रायपुर

अनियमित कर्मियों का तूता में प्रदर्शन, रैली भी निकालेंगे
20-Jul-2024 4:36 PM
अनियमित कर्मियों का तूता में प्रदर्शन, रैली भी निकालेंगे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 20 जुलाई ।
अपनी 10 मांगों को लेकर अनियमित  कर्मचारी तूता में प्रदर्शन रहे हैं। इनकी मुख्य मांगों में नियमितीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालिक करने,आउटसोर्सिंग ठेका सिस्टम बंद करना शामिल हैं।   प्रदर्शन के बाद मांगों को लेकर अनियमित कर्मचारी संघ ध्यानाकर्षण रैली निकालेगी।

इस रैली प्रदेश भर से 75 से अधिक अनियमित संगठनों के 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी सम्मिलित होंगे।  आपको बता दें कि संघर्षरत अनियमित कर्मचारियों के मंच पर भारतीय जनता पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता/जनप्रतिनिधियों ने हमारे मंच में आकर हमारी समस्याओं को सुना तथा अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं को भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर इनका यथाशीघ्र निराकरण करने की बात कही है। प्रत्युत्तर में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के सम्पूर्ण प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों की ओर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने हेतु अपना पूर्ण सहयोग व महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आश्वासन दिया गया था, जिसे सहर्ष हमने अपनी जिम्मेदारी पूर्ण की है।
 सहित तमाम बड़े मंत्रियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने की वजह से हड़ताल किया जा रहा है, जिसकी सूचना उच्च स्तर पर भी दे दी गई है।

सोमवार से संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे है। 22 23 जुलाई को इन संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर रहेंगे। इससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगडऩे के आसार हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी माँगों को लेकर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम सांसदों और विधायकों से मिल कर ज्ञापन दिया था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर विवश होकर  हड़ताल करने का निर्णय लिया है। 

एनएचएम और एड्स नियंत्रण मिशन से लगभग 16 हजार से ज्यादा डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल व प्रबंधकीय संवर्ग के कर्मचारी जुड़े हुए हैं। हड़ताल की वजह से इनके काम पर नहीं रहने से मरीजों के परीक्षण, जांच, दवाई, जन्म-मृत्यु पंजीयन, पोषण पुनर्वास, टीकाकरण सहित टीबी, मलेरिया, आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी। इसके अलावा प्रदेश में डायरिया, मलेरिया का प्रकोप चरम पर है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं के पटरी से उतरने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हो।

मिरी ने बताया कि काम कर रहे कर्मचारी मानव संसाधन नीति 2018 से शासित होते हैं। समय के साथ नियमों में बदलाव की आवश्यकता है। नियमितिकरण सहित कुल 18  मांगों तथा गत वर्ष जुलाई में घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री 
 

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