रायगढ़
इलाज के बाद जंगल में छोड़ा गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 20 मार्च। गर्मी के बढ़ते ही अब वन्यप्राणी जंगल से निकल कर ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में आवारा कुत्तों का अक्सर वे शिकार हो जाते हैं। शनिवार को भी अभ्यारण्य के जंगल से भटके एक सांभर पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। हालांकि वह अपनी जान बचाने के लिए एक तालाब में कूद गया। बाद में ग्रामीणों व फायर वाचरों की मदद से उसकी जान बचाई गई और इलाज के बाद उसे सुरक्षित ढंग से गोमर्डा अभ्यारण्य के जंगल में छोड़ा गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह गोमर्डा अभ्यारण्य सारंगढ़ क्षेत्र के अंर्तगत सराईपाली उत्तर बीट के जंगल से भटकते हुए एक सांभर गांव के करीब तक पहुंच गया। इसके बाद कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। साम्हर अपनी जान बचाने के लिए भागते-भागते तालाब में कूद गया। इसी दौरान सराईपाली तलाब नहाने जा रहे युवा टुकेश्वर मैत्री, मनीष मैत्री, अमरनाथ साहू, धनी सौदागर की नजर सांभर पर पड़ी, तो उन्होंने तालाब से सुरक्षित ढंग से बाहर निकाला। तब तक मामले की सूचना वन अमला को भी लग चुकी थी। इसके बाद फायर वाचर गंगा बरिहा, लक्ष्मी, मोहन सिदार व अन्य वनकर्मी भी पहुंच गए और सांभर को गोमर्डा वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया। जहां डॉक्टर के द्वारा उसका इलाज कराया गया और उसकी बेहतर स्थिति को देखते हुए गोमर्डा अभ्यारण्य के तेंदूढार परिसर के जंगल में छोड़ा गया।
घायल चीतल को भी जंगल में छोड़ा
शुक्रवार को खरसिया वन परिक्षेत्र के बिंजकोट क्षेत्र में एक चीतल पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था। जिसका इलाज किया जा रहा था। इस मामले में खरसिया रेंजर छोटेलाल डनसेना ने बताया कि चीतल की स्थिति पहले से बेहतर होने की वजह से बिंजकोट के जंगल में छोड़ा गया है।
वर्सन
सांभर को कुत्तों ने दौड़ाया, इससे वह तालाब में कूद गया था। जिसे ग्रामीणों व फायर वाचरों की मदद से बाहर निकाला गया और उसका इलाज कराया गया। उसकी बेहतर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों के निर्देशानुसार जंगल में छोड़ दिया गया है।
जितेन्द्र सिंह ठाकुर
डिप्टी रेंजर, गोमर्डा अभ्यारण्य