राजनांदगांव
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जुलाई। नक्सलियों के शहीद सप्ताह का पहला दिन बेअसर रहा। नक्सल इलाकों में आम दिनों की तरह लोगों की गतिविधियां रही। बस धड़ल्ले से नक्सल क्षेत्रों में दौड़े। राजनांदगांव रेंज में कहीं भी नक्सलियों की उपस्थिति और उनकी गतिविधियों से जुड़े बैनर-पोस्टर नजर नहीं आए।
आईजी दीपक झा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि नक्सल इलाकों में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति नहीं बनी है। मोहला-मानपुर से लेकर कवर्धा तक यात्री बसें सामान्य रूप से चली। पुलिस सीमा पर अलर्ट है।
आज नक्सलियों की मौजूदगी को लेकर ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। खासतौर पर मोहला-मानपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़ इलाके में लोगों की उपस्थिति बरकरार रही। इस साल भी नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने की अपील की है। शहीद सप्ताह में नक्सलियों की ओर से अंदरूनी इलाकों में मारे गए साथियों की याद में सभाएं होती है। राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन, गोंदिया, राजनंादगांव, बालाघाट और कवर्धा-बालाघाट डिवीजन में नक्सलियों की आमदरफ्त होती रही है।
उधर बालाघाट जिले में नक्सलियों ने 27 जुलाई को बंद का आह्वान किया था। बालाघाट जिले में बंद का असर नजर नहीं आया। नक्सलियों ने बालाघाट जिले के देवरबेली इलाके में एक बैनर भी लगाया था। इधर नक्सलियों के शहीद सप्ताह के पहले दिन मोहला-मानपुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी यात्री बसें निरंतर चलती रही। वहीं साल्हेवारा, बकरकट्टा समेत अन्य नक्सल इलाकों में यात्री बसों समेत अन्य वाहनों की आवाजाही निरंतर होती रही।
आज नक्सल सप्ताह के पहले दिन जिले के घोर नक्सल इलाकों में नक्सलियों की उपस्थिति होने की सूचना नहीं है। वहीं लोग पहले दिन सामान्य दिनों की तरह ही साल्हेवारा, बकरकट्टा, खडग़ांव समेत अन्य नक्सल क्षेत्रों में आवाजाही करते नजर आए।