रायपुर

ऐसी शिक्षा प्रदान करें कि यहां से निकलने के बाद विद्यार्थी कहे कि मैंने 36गढ़ में शिक्षा ली-राज्यपाल
02-Feb-2021 5:09 PM
ऐसी शिक्षा प्रदान करें कि यहां से निकलने के बाद विद्यार्थी कहे कि मैंने 36गढ़ में शिक्षा ली-राज्यपाल

आम जनता से मिलने का वल्र्ड रिकॉर्ड उइके के नाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 फरवरी।
निजी विश्वविद्यालय ऐसी शिक्षा प्रदान करे कि यहां से निकलने वाले विद्यार्थी देश के बाहर जाकर भी यह कहें कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा प्राप्त की है। कोरोनाकाल में निजी विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन शिक्षा तथा अन्य माध्यमों से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया है, यह सराहनीय है। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के 16वें स्थापना दिवस समारोह में कही। 

राज्यपाल सुश्री उइके का नाम आम जनता से मुलाकात करने के लिए वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इस समारोह में गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड संस्था द्वारा राज्यपाल को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें 29 जुलाई 2019 से 06 जनवरी 2021 तक एक राज्यपाल के रूप में 10 हजार 849 लोगों से मुलाकात करने एवं उनकी समस्या सुनने के लिए दिया गया। राज्यपाल को उपस्थित सभी निजी विश्वविद्यालयों ने अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मान किया। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने भी राज्यपाल को विशेष अभिनंदन पत्र प्रदान किया।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र गुणवत्ता बनाएं रखें। पहले की अपेक्षा विश्वविद्यालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है परन्तु आवश्यकता है कि मानकों के अनुरूप अपने आप को ढालें तथा यह प्रयास करें कि सभी वर्गों तक उच्च शिक्षा की पहुंच हो। मेरा मानना है कि शिक्षा प्रदान करने का काम सबसे पुण्य का कार्य है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होना चाहिए। शिक्षण संस्थाओं को किसी भी प्रकार की राजनीति से मुक्त रखना चाहिए ताकि विद्यार्थियों की संस्थाओं के प्रति विश्वसनीयता बनी रहे। राज्यपाल ने निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग और सभी निजी विश्वविद्यालयों को स्थापना दिवस की बधाई दी।

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल को इस कार्यक्रम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि इस उम्र में भी इतने ऊर्जावान है और कार्य करते हैं, यह तारिफ के काबिल है। इससे यह प्रदर्शित होता है कि यदि किसी व्यक्ति के मन में काम करने की प्रबल इच्छा हो तो कभी भी बुढ़ापा या उम्र बाधा नहीं बनता और वह अवश्य लक्ष्य की प्राप्ति करता है। सभी निजी विश्वविद्यालय प्रयास करें कि छत्तीसगढ़ को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सबसे सर्वोत्तम मनाएं। विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति से जुड़े पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करें।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के द्वारा आयोजित वेबिनार के स्मारिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, डॉ. सी.व्ही. रमन विश्वविद्यालय, मैट्स विश्वविद्यालय, कलिंगा विश्वविद्यालय, आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, आईटीएम विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय, आईएसबीएम विश्वविद्यालय, एएएफटी यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया आर्टस, श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, के.के. मोदी यूनिवर्सिटी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति एवं कुल सचिव उपस्थित थे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news