सूखने की कगार पर पहुंच चुकी थी। ऐसे में किसानों द्वारा नहर से पानी छोडऩे की मांग उठ रही थी। इसी बीच तीन दिन पहले हुई बारिश से खेतों में हरियाली लौट आई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टरों को इस नुकसान को लेकर सर्वे किये जाने के लिए आदेश दिये थे। उप संचालक कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में हुई अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि से यहां भी नुकसान की संभावना थी। लेकिन अधिकारियों के रिपोर्ट के मुताबिक महासमुंद जिले में हुए सर्वे में प्राय: सभी ब्लॉकों की सर्वे रिपोर्ट निरंक पाई गई है।
इस तरह महासमुंद जिले में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। एक जानकारी के मुताबिक इन दिनों ग्रीष्मकालीन अनाज में जिला मुख्यालय सहित बसना, सरायपाली क्षेत्र में धान के अलावा गेहूं, मक्का, रागी, ज्वार, चना, मूंगफल्ली, मटर, मूंग, उड़द, कुल्थी की फसलों का उत्पादन किया जा रहा है।
इसके अलावा तिलहनी फसलों में सूर्यमुखी, कुसुम, अलसी तोरिया की फसलों का उत्पादन भी जिले में हो रहा है। अंधड़ बारिश को देखते हुए कृषि विस्तार अधिकारियों के अलावा उप संचालक ने भी जिले का दौरा किया।
एफआर कश्यप उप संचालक कृषि महासमुंद ने बताया है कि कहीं भी नुकसान नहीं हुआ है। मैं स्वयं बसना, सरायपाली क्षेत्र का दौरा किया हूं। हमारे जिले में बारिश, अंधड़ से किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि जहां फसलें सूखने की कगार पर पहुंच चुकी थी उन्हें फायदा हुआ है।