महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,2 अप्रैल। जिले के माता खल्लारी मंदिर में उडऩखटोला रोप-वे का ट्रायल शुरू हो गया है। इसे चैत्र नवरात्रि में शुरू करने की योजना है। रोप-वे प्रारंभ हो जाने से लोगों को मंदिर की सीढिय़ां नहीं चढऩी पड़ेगी। इसके लिए 9 मार्च 2021 को रोप.वे निर्माण कार्य की आधारशिला रखी गई थी। तीन साल से महासमुंद जिले के लोग खल्लारी में रोप.वे के निर्माण कार्य के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। प्रदेश का यह दूसरा मंदिर होगा जहां उडऩखटोला है। यह उडऩ खटोला चैत्र नवरात्रि पर्व 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस मंदिर में 17 अप्रैल तक माता की पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्रि पर्व पर खल्लारी में मेला भी लगता है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। खल्लारी मंदिर के नीचे में भी मंदिर बना है, जो काफी दर्शनीय है। यहां भी नवरात्रि पर्व पर माता की विशेष पूजा.अर्चना की जाती है।
कहा जा रहा है कि रोप-वे के शुरू होने से भीमखोज व खल्लारी को पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिलेगी। आस-पास कई दर्शनीय स्थल भी हैं। इसमें भीम डोंगा, भैरव गुफा, भीम पांव, हनुमान मंदिर शामिल है। इसके अलावा खल्लारी की पहाड़ी सभी का मन मोह लेती है। पर्यटन स्थल बनने से आस-पास के लोगों को भी रोजगार मिलेगा।
मंदिर समिति के लोगों ने पिछले सालों में प्रशासन से अनुमति भी मांगी थी और पदाधिकारियों ने अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।
लिहाजा अभी भी कोलकाता की कंपनी द्वारा रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है। भीमखोज के पास स्थित पहाड़ी पर बड़े-बड़े पत्थर और चट्टान होने से निर्माण कार्य में देरी हुई। इसके अलावा पत्थरों को हटाने में भी समय लगा। मिली जानकारी के अनुसार रोप-वे में चार ट्रालियां होंगी।
खल्लारी मंदिर समिति के सचिव तोष राम ने बताया कि नवरात्रि में शुरू करने की तैयारी है। ट्रायल भी हो चुका है। इसका भी विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। अनुमति भी मिल गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद तिवारी ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से रोप वे शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।