सरगुजा

गोधन न्याय योजना गोपालकों के लिए बना अतिरिक्त आय का जरिया
29-Dec-2020 6:39 PM
गोधन न्याय योजना गोपालकों के लिए बना अतिरिक्त आय का जरिया

अब तक 1 करोड़ 12 लाख से अधिक राशि गोबर विक्रेताओं के खाते में अंतरित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,29 दिसम्बर। गोबर अब पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर के विक्रय से राशि प्राप्त होने से पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल रहा है। सरगुजा जिले के 158 गौठानों में 10 वें चरण के अंतर्गत अब तक कुल 56184.36 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है जिसके एवज में 1 करोड़ 12 लाख 36 हजार 827 रूपए की राशि का भुगतान पंजीकृत पशुपालकों के खाते में अंतरित किया गया है। सरगुजा जिले में अभी तक 56184.36 क्विंटल गोबर क्रय किया गया है तथा 40 हजार 377 किग्रा वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। सरगुजा जिले में क्रय गोबर के शत प्रतिशत उपयोग हेतु वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के अलावा गोबर से निर्मित अन्य उत्पादों जैसे दीया, गोबर गमला, तुलसी चौरा, गौकाष्ठ, धूप अगरबत्ती, मूर्ति आदि का निर्माण महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है जिससे समूह की महिलाओं को लगभग 84000.00 रूपये का लाभ मिल चुका है।

सरगुजा जिले में अभी तक 40 हजार 377 किग्रा वर्मी कम्पोस्ट उद्यान विभाग, वन विभाग तथा किसानों को विक्रय किया गया है। जिसके एवज में 323640 रूपये गौठान समितियों के खाते में अंतरित किया गया है। वर्मी कम्पोस्ट के अधिकतम विक्रय मूल्य प्राप्त करने हेतु उसमें आवश्यक सूक्ष्मजीव मिलाकर उसकी गुणवत्ता बढाई जा रही है एवं विक्रय हेतु विभिन्न कम्पनियों से चर्चा चल रही है। सरगुजा जिले में 40 हजार 377 किग्रा वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से प्राप्त 3 लाख 23 हजार 640 रूपये स्व-सहायता समूहों एवं गौठान समिति को प्रदान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पिछले दिनों वर्मी कम्पोस्ट विक्री हेतु पूर्व निर्धारित 8 रूपए प्रतिकिलों की दर में 2 रूपए वृद्धि करते हुए 10 रूपए प्रति किलों ग्राम कर दिया गया है। सरगुजा में कुल स्वीकृत 2 हजार 573 वर्मी टैंक के विरूद्ध 2 हजार 33 वर्मी टैंक बन चुके हैं।

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