राजनांदगांव
राजनांदगांव, 8 मई। युग प्रधान गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर ने मंगलवार को कहा कि अप्पाणम वोसिरामी यह दो शब्द जन्म जन्मांतरों की दशा और दिशा बदल सकते हैं। ये परम बंधनों से मुक्त कर सकते हैं। अप्पाणम वोसिरामी का अर्थ होता है कि मैं आत्मा को अमुक चीज से अलग करता हूं। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने भी जीवन को बदलने का क्षमा जैसा सूत्र दिया। उन्होंने कहा कि अप्पाणम वोसिरामी और क्षमा दोनों मिलकर काम करते हैं।
तेरापंथ भवन में मंगलवार को अपने प्रवचन में मुनिश्री सुधाकर ने कहा कि अप्पाणम वोसिरामी और क्षमा हमारा जीवन चक्र बदल सकते हैं, जब जीवन में किसी भी प्रकार का अंतराय हो, चाहे वह मन में हो, धर्म में हो, धन में हो या परिवार में, हमें हमारे विचार वाली वस्तु नहीं मिल रही हो तो सोचना चाहिए कि हमारे अंतराय कर्म का बंधन हो गया है और हमें स्वयं इस बंधन को तोडऩा चाहिए।