महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 12 फरवरी। गुरुवार को दिन दहाड़े कॉलेज छात्रा की गोली मारकर हत्या में फरार दो अन्य आरोपियों को भी कोतवाली पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है। आज शाम तक न्यायालय में पेश करने के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाएगा।
रूपा धीवर की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी चंद्रशेखर परमार ने पुलिस को बताया है-मेरा मृतक रूपा धीवर के साथ बीते दो सालों से प्रेम-प्रसंग था। हम दोनों साथ-साथ एक ही स्कूल-एक ही कक्षा में पढ़ते थे। उनके घर वालों को मंै पसंद नहीं। इसीलिए उनके घर वाले उसे मेरे खिलाफ भडक़ाते थे और उनके बहकावे में आकर रूपा मुझसे दूर-दूर रहा करती थी। शादी का प्रस्ताव भी रूपा ने ठुकरा दी थी। इसी वजह से मेरा दिमाग फिर गया और मौका देखकर मैंने रूपा धीवर को मार दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रूपा धीवर की हत्या के मुख्य आरोपी ने अपने दो अन्य साथी भरतलाल निषाद एवं गोपाल यादव को इस प्लान में शामिल किया। हत्या में सहयोग करने के लिए 70 हजार रुपए में भरतलाल से बातचीत हुई थी। हत्या के एक दिन पूर्व भी इन आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने बेलसोण्डा तालाब के पास युवती का इंतजार किया लेकिन रूपा घर के बाहर नहीं आई और आरोपियों का प्लान फेल हो गया। दूसरे दिन गुरूवार को फिर वारदात के लिए तीनों रूपा धीवर के घर के आसपास पहुंचे थे।
जानकारी के मुताबिक बेलसोंडा गांव निवासी रूपा धीवर (22) कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी। वह गुरूवार को अपनी बहन हेमलता के साथ गांव में सडक़ किनारे स्थित मेडिकल स्टोर से लौट रही थी। इसी दौरान बाइक सवार तीनों युवक पहुंचे। उनमें से आरोपी ने रूपा को आवाज दी। जैसे ही वह रुकी, युवक बाइक से उतरा और कट्टे से उसकी कनपटी में फायर कर दिया मौके से भाग निकले। पड़ोसियों ने अचेत रूपा को किसी तरह मोटरसाइकिल में सहारा देकर जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन रास्ते में ही रूपा की मौत हो चुकी थी। पोस्ट मार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा और शव के गांव पहुंचते ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और साइबर टीम के साथ जांच शुरू की और अभी परिजनों से बात कर उनके बयान नोट किए जा रहे थे कि इसी बीच आरोपी युवक थाने पहुंचा और समर्पण कर खुद को रूपा का हत्यारा बताया। एडिशनल एसपी मेघा टेंभुरकर साहू के सामने उसने अपना बयान दिया कि उसने हत्या में प्रयुक्त कट्टा दिल्ली से खरीदा था। पेशे से ड्राइवर है। घटना को अंजाम देने के लिए अपने दोस्त गोपाल यादव और भरत निषाद को साथी बनाया। तीनों ने एक दिन पहले भी रूपा को मारने की कोशिश की थी। रूपा नहाने के लिए गांव के तालाब जाती थी, लेकिन उस दिन वो तालाब नहीं गई थी। तीनों तालाब के पास इंतजार करते रहे। दूसरे दिन उसके घर के सामने उसकी हत्या कर दी।
इस घटना का चश्मदीद गवाह रूपा की बड़ी बहन हेमलता है। उसने ‘छत्तीसगढ़’ से बातचीत की और बताया-मैं कुछ दिन पहले ही बेलसोंडा आई हूं। आपरेशन हुआ है मेरा। यहीं जिला अस्पताल में। दोपहर 12 बजे मैं अपनी दवाई के लिए रूपा के साथ गांव के ही मेडिकल स्टोर गई थी। मेडिकल स्टोर से वापस लौटते घर के पास पहुंचे ही थे कि शेखर (चंद्रशेखर) आया। उसने मेरी बहन रूपा का हाथ पकडक़र रोका और बंदूक से गोली मार दी। इसके बाद वह वहां से भाग निकला। मैं देखते ही रह गई। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर मैं चिल्लाई। गोली की आवाज और मेरी चिल्लाहट सुनकर पड़ोसी अपने घरों से निकले और सभी ने रूपा को अस्पताल पहुंचाया।
गांव की महिलाओं का कहना था कि आरोपी चंद्रशेखर को रूपा के घर आते-जाते सभी ने कई बार देखा है। घटना के समय मृतका के पिता घर में नहीं थे। वह पंच है और अपने काम से भगवती हॉटल बेलसोण्डा गया था। बड़ी बेटी हेमलता से फोन पर सूचना मिलते ही वह गांव पहुंचा। तब रूपा घटनास्थल पर ही गली में जमीन पर चित पड़ी हुई थी। रूपा तीन भाई बहनों में सबसे छोटी थी और हाल ही में उसने कॉलेज में दाखिला लिया था।