रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 फरवरी। व्यापार जगत की समस्याओं को लेकर कैट के भारत बंद के आह्वान का छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स ने विरोध किया है, और बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला लिया है। इसको लेकर चेम्बर और कैट के पदाधिकारियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
यह भी पता चला है कि जयपुर की कैट इकाई भी बंद को समर्थन न देने का आह्वान कर चुकी है। इसका साफ-साफ अर्थ यह है कि कैट संस्था भी जीएसटी को लेकर एकमत नहीं है। दूसरी तरफ, कैट ने व्यापार से जुड़ी समस्याओं को लेकर 26 को भारत बंद का आयोजन किया है। जिसके लिए व्यापारी संगठनों के समर्थन की कोशिश की जा रही है। कैट की छत्तीसगढ़ इकाई ने दावा किया है कि प्रदेश के सैकड़ों व्यापारिक संगठनों ने इस बंद को समर्थन देते हुए हुंकार भरी है।
कैट के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने चेम्बर द्वारा बंद का समर्थन नहीं करने पर कड़ी आपत्ति की है। जिस वक्त पूरे देश में किसान आंदोलन चल रहा था और किसानों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था, उस दौरान श्रीचंद सुंदरानी ने प्रधानमंत्री का विरोध करने वाले किसान को चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से समर्थन दिया, अब जब बात व्यापारी हित की है तो केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए इतने बड़े भारत बंद के आयोजन को चैम्बर समर्थन देने से अपने कदम पीछे क्यों हटा रहा है?
विक्रम ने कहा कि सुंदरानी लगातार चैम्बर का दुरुपयोग करते आये है, और कैट द्वारा आयोजित इस बंद को मिल रहे भारी समर्थन से बौखला गए है जिसके चलते अब सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए राजधानी में बंद को प्रभावित करने की नाकाम और असफल कोशिश सुंदरानी करने में जुटे है। विक्रम ने कहा कि प्रदेश के कांकेर, बस्तर, कोरबा, महासमुंद, बिलासपुर, कवर्धा संभाग से व्यापारी भाइयों ने शत-प्रतिशत व्यापार बंद करते हुए समर्थन देने की बात कही है, वही राजधानी रायपुर की बात करे तो तकरीबन 100 से अधिक व्यापारी संगठनों ने कैट छत्तीसगढ़ चैप्टर को पत्र लिखकर अपना समर्थन दिया है जिसके आंकड़े आज 25 फरवरी को और भी बढ़ सकते है।