महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 19 फरवरी। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी का असर अब महासमुन्द बाजार में दिखने लगा है। इसके चलते खाद्य सामग्रियां महंगी हो गई है और किचन का बजट बढ़ गया है।
महासमुन्द शहर की बात करे तो आज से चार महीने पहले राहर दाल की कीमत 95 से 100 रुपए के बीच थी, जो अब 105 से 110 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। उड़द दाल का दाम 85 से 95 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। इसी तरह खाद्य तेल पर 400 से 500 रुपए प्रति टीपे की बढ़ोतरी हुई है। प्याज की कीमत 45 से 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है जबकि चार महीने पहले यह 18 से 20 रुपए किलो थी।
व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों में इसका असर और देखने को मिलेगा। क्योंकि डीजल के दाम बढऩे से भाड़ा में बढ़ोतरी किए जाने की सूचना ट्रांसपोर्टर ने पहले ही दे दी है।
ज्ञात हो कि 10 महीने में डीजल के दाम में 20 रुपए प्रति लीटर तक बढ़े हैं। अप्रैल में डीजल की कीमत 67.72 रुपए प्रति लीटर थी, आज 87.13 रुपए है। इसका असर किराना, निर्माण सामाग्री, स्टेशनरी, कपड़े, कृषि उपकरणों सहित अन्य सामाग्रियों पर पडऩे की संभावना है। क्योंकि ये सभी वस्तुएं ट्रकों के जरिए अन्य प्रांतों से आती है।
पिछले 10 महीने की बात करें तो रसोई गैस के दाम में 246.50 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई है। मई महीने में रसोई गैस की कीमत 594 थी। वहीं दिसंबर महीने में इसके दाम 765 रुपए पहुंच गए। ट्रक यूनियन महासमुन्द के अध्यक्ष जसबीर सिंह पप्पू मक्कड़ का कहना है कि डीजल का रेट बढऩे से इसका सीधा असर भाड़ा पर पड़ेगा। पिछले कई महीनों से भाड़ा बढ़ा नहीं है। ऐसे में आने वाले दिनों में भाड़ा बढ़ाना ही पड़ेगा नहीं तो नुकसान होगा। इसका सीधा असर खाद्य पदार्थ, सब्जियों सहित अन्य सामाग्री में पड़ेगा।
ट्रांसपोर्टर संजय साहू ने बताया कि डीजल बढऩे का सीधा असर रेत, गिट्टी, ईंट आदि के कीमत में भी देखने को मिल रहा है। पहले महासमुन्द से रायपुर रेत सप्लाई करने पर 1 हाईवा की कीमत 10 हजार थी लेकिन आज 12 हजार हो गई है। इसी तरह गिट्टी की कीमत में भी 1 हजार रुपए बढ़ोतरी हुई है।