महासमुन्द

बगैर लायसेंस सूदखोरों पर अब तक कार्रवाई नहीं, कई घर बर्बाद हो चुके, कई बर्बाद होने के कगार पर, पुलिस ने कहा-भरोसा रखें
02-Apr-2024 2:45 PM
बगैर लायसेंस सूदखोरों पर अब तक कार्रवाई नहीं, कई घर बर्बाद हो चुके, कई बर्बाद होने के कगार पर, पुलिस ने कहा-भरोसा रखें

पुरुषोत्तम चौहान, अनिमेष रघुवंशी आत्महत्या के बाद न्याय के लिए भटक रहा परिवार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 अप्रैल।
बगैर लाइसेंसधारी साहूकारों से ब्याज में ऋण लेकर लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। साथ ही मनमाने ब्याज से तंग आकर आत्महत्या करने मजबूर हैं। नगर में सूदखोरी का गहरा जाल बिछा हुआ है। एक बार ब्याज पर पैसे लेने बाद कर्जदार इनके मकडज़ाल से बाहर ही नहीं आ पाते। महासमुंद नगर में ही कई लोग इसके शिकार होकर आत्महत्या कर चुके हैं और कई अब भी शारीरिक मानसिक आर्थिक रूप से प्रताडि़त हो रहे हैं। तकलीफ की बात यह है कि इन मामलों में पुलिस कार्रवाई शून्य है। 

गौरतलब है कि शहर में सूदखोरी का काम लंबे समय से चल रहा है। लोगों को छोटा ऋ ण लेने के बहाने फं साते हैं और उसके बाद 10 से 20 प्रतिशत साप्ताहिक, मासिक ब्याज लगाकर मनमाने राशि वसूलते हैं। लोग जब पुलिस के पास इन सूदखोरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जाते हैं, तो प्रार्थी पर केस वापस लेने का दबाव भी बनाया जाता है।

सिटी कोतवाली महासमुंद की बात करें तो एक एफ आईआर पिछले साल पुरुषोत्तम सिंह चौहान की आत्महत्या के बाद की है। जिसमें कोतवाली पुलिस ने सूदखोरों पर कोई एक्शन नहीं लिया है। 

पुरुषोत्तम चौहान आत्महत्या मामले मृतक की पत्नी ने कलेक्टर परिसर के बाहर धरना देकर सूदखोरों के नाम सहित एक तख्ती दिखाई थी, लेकिन कोई का्र्रवाई नहीं हुई। कोतवाली में जिम्मेदार अधिकारी संवेदनशील प्रकरण बताकर सूदखोरों के नाम भी नहीं बताते। 

ऐसे मामलों में होता यह है कि आमतौर पर लोग अपनी जरूरत पूरी करने के लिए ऋण तो ले लेते हैं, लेकिन समय पर चुका नहीं पाते। ऋण व ब्याज का भुगतान नहीं होने पर रिकवरी एजेंट कर्जदार के रिश्तेदारों से भी संपर्क करते हैं। जिसके कारण पारिवारिक माहौल भी बिगड़ जाता है। इसके अलावा परिवार की फ ोटो, वीडियो आदि वायरल करने आदि की धमकी भी देते हैं। इससे लोगों की निजता पर गहरा असर पड़ता है। कई लोग ऋण लेने के बाद परिवार वालों से भी यह कर्ज लेने की बाातें शेयर नहीं करते। जब आत्महत्या कर लेते हैं, तब उनके परिवार वालों को पता चलता है। 

वहीं पिछले दिनों हुए आत्महत्या के मामले में भी सूदखोरों पर कोई सख्ती नहीं बरती गई है। गंजपारा के एक युवक के मुताबिक उन्होंने कार खरीदी। इसके लिए उन्हें दो लाख रुपए कम पड़ रहा था। सोचा दो लाख रुपए साहूूकारों से कर्ज पर ले लिया जाय। उन्होंने 20 प्रतिशत ब्याज सालाना की दर से दो लाख रुपए कर्ज में लिया। जमा करते वक्त यदि एक दिन भी लेट होता तो 5 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाते थे। कई कोशिशों के बाद भी कर्ज नहीं पटा पाया। साहूकार ने अंत में उनसे आईफ ोन ले लिया गया और कार भी छीन ली। दो लाख लोन के बदले में 13 लाख चुकाने पड़ गए।

एक मामला यह है कि 19 जनवरी 2023 को सूदखोरों के दबाव में आकर पुुरुषोत््त्म सिंह चौहान ने आत्महत्या कर ली थी। इस आत्महत्या को लेकर उनकी पत्नी हीरामोती चौहान आज भी न्याय के लिए भटक रही हंै। थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ  ही मामला दर्ज किया और साल बीत गया लेकिन अज्ञात का पता नहीं चला। जबकि प्रार्थिया ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ  नामजद शकायत की थी।

हाल ही में इंजीनियर अनिमेष रघुवंशी ने 11 मार्च 2024 को अपने किराए के मकान में आत्महत्या कर ली। अनिमेश ने भी कर्ज लिया था। सूदखोर उसे रकम ब्याज सहित देने के लिए प्रताडि़त कर रहे थे। मृतक ने सुसाइड नोट में सूदखोरों के स्पष्ट नाम लिखे थे। मृतक के परिवारवालों ने कोतवाली थाना क्षेत्र में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने अपराध दर्ज किया है, किन्तु आरोपितों के नाम गुप्त रखे गए हैं।

प्रतिभा तिवारी,एएसपी महासमुंद का कहना है कि अनिमेष रघुवंशी आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए एसडीओपी अजय शंकर त्रिपाठी की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है। इस पर पुलिस गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। परिवार व शहरवासी धैर्य के साथ भरोसा रखें। कार्रवाई होगी।
 

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