महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 20 फरवरी। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जिला कांग्रेस की ओर से कल शुक्रवार को पदयात्रा निकाली गई। ग्राम बेलसोंडा के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय परिसर के सामने से शुरू हुई यह पदयात्रा दोपहर 1.30 बजे महासमुन्द पहुंची। कांग्रेस की पदयात्रा करीब 10 किमी की रही।
कांग्रेसियों ने कलेक्टोरेट परिसर का घेराव किया और कानून को वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि केंद्र द्वारा लाया गया कृषि कानून काला है। इस कानून से किसानों की जमीन निजी हाथों में चली जाएगी। साथ ही एमएसपी की गारंटी समाप्त हो जाएगी। कलेक्टोरेट परिसर के बाहर सभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमरजीत चावला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों का हित नहीं अहित चाहती है। इस कानून को लागू कर केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। इस दौरान संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, अध्यक्ष वन विकास निगम एवं विधायक बसना राजा देवेंद्र बहादुर सिंह, सरायपाली विधायक किस्मत लाल नंद सहित अन्य कांग्रेसी उपस्थित थे।
इस दौरान संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल सर्वाधिक धान की खरीदी हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार सरकारी पूल में चावल लेने से मना कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की हितैषी नहीं है। इसलिए ही तो धान खरीदी की राशि को लेकर, बारदाने को लेकर केंद्र सरकार ने खरीदी में अडंग़ा डालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगाया जा रहा एथेनॉल प्लांट यदि सक्सेस होता है तो किसानों का दोनों सीजन का धान 3500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा। उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
(पदयात्रा के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में वन विकास निगम के अध्यक्ष और बसना विधायक राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून को देशभर में लागू किया जाता है। फिलहाल छग के मुख्यमंत्री ने पहले ही कह दिया है कि हम इस कानून को लागू नहीं करेंगे। इसका देशभर में विरोध जारी है और हम मानकर चल रहे हैं कि यह कानून रद्द होगा। धान खरीदी में अव्यवस्था पर खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि अपने चुनावी एजेंडे में शामिल सभी वादों को एक के बाद निभाने की कोशिश कर रही राज्य सरकार किसानों का हक नहीं मार सकती है। इस बार दुगुनी तादात में धान की खरीदी हुई है, बारदाने भी केन्द्र ने दिए नहीं इसीलिए थोड़ी बहुत अव्यवस्था हुई होगी लेकिन राज्य सरकार बहुत संजीदा है किसानों के उत्पादन की खरीदी और अनाज की रक्षा के लिए।)