बिलासपुर
![आईपीएल सटोरियों को फर्जी सिम और किराये पर बैंक खाता देने वाले 6 गिरफ्तार आईपीएल सटोरियों को फर्जी सिम और किराये पर बैंक खाता देने वाले 6 गिरफ्तार](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716626254PM_online_satta.jpg)
जीपीएम पुलिस की कार्रवाई, फरार एक आरोपी की तलाश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 25 मई। पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों के नेटवर्क का खुलासा करते हुए ग्राहकों से धोखाधड़ी कर सटोरियों को सिम सप्लाई करने वाले तथा अपने बैंक खातों को सट्टे की रकम जमा कराने के लिए किराये पर देने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक मुख्य आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
इनके विरुद्ध धारा 06, 07 छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 , 08 छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 एवं 420, 465, 467, 468, 471, 120(बी) आईपीसी तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66(सी), 66(डी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोपी अजय यादव (27 वर्ष), जितेंद्र सोनवानी (23 वर्ष), राजकुमार कश्यप ( 40 वर्ष), राहुल कोरी (24 वर्ष), अनुराग सोनी (19 वर्ष) तथा योगेश देवांगन को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से योगेश मालखरौदा का रहने वाला है जो इस सयम पेंड्रा में किराये के मकान में रहकर अपराध में लिप्त था।
पुलिस के मुताबिक उसे कुछ दिन पहले पता चला था कि स्काई एक्सचेंज राजा-रानी ऐप के जरिये आईपीएल सट्टा खिलाने वाले जीपीएम जिले में सक्रिय हैं। पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देश पर साइबर सेल व पेंड्रा की पुलिस टीम ने उस समय हर्ष जायसवाल व प्रकाश केवट को हिरासत मे लिया था लेकिन एक आरोपी रितेश सुल्तानिया मौके से फरार हो गया था। उसका मोबाइल पुलिस के हाथ लग गया था, जिससे यह पता चला कि सट्टे का पैसा अपने खाते में कुछ युवक मंगाते हैं, उसके बदले सटोरिये उसे रकम के अनुसार 5 से 10 हजार रुपये का भुगतान कर बाकी रकम निकलवा लेते थे। इनके खातों को सटोरियों ने अपने सिम कार्ड के साथ लिंक कर रखा जिससे उनके पास आने वाली रकम की जानकारी मिल जाती थी। खाईवाल रितेश सुल्तानिया द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे नंबरों की जानकारी ली गई तो वह किसी अन्य युवक के नाम पर था। पुलिस उक्त युवक के पास पहुंची तो बताया कि योगेश देवांगन ने पीएनबी बैंक के पास सडक़ किनारे सिम बेचने का स्टॉल लगाया था। उसने दो बार थंब इंप्रेशन लिया और सिम चालू होने की बात कही, लेकिन उसका सिम शुरू नहीं हुआ। आरोपी योगेश देवांगन ने खुलासा किया है कि इसी तरह वह कई ग्राहकों के थंब इंप्रेशन लेकर सैकड़ों सिम एक्टिवेट करा चुका है और सटोरियों को दे चुका है। उसने आरोपी रितेश सुल्तानिया सहित सट्टे का कारोबार चलाने वाले कई लोगों को 150 से 200 रुपये अतिरिक्त लेकर सिम दे चुका है। पुलिस जांच में फर्जी सिम खरीदने वाले अन्य सटोरियों के नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस अब तक मिले सिम के आधार पर बैंक खातों के डिटेल खंगाल रही है। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है।