महासमुन्द
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
पिथौरा, 27 मार्च। सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल क्षेत्र नानक सागर में मंगलवार को होला महल्ला धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में गतका मुकाबले के साथ श्री अखंड पाठ एवं लंगर भी लगाया गया था।
सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के विश्राम स्थल नानक सागर में लगातार तीसरे वर्ष भी होला महल्ला पर्व की धूम रही। कार्यक्रम में सिखों के अलावा बंजारा एवं रविदास जी के अनुयायी भी शामिल हुए।होली के दूसरे दिन नानक सागर गुरुद्वारा में सुबह श्री अखंड पाठ की समाप्ति हुई। यह अखंड पाठ रविवार को प्रारम्भ किया गया था।
इसके बाद रायपुर एवं दुर्ग से विशेष तौर पर पहुंचे कीर्तन जत्थे द्वारा कीर्तन किया गया। कीर्तन के बाद गुरु का लंगर आयोजित किया गया था। उक्त कार्यक्रमों के बाद गुरु के खेत में देश भर से आई अनेक गतका टीमों में कॉम्पिटिशन हुआ।
गतका के प्रदर्शन को उपस्थितजनों ने खूब सराहा। इसके बाद गतका खिलाडिय़ों एवं अन्य प्रतिभावान सिख एवं बंजारा बंधुओं का सम्मान किया गया। होला महल्ला के उक्त कार्यक्रम में रायपुर, दुर्ग, बरगढ़, दिल्ली, सहित प्रदेश एवम आसपास के सिख जन कार्यक्रम में शामिल हुए।
ज्ञात हो कि करीब चार वर्ष पूर्व दिल्ली से आये स देवेंद्र सिंह खालसा एवं रायपुर के रिंकू ओबेरॉय ने नानक सागर पहुंच कर वहां के इतिहास के पन्नों की कडिय़ाँ जोड़ कर यह पता लगाया था कि अब से करीब 506 वर्ष पूर्व प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी अपनी जगन्नाथ भगवन के दर्शन हेतु पूरी यात्रा के दौरान नानक सागर में दो दिन रुक कर विश्राम किया था। गुरु के नानक सागर में रुकने के अनेक प्रमाण भी मिले थे। जिसके कारण सिख पंथ के साथ बंजारा समुदाय की आस्था नानक सागर के प्रति बढ़ गयी है।
लिहाजा गुरु के इस स्थान पर वर्ष भर अनेक तरह के कीर्तन समागम एवं अन्य पर्व भी उत्साह से मनाए जा रहे हैं। इसके अलावा माह की प्रत्येक पूर्णिमा में यहां श्री अखंड पाठ करवा कर लँगर की सेवा भी अनवरत की जा रही है।