रायगढ़

शिक्षाविद दिलीप अम्बेला का दिल्ली में सम्मान
14-Apr-2024 3:08 PM
शिक्षाविद दिलीप अम्बेला का दिल्ली में सम्मान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 अप्रैल।
ठाकुर शोभा सिंह शासकीय महाविद्यालय पत्थलगाँव से प्राचार्य के रूप में दायित्व निर्वहन कर सेवानिवृत दिलीप अम्बेला को 8 अप्रैल को भारत शिक्षा रत्न अवार्ड फॉर बेस्ट प्रिंसीपल के राष्ट्रीय पुरस्कार से दिल्ली में सम्मानित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा एवं विशेष सहयोग के लिए यह सम्मान दिया जाता है। सत्र 2022-23 के लिए यह सम्मान उन्हें दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 1984 पत्थलगांव महाविद्यालय के स्थापना वर्ष से अब तक शैक्षिक सुविधाओं के अभाव और अधोसरंचना के लिए तरसते महाविद्यालय का इन्होंने काया कल्प कर दिया। पांच विषयों में स्नातकोत्तर की कक्षाएँ प्रारंभ कर जीर्णशीर्ण हो रहे महाविद्यालय भवन का जीर्णोंद्धार कर भवन को एक नया स्वरूप प्रदान किया।

कॉलेज को मिला बी ग्रेड, बनी उपलब्धि
इनके कार्यकाल में अध्येता विद्यार्थियों की अब तक की सर्वाधिक संख्या रही है। इनके प्रयास से भवन के सामने दो गार्डन का निर्माण महाविद्यालय की सुन्दरता में चार चाँद लगा रहे हैं। महाविद्यालय में कैन्टीन का निर्माण एवं शुरुआत इनके प्रयासों का प्रतिफल है। इनके ही कार्यकाल में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन नैक संस्था द्वारा महाविद्यालय को बी ग्रेड प्राप्त होना सबसे बड़ी उपलब्धि है।

केजी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे
इन्होंने अपनी जन्मस्थली जामझोर से प्राथमिक शिक्षा प्रारम्भ कर जिले की सबसे बड़ी शिक्षण संस्था किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ से उच्च शिक्षा पूरी की। वे ऐसे विद्यार्थी रहें हैं, जो खेल और पढ़ाई दोनों में गहरी अभिरूचि थी। वे व्हालीवाल और बैडमिन्टन के बहुत अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और एमए अन्तिम की पढ़ाई रवि शंकर विश्वविद्यालय रायपुर से प्रावीण्य सूची में अपना नाम दर्ज कर पूरी की। वर्ष 1980 में अध्ययन के दौरान किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ में चुनाव जीत कर छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे।

आर्गेनिक खेती के प्रति किया जागरूक
उनके 7 एकड़ में फैले फार्म हाउस में उन्होंने अपने हाथों से एक हजार से अधिक पेड़ लगाए हैं जिसमें सभी प्रकार के फल उपलब्ध हैं। आम की तो इक्कीस प्रकार की किस्में हैं। छोटे-बड़े मिलाकर अस्सी गायें हैं। जिनमें अड़तालीस गिर नस्ल की गायें हैं। दूध, दही, घी, पनीर, म_ा की उपलब्धता हमेशा रहती है। उनकी 25 एकड़ की पैतृक खेती है। उनके पास प्रतिवर्ष 80 ट्राली गोबर खाद होता है जिसके कारण पूरी तरह आर्गेनिक खेती करते हैं। उनके यहाँ उत्पादित काला जीरा, जीरा फूल और ओम चावल की विशेष मांग है।
 उनके यहाँ के घी रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, पत्थलगाँव भेजे जाते हैं। मांग इतनी है कि पूर्ति नहीं कर पाते हैं।
 

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