रायगढ़
रायगढ़, 4 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायगढ़ आगमन पर शिव सेना द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद उद्योग नहीं लगने पर संबंधित उद्योग प्रबंधन से किसानों की जमीन को लौहण्डीगुड़ा की तर्ज पर वापस दिलाने तथा उद्योग प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों के नाम से खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित करने सहित तीन सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
शिव सेना प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश जैन व जिला अध्यक्ष अमित विश्वास के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शिव सेना की ओर से तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि जिले के पूर्वांचल क्षेत्र कुकुरदा, छुहिपाली में तकरीबन 10 वर्ष पूर्व जेएसडब्ल्यू द्वारा उद्योग लगाने के नाम से किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद आज पर्यंत उद्योग लगाने के लिए एक ईंट भी नहीं लगी है। ऐसे में किसानों को न तो रोजगार मिल पाया ओर न ही वे खेती कर पा रहे हैं। कुछ किसान आजीविका के लिए उद्योग द्वारा अधिग्रहित जमीन पर खेती कर भी रहे हंै तो उनका पंजीयन नहीं हो पाने की वजह से उन्हें ओने पौने दाम पर फसल बेचना पड़ रहा है। जेएसडब्ल्यू के अलावे गोदावरी एनर्जी, वीसा पावर, जिंदल इंडिया, पाटनी पावर सहित अन्य कुछ उद्योग ऐसे हैं जो अधिग्रहित भूमि पर उद्योग नहीं लगाए हैं। लौहण्डीगुड़ा की तर्ज पर किसानों के हित मे उद्योगों से उनकी जमीन वापस दिलवाई जाए। इसके साथ ही इन कंपनी द्वारा मुलाजीमों के नाम से खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री भी शून्य घोषित की जाय। राजस्व बढ़ाने के नाम पर प्रदेश सरकार द्वारा वर्षों से नजूल भूमि पर काबिज लोगों से जमीन के एवज में 152 प्रतिशत राशि जमा करने का निर्णय गरीब जनता के साथ अन्याय है। नजूल जमीन पर वर्षों से काबिज गरीब परिवार को निशुल्क पट्टा दिए जाने व सब्जी उत्पादक किसानों के लिए प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में पृथक से बाजार विकसित करवाया जाए।