महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 20 फरवरी। काव्यांश साहित्य कला पथक संस्थान प्रांतीय कार्यालय महासमुन्द के काव्यांश कला वीथिका में बसंत महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रकाश चंन्द्राकर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संरक्षक बीआर साहू, उमेश भारती गोस्वामी एवं सुशील शर्मा के विशेष आतिथ्य में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान के अध्यक्ष भागवत जगत भूमिल के स्वागत भाषण से हुआ। अध्यक्ष ने अपने स्वागत भाषण में प्रसाधन, परकोटा, बिजली तथा स्वागत द्वार की मांग की। जिसे पालिका अध्यक्ष ने स्वीकार किया। काव्यांश कला विथिका में वसंत पंचमी और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जयंती बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एस चंद्रसेन, साधना कसार, सलीम कुरैशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान बीआर साहू के संगीत निर्देशन में स्वाति जगत ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। अमन साहू ने अपनी पहली प्रस्तुति इंसान के अंदर इंसान नहीं मिलता पेश की। दिनेश चंद्राकर ने चलो सत्कार्य करें ऋतुराज वसंत आया है, शमशाद खान ने मैं ख़ुदगर्ज़़ हूं, मददगार हूं, थानेश्वर निषाद ने सरस्वती वंदना स्वर सुरीली दे दे माता, डा. देवेन्द्र कुमार साहू ने जब बस बैठा सोचता ही रहा कविता प्रस्तुत की।