रायपुर
![अब कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम, बहु विषयक सिलेबस भी अब कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम, बहु विषयक सिलेबस भी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17194958515.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 जून। छत्तीसगढ़ में जुलाई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20 लागू हो जाएगी। प्रेस कॉफ्रेंस में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर प्रसन्ना ने आज शाम प्रेस कांफ्रेंस में बताया, अब वार्षिक पढ़ाई की जगह सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी।सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। अतिथि व्याख्याता नीति भी लागू की गई है।नई नीति से उच्च शिक्षा विभाग में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है।
प्रसन्ना ने बताया, इस नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी।सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा।
बहु-विषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देती है। पाठ्यचर्या में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ पाठपेत्तर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रोद्योगिकी के अनुकूलतम उपयोग पर बल दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य प्रावधान 03/04 वर्षीय बहु-संकायी स्नातक पाठ्यक्रम समस्त पाठ्यक्रम क्रेडिट पर आधारित होने के साथ ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत होंगे।
03/04 वर्षीय बातक पाठ्यक्रम को विद्यार्थी अधिकतम 07 वर्षों में पूर्ण कर सकता है। पाठ्यक्रम अवधि में विद्यार्थी बहु-प्रवेश बहु-निकास प्रावधान के अंतर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण कर किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे उस संकाय के अंतर्गत ‘सर्टिफिकेट’ दो वर्ष पूर्ण कर छोडऩे पर ‘डिप्लोमा’ की उपाधि दी जाएगी एवं तृतीय वर्ष पूर्ण करने पर ‘आतक’ की उपाधि प्राप्त कर पाठ्यक्रम को छोड़ सकता है। जिन विद्यार्थियों को विषय विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने या शोध करने की इच्छा हो वे पाठ्यक्रम को निरंतर चौथे वर्ष में जारी
रख सकते हैं एवं ‘आनर्स/आनर्स विथ रिसर्च’ की उपाधि चौथे वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं। इस नीति के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैतिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। सतत आतंरिक मूल्यांकन में 30 फीसदी अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70 फीसदी अंकों का प्रावधान रखा गया है। विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए इन दोनों को मिलाकर (आतंरिक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा) कुल 40 फीसदी प्राप्त करना अनिवार्य होगा।