महासमुन्द
कहा-लोग पेयजल और निस्तारी के लिए परेशान हो रहे, बोर का पानी भी पीने लायक नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 8 मई। महासमुंद शहर के दो वार्डों के गंदे पानी का उचित निपटारा नहीं होने के कारण ग्राम तुमाडबरी के लोग पेयजल और निस्तारी के लिए परेशान हो रहे हैं। दरअसल शहर के वार्ड क्रमांक 4 और 5 का गंदा पानी नालियों के माध्यम से शहर से लगे ग्राम तुमाडबरी के तालाब तक पहुंच रहा है। जिसके कारण गांव के जल स्रोत दूषित हो गए हैं। बोर और हैंडपंप से बदबूदार पानी आ रहा है, जो उपयोग के लायक नहीं है। ग्रामीणों ने मंगलवार को सरपंच के साथ कलेक्टोरेट पहुंचकर इसकी शिकायत की है।
ग्राम तुमाडबरी की आबादी करीब 400 है। पूरी आबादी गंदे पानी की वजह से परेशान हैं, पर उनकी गुहार कोई नहीं सुन रहा है। इससे पहले भी गांव वाले पालिका में शिकायत कर चुके हैं, पर समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। पानी दूषित होने के साथ बदबूदार होने के कारण पीने के साथ निस्तारी के लिए भी उपयोग करने में परेशानी हो रही है।
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर हरिशंकर पैकरा ने बताया कि ग्राम तुमाडबरी के ग्रामीण पेयजल की समस्या लेकर आए थे। समस्या के निराकरण की कोशिश होंगी। नगर पालिका के सीएमओ से चर्चा हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे खुद निरीक्षण कर समस्या का कारण व निवारण करेंगे। सीएमओ टॉमसन रात्रे ने कहा है कि जल्द ही संबंधित स्थान में जाकर निरीक्षण करेंगे।
ग्राम पंचायत परसदा ब के सरपंच वीरेंद्र चंद्राकर ने बताया कि ग्राम तुमाडबरी परसदा का आश्रित ग्राम है। गांव के वार्ड-10 में महासमुंद शहर के वार्ड क्रमांक 4 व 5 के नाली का गंदा पानी गांव तक आ रहा है। गंदे पानी के कारण गांव के पेयजल संसाधन बोर और कुआं में रिसाव होने से शुद्ध पेयजल स्रोत दूषित हो गया है। जल स्रोत दूषित व बदबूदार होने के कारण पेयजल संकट की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूषित पानी का उपयोग किया गया तो महामारी फैल सकती है। इसलिए ग्रामीणों ने इसकी शिकायत नगर पालिका में की थी। पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें कलेक्टोरेट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
कलेक्टोरट पहुंचने वाले ग्रामीण कलेक्टोरेट में गांव का दूषित पानी बोतल में भरकर लाए थे और उसे भी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। बोतल में लेकर आए गांव का दूषित पानी था। ग्रामीण रूपा, दुलेश्वरी, रमला और फुलेश्वरी ने बताया कि 3-4 माह से यह परेशानी बनी हुई है। धीरे-धीरे परेशानी और बढ़ गई है। वहीं गर्मी में यह समस्या विकराल हो गया है। ऐसे में उन्हें डर है कि दूषित पानी का उपयोग करते हैं तो जल-जनित रोग जैसे उल्टी, दस्त, डायरिया रोगों का सामना न करना पड़ जाए।
जल जीवन मिशन का काम अधूरा
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम तुमाडबरी में जल जीवन मिशन के तहत 1.18 करोड़ रुपए स्वीकृत हुआ है। जिसका निर्माण कार्य शुरू हुए 1 साल हो चुका है। ठेकेदार द्वारा अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है। टंकी का काम भी अधूरा है, पाइपलाइन बिछाई गई है। इसके बाद वर्तमान में करीब 2 माह से काम बंद पड़ा है।