बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 जुलाई। बलौदाबाजार जिला स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में नित नए प्रगति के सोपान तय कर रहा है। इसी कड़ी में जिले के पलारी ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गिधपुरी और सिमगा के दामाखेड़ा को गुणवत्ता पूर्ण सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र दिया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम पी महिस्वर के अनुसार राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र (एन क्यू ए एस) उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय स्तर से दिया जाता है। इसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय इन तीन स्तरों पर मूल्यांकन होता है। अंतिम मूल्यांकन हेतु अन्य प्रदेश से निरीक्षण टीम आती है। 70 प्रतिशत से अधिक के स्कोर पर ही स्वास्थ्य संस्था को यह प्रमाण पत्र मिलता है।मूल्यांकन में गिधपुरी को 81.29 तथा दामाखेड़ा को 88.77 प्रतिशत अंक मिले हैं।
मूल्यांकन में आठ बिंदु मुख्य होते हैं-सुविधा उपलब्धता,मरीज के अधिकार ,इनपुट ,सपोर्ट सर्विस,क्लीनिकल सर्विस,संक्रमण रोक, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम। सीएमएचओ के अनुसार तैयारी हेतु सिमगा और पलारी के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ पारस पटेल और डॉ बी एस ध्रुव को मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दी गई थी। उनकी देखरेख में उक्त स्वास्थ्य केंद्रों के समस्त स्टाफ के सामूहिक प्रयास और मेहनत से यह उपलब्धि हासिल हो पाई है। इस प्रकार जिले में अब कुल 12 स्वास्थ केंद्र हैं जो यह गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं। इन दो संस्थाओं से पूर्व कटगी, बरपाली,हथबंद,जर्वे,मोपका जबकि आयुष्मान आरोग्य मंदिर ससहा,जारा, बया,देवपुर,रामपुर को यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा के अनुसार जिले में इस वर्ष 45 और अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं जो एन क्यू ए एस प्रमाण पत्र हेतु प्रयासरत हैं एवं उन्हें तैयारी हेतु जिले से प्रशिक्षित कर टीम बनाकर सहयोग दिया जा रहा है। आशा है गुणवत्तापूर्ण सेवाओं हेतु उक्त संस्थाओं द्वारा अच्छा प्रदर्शन कर प्रमाण पत्र हासिल किया जाएगा।
नए कानून को लेकर जागरूकता शिविर
कुम्हारी, 4 जुलाई। कुम्हारी पुलिस थाना परिसर में सोमवार को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया यह शिविर देश भर में 1 जुलाई से आईपीसी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने के कारण किया गया।