रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 फरवरी। मिक्सोपैथी के विरोध में आईएमए से जुड़े प्रदेश के दर्जनों डॉक्टर आज दूसरे दिन भी अपने-अपने अस्पतालों में भूख हड़ताल पर रहे। उनका कहना है कि मिक्सोपैथी से अधूरे ज्ञान के साथ आधे अधूरे सर्जन समाज में आएंगे और लोगों की जान के लिए खतरा बनेंगे। उनकी मांग है कि इन पद्धतियों को आपस में मिश्रित ना किया जाए।
केंद्र सरकार ने विभिन्न चिकित्सा पद्धातियों जैसे-आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी आदि को आधुनिक एलोपैथिक पद्धाति से इलाज-ऑपरेशन की अनुमति दे दी है, जिसका देशभर में विरोध शुरू हो गया है।
इसी क्रम में प्रदेश के डॉक्टर भी हड़ताल से जुड़ गए हैं। पहले दिन वे रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे रहे। आज दूसरे दिन वे सभी अपने-अपने अस्पताल में बैठकर भूख हड़ताल करते रहे। इनमें डॉ. अब्बास नकवी, डॉ. जावेद अली खान, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ.फिरोज मेमन व डॉ.मनोज सोनी शामिल है। डॉ.संदीप दवे, डॉ. संजय शर्मा, डॉ.प्रवास चौधरी व डॉ. प्रणय जैन ने समर्थन किया।
आईएमए मेडिकल बोर्ड अध्यक्ष डॉ.राकेश गुप्ता का कहना है कि आईएमए स्वास्थ्य सेवाओं की सभी पद्धतियों का सम्मान करता है, लेकिन इसके आपसी मिश्रण के विरोध में है। हर पद्धति में बीमारी की पहचान व इलाज सिद्धांत बिल्कुल अगल है। उनका कहना है कि एक डॉक्टर को एक ही पद्धति से पूरी जानकारी हासिल करने में कई साल बीत जाते हैं। इसके बाद भी उन्हें आगे और पढ़ाई की जरूरत पड़ती है। इन डॉक्टरों को भी सभी पद्धति से इलाज की अनुमति देना आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा।