दुर्ग
![प्रदूषण फैला रहे एसीसी सीमेंट प्लांट को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कराया बंद, गाइडलाइन का पालन करने पर ही मिलेगी अनुमति प्रदूषण फैला रहे एसीसी सीमेंट प्लांट को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कराया बंद, गाइडलाइन का पालन करने पर ही मिलेगी अनुमति](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609866718609864629033.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर 5 जनवरी। प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानक से अधिक पर्यावरण में प्रदूषण फैला रहे जामुल स्थित एसीसी सीमेंट कंपनी को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल दुर्ग द्वारा बंद कराया गया है ।
मंडल द्वारा जारी आदेश में निर्धारित मानक को प्राप्त करने पर ही पुनः कंपनी में उत्पादन शुरू किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल दुर्ग की क्षेत्रीय अधिकारी डॉ अनीता सावंत ने बताया कि विगत दिनों कार्यालय से निरीक्षण के लिए मंडल की टीम एसीसी कंपनी गई हुई थी। इस टीम के द्वारा देखा गया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए एसीसी प्रबंधन द्वारा लगाए गए यंत्र बंद पड़े हुए हैं। रॉ मैटेरियल (कच्चा माल) भी जिस स्थिति में रखा गया था। उसके कारण भी प्रदूषण बढ़ने की संभावना बनी हुई थी। संयंत्र की चिमनी से निकलने वाले धुंआ के कारण भी पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही थी। इसके अलावा प्रबंधन के भीतर साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है चौतरफा धूल बनी हुई है। संयंत्र प्रबंधन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रित करने एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य भी नहीं किए जा रहे हैं वर्तमान स्थिति पर्यावरण नियंत्रण के लिए निर्धारित गाइडलाइन के ठीक विपरीत बनी हुई है ।इसके कारण मंडल द्वारा एसीसी प्रबंधन को उत्पादन बंद कर सभी मानकों के अनुसार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आदेशित किया गया है। प्रदूषण के लिए निर्धारित गाइडलाइन के तहत सुधार किए जाने के पश्चात ही पुनः प्लांट शुरू करने के लिए मंडल द्वारा अनुमति दी जाएगी।
गौरतलब हो की पर्यावरण संरक्षण मंडल दुर्ग के द्वारा 31 दिसंबर को एसीसी सीमेंट कंपनी जामुल को बंद करा दिया गया है इसके कारण विगत 5 दिनों से सीमेंट प्लांट बंद है। पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए एसीसी प्रबंधन के द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए संयंत्र के मुख्य गेट के पास से ही सड़क के दोनों और पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। ताकि गाइडलाइन का पालन किया जा सके। दूसरी ओर एसीसी सीमेंट प्लांट जामुल के मानव संसाधन विभाग के उप महाप्रबंधक अनिल सिंह से इस विषय में जानकारी लेने का प्रयास किया गया जिनके द्वारा दूरभाष पर अपना कोई भी अभिमत नहीं दिया गया।