महासमुन्द

जिले में ब्लैक स्पॉट की संख्या बढक़र 9 हुई
17-Jan-2021 4:50 PM
जिले में ब्लैक स्पॉट की  संख्या बढक़र 9 हुई

चिन्हित 9 ब्लैक स्पॉट में से 6 एन एच- 53 पर, एन एच- 353 पर तीन 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 17 जनवरी।
जिले में लगातार हो रहे सडक़ हादसे ने ब्लैक स्पॉट की संख्या बढ़ा दी है। पहले महासमुन्द जिले में केवल पांच ब्लैक स्पाट थे। पिछले साल 2020 में जिले में चार नए ब्लैक स्पॉट बनाए गए। चार नए ब्लैक स्पॉट के साथ ही जिले में अब कुल ब्लैक स्पॉट की संख्या 9 हो गई है।

जिले में कोमाखान में दो, बसना में दो, सांकरा में दो, पटेवा में एक,  पिथौरा में एक और बागबहारा में एक ब्लैक स्पॉट हैं। नए बने ब्लॉक स्पॉट में दो कोमाखान और एक-एक बागबहरा और बसना में बनाया गया है। इन चारों जगहों पर साल 2020 में 13 सडक़ हादसे हुए हैं जिसमें 12 लोगों ने अपनी जान गवाई है। ब्लैक स्पॉट की सूचि में कोमाखान की धमाकेदार इंट्री हुई है। पिछले चार नए ब्लॉक स्पॉट में कोमाखान के दो हैं। कोमाखान में मेमन पेल्ट्री फॉर्म, कासीबहरा और प्राइमरी स्कूल से काली मंदिर, टेमरी को ब्लॉक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। मेमन पेल्ट्री फॉर्म, कासीबहरा के पास पिछले तीन साल में 5 सडक़ हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है।

इसी तरह प्राइमरी स्कूल से काली मंदिर, टेमरी के पास पिछले तीन साल में 9 सडक़ हादसे में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावे न्यू गिल ढाबा से सलहेतराई स्कूल गेट, बसना में 7 सडक़ हादसों में 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि खोपली पड़ाव, बागबाहरा के पास ब्लैक स्पॉट के पास पिछले तीन साल में 7 सडक़ हादसे हुए हैं, जिसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में चिह्नित किए गए 9 ब्लैक स्पॉट में से 6 ब्लैक स्पॉट नेशनल हाईवे 353 पर हैं। वहीं नेशनल हाईवे 353 पर तीन ब्लैक स्पॉट चिह्नांकित किया गया है। नेशनल हाईवे 353 पर चिह्नित किए गए सभी ब्लैक स्पॉट पिछले साल 2020 में किए गए हैं। नेशनल हाईवे पर पिछले साल एक ब्लैक स्पॉट को चिह्नित किया गया। 

इससे पहले 5 ब्लैक स्पॉट जिले में थे और सभी नेशनल हाईवे 353 पर थे। नेशनल हाईवे 353 लोगों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है। पिछले तीन साल के मौतों पर भी नजर डालें तो नेशनल हाईवे 353 पर 18 मौतें हुई है। वहीं नेशनल हाईवे 353 पर पिछले तीन साले में 33 लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक एक ही जगह 500 से 700 मीटर एरिया में अगर तीन साल में पांच या इससे ज्यादा हादसे या 10 या इससे ज्यादा मौतें होती है, तो उस एरिया को ब्लॉक स्पॉट का दर्जा दे दिया जाता है। अगर एक ही साल के अंदर किसी जगह पर पांच हादसे या 10 से ज्यादा मौत हो, तो उसे एक साल के अंदर ब्लॉक स्पॉट का दर्जा मिल जाता है। 
 

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