महासमुन्द

ग्राम नर्रा में फिर बवाल, चार महीने पहले दर्ज मामले में गिरफ्तारी का विरोध, सडक़ जाम
08-Feb-2021 4:54 PM
ग्राम नर्रा में फिर बवाल, चार महीने पहले दर्ज  मामले में गिरफ्तारी का विरोध, सडक़ जाम

पुलिस पार्टी पर ग्रामीणों ने हमला किया था- आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 8 फरवरी।
ग्राम नर्रा में पुलिस कार्रवाई को लेकर चार महीने बाद फिर से ग्रामीणों ने पुलिस पार्टी पर हमले के आरोप में गिरफ्तार तीन युवकों को छोडऩे और दर्ज अपराध शून्य करने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। 

ग्रामीणों ने रविवार को गांव से जुडऩे वाले तीन सडक़ों खरियार रोड, कोमाखान, नर्रा, खट्टी और नर्रा-कोमखान मार्ग को जाम किया। साथ ही गांव में बैठक लेकर पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी का विरोध किया। रविवार को सुबह से ही ग्रामीणों में काफी आक्रोश था। हालांकि देर शाम 5 बजे के आसपास पेड़ हटाकर सडक़ों को आवाजाही के लिए फिर से खोल दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि नर्रा में चार महीने पहले हुए मामले की जांच के लिए तीन युवकों को बयान दर्ज कराने के बहाने महासमुन्द पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया गया था। यहां युवकों का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यदि युवकों को गिरफ्तार करना ही था तो गांव से गिरफ्तार करते।

इसी बात को लेकर ग्रामीण रविवार को आक्रोशित थे। ग्रामीणों ने तीनों रास्तों को बंद कर गांव में धरना दिया। ग्रामीणों की मांग है कि गिरफ्तार तीनों युवकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और उनके खिलाफ  दर्ज अपराध को भी शून्य किया जाए। गांव के सरपंच गोपाल पटेल ने बताया कि गांव के युवकों को जांच के लिए बुलाकर गिरफ्तार करना गलत है। यदि पुलिस को गिरफ्तार करना ही था तो गांव में आकर गिरफ्तार करते। 

ज्ञात हो कि 30 सितम्बर 2020 की रात कोमाखान थाना क्षेत्र के ग्राम नर्रा में पुलिस पार्टी पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी और पुलिस की तीन गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ भी हुई थी। मामले में कोमाखान थाना में गांव के 7 लोगों के खिलाफ  नामजद अपराध दर्ज है। शुक्रवार 5 फरवरी 2021 को इनमें से तीन युवकों जितेंद्र बेलदार, संजय पटेल और प्रीतम पटेल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जांच के लिए बुलाया गया था। एएसपी के समक्ष तीनों का बयान दर्ज कराने के बाद कोमाखान पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

अब गांव वाले कह रहे हंै कि युवकों को छोड़ा नहीं गया तो थाने का घेराव करेंगे। सरपंच गोपाल पटेल ने बताया कि गांव में लगातार बैठक जारी है। बैठक में उपस्थित सभी का मत है कि तीनों युवकों को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ा जाए और सभी के खिलाफ  दर्ज अपराध को शून्य किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो कोमाखान थाने का घेराव किया जाएगा। सरपंच के मुताबिक ग्राम नर्रा में 30 सितम्बर की रात अवैध शराब बिक्री की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने दूसरे दिन कोमाखान थाने में 7 लोगों के खिलाफ  नामजद अपराध दर्ज किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस गांजा और शराब का अवैध कारोबार करने वालों को संरक्षण दे रही है। बीते 2 दिसम्बर 2020 को भी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोमाखान पुलिस नर्रा गई थी। तब भी ग्रामीणों ने गिरफ्तारी का विरोध किया था, जिसके बाद टीम बैरंग लौट आई थी

बागबाहरा एसडीओपी लितेश सिंह का कहना है कि कोमाखान थाने की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ और पुलिस पार्टी पर हमला करने के मामले में नामजद अपराध दर्ज है। ग्रामीणों को समझाया भी गया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। रविवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में गांव में ग्रामीण जमा हो गए और नर्रा, खट्टी मार्ग का पेड़ की बड़ी-बड़ी डालियां रखकर रास्ता बंद किया। 
 

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