महासमुन्द

समितियों में क्षमता से अधिक धान जाम, उठाव की रफ्तार काफी धीमी
18-Feb-2021 3:55 PM
समितियों में क्षमता से अधिक धान जाम, उठाव की रफ्तार काफी धीमी

कुछ संग्रहण केन्द्रों का डीओ 20 दिन से कटा है लेकिन धान का उठाव नहीं हो रहा है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 18 फरवरी।
जिले में धान खरीदी पूरे हुए 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी खरीदी केंद्रों में अब भी 31 लाख क्विंटल धान जाम है। धान जाम होने और उठाव की रफ्तार धीमी होने का खामियाजा समितियों को भुगतना पड़ रहा है। कई समितियां बार-बार धान का उठाव तेज करने के सम्बंध में अधिकारियों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन उठाव की रफ्तार काफी धीमी बनी हुई है। 

मंगलवार से मौसम में आए बदलाव के बाद समिति संचालकों की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है। संचालकों का कहना है कि केंद्रों में क्षमता से अधिक धान जमा है। इसके चलते इन्हें ढंकने के साथ अन्य व्यवस्थाएं करने में काफी दिक्कतें आ रही है।  मंगलवार को हल्की बूंदा-बांदी और आगामी दिनों में मौसम विभाग की ओर से बारिश होने की संभावना जारी होने के बाद समिति संचालक काफी परेशान हैं। कई समितियां ऐसी हैं, जहां बफर स्टॉक के कारण रखरखाव में परेशानी आ रही है।

धान खरीदी केंद्र चरौदा में कुल 67 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई। इसमें से 24 हजार क्विंटल धान का परिवहन हुआ है। शेष 43 हजार क्विंटल धान अब भी यहां जाम है। धान को सहेजने के लिए पर्याप्त कवर तो है, लेकिन चूहों और दीमक से धान को बचाने में काफी समस्या हो रही है। प्रबंधक जयप्रकाश साहू के मुताबिकयहां सूखत की समस्या तो है ही लेकिन चूहों ने सबसे ज्यादा परेशान किया हुआ है। समय रहते उठाव नहीं हुआ तो काफी नुकसान होगा। खरीदी केंद्र चौकबेड़ा के अशोक साहू ने बताया कि यहां 40 हजार कट्टा धान परिवहन के लिए बचा है। उच्च अधिकारियों से मिले आदेश के अनुसार 12 हजार कट्टा रोक कर रखना हैं। बागबाहरा संग्रहण केन्द्र का डीओ 20 दिन से कटा है, लेकिन धान का उठाव नहीं हो रहा है।

इसी तरह आमाकोनी सोसायटी में खरीदी की समय-सीमा में किसानों से कुल 80 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। प्राप्त निर्देश के अनुसार केंद्र में 45 हजार कट्टा धान रोक कर रखने के निर्देश मिले हैं। केंद्र में पर्याप्त मात्रा में कैप कवर है, इसलिए धान को कवर करके रखा गया है। फिर भी बारिश से नुकसान तो होगा ही। धान खरीदी केन्द्र सिरको में इस साल पहली बार धान की खरीदी हुई है। इसे नए केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। यहां कुल 50591 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। आज की स्थिति में 25 हजार क्विंटल धान जाम है। केंद्र प्रभारी मनबोध विशाल ने बताया कि बारिश को देखते हुए तिरपाल की व्यवस्था की गई है।

जिले के कई धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं, जहां पिछले 10 दिनों से उठाव ही नहीं हुआ है। बावनकेरा सोसायटी के समिति प्रबंधक ने हाल ही में इस संबंध में पत्र लिखकर जिला विपणन अधिकारी को जानकारी दी है। समिति प्रबंधक का कहना है 4 फरवरी को बागबाहरा संग्रहण केंद्र के लिए डीओ जारी किया गया है, लेकिन आज तक इसका उठाव नहीं हुआ है। 

वर्तमान में केंद्र में बफर लिमिट से 4 गुना अधिक धान जाम है। इससे प्रत्येक बोरी में 200 से 300 ग्राम सूखत की समस्या आ रही है। इसी तरह चौकबेड़ा खरीदी केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 20 दिन पहले धान उठाव के लिए टोकन कटा था, लेकिन अब तक गाडिय़ां परिवहन के लिए नहीं लगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महासमुन्द जिले में कुल 75 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई। इसमें से 31 लाख क्विंटल धान अब भी समितियों में जाम है। जिला खाद्य अधिकारी नितिन त्रिवेदी का कहना है कि धान का उठाव कार्य जारी है। लगातार उठाव हो रहा है।
 

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