रायपुर
![सरकार ने प्रदेश के अल्पसंख्यक स्कूलों की जानकारी मांगी सरकार ने प्रदेश के अल्पसंख्यक स्कूलों की जानकारी मांगी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719577944antralaya_indrawati_bhawan_1.jpg)
ये स्कूल नियम विपरीत आरटीई राशि वसूल रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जून। संचालक स्कूल शिक्षा (डीपीआई) ने संगठन की पहल पर सभी जिलों से अल्पसंख्यक मसीही मुस्लिम, जैन सिख समाज द्वारा संचालित स्कूलों की जानकारी मांगी। यह पूरी जानकारी एक सप्ताह के भीतर जिला शिक्षा अधिकारियों को देनी होगी। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम के आदेश अनुसार के तहत अल्पसंख्यक शालाओं पर आरटीई प्रावधान लागू नहीं होंगे। इसके तहत इन विद्यालयों की मांग अमान्य किए गए थे। बावजूद इसके इन शालाओं के द्वारा शिक्षण शुक्ल की मांग की जा रही है। डीपीआई ने सभी डीईओ से कहा है कि जिलों में संचालित अल्पसंख्यक विद्यालय आरटीई के अंतर्गत एडमिशन के बाद अल्पसंख्यक घोषित किए गए हैं। उनमें वर्तमान में पहली से 12 कक्षा तक कितने बच्चे अध्ययनरत है यह जानकारी दी जाए। साथ ही अल्पसंख्यक स्कूल घोषित होने की तिथि से भुगतान की लंबित राशि की भी जानकारी देनी होगी।
इससे पहले 10 जून को छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पत्र लिखकर इस मामले पर संज्ञान लेने कहा था ।
एसोसिएशन ने कहा है कि अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून लागू नहीं होता लेकिन प्रदेश में ऐसे बहुत से स्कूल हैं जो शुरू सामान्य स्कूल के रूप में हुए थे और इनमें शिक्षा के अधिकार कानून के तहत विद्यार्थी अध्यनरत है लेकिन अब वह अल्पसंख्यक स्कूलों की मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
इन विद्यालयों का स्वरूप बदलने के कारण अब इनमें विद्यार्थियों का प्रवेश नहीं हो रहा है तथा यह आर टी ई के पोर्टल से भी हट गए हैं। वर्तमान में इन स्कूलों में पूर्व से अध्यनरत विद्यार्थियों की प्रतिपूर्ति राशि इन स्कूलों को नहीं मिल पा रही है। कुछ स्कूलों ने पूर्व प्रवेशित आर.टी.ई. के विद्यार्थियों को पढ़ाने से मना कर दिया था जिसकी शिकायत मंत्री तक भी पहुंची थी। ऐसे स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए इस बाबत नीतिगत निर्णय शासन स्तर पर किये जाने की आवश्यकता है।