रायगढ़

मूलभूत सुविधाएं नहीं, ग्रामीणों में रोष कुंए खुदवा लिए पर भुगतान नहीं
23-Mar-2021 5:05 PM
मूलभूत सुविधाएं नहीं, ग्रामीणों में रोष कुंए खुदवा लिए पर भुगतान नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 23 मार्च।
घरघोड़ा तहसील से 12 किलोमीटर दूर ग्राम छोटे गुमड़ा की महिलाएं आज तक विकास के साथ-साथ मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रहे हैं। 
घरघोड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत छोटे गुमड़ा के वार्ड नं  7 के महिलाओं को पीने के पानी तक के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। वार्ड में लगे नल हैण्डपम्प जंग खा रहे हैं। बोरवेल खराब हो गया है। जिसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।  
ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव जहां विकास से महरूम है तो वहीं मूलभूत समस्याओं से यहां से जूझना पड़ रहा है। खासकर ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। गांव में लगे बोर, बोरिंग व नल में जो पानी आता है वो पीने योग्य बिल्कुल नहीं है। सभी जगहों से मटमौला व लाल पानी निकलता है। जिसका उपयोग नहाने एवं बर्तन धोने के लिए ही किया जाता है।

नतीजन गले की प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण व स्कूली छात्र कुंए के पानी का ही उपयोग करते हैं। ग्रामीणों के द्वारा कई बार इस मामले की जानकारी से उन्हें अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

‘छत्तीसगढ़’ को गांव के तोष साहू, राजा शर्मा सहित अन्य युवाओं ने बताया कि उनके गांव में समस्याओं का अंबार है। गांव वालों का कहना है कि गांव में नाली निर्माण नहीं होने की स्थिति में सडक़ों में पानी बहता है। नल-जल योजना के तहत घर-घर नल कनेक्शन दिया गया है, लेकिन नल से निकलने वाला पानी पीने योग्य नहीं है। यही हाल गांव के बोर, बोरिंग का है। इस परेशानी से जूझते हुए गांव वालों ने इसकी शिकायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से कर चुके हैं इसके बाद उनके द्वारा कहा गया कि आप लोग जो सक्षम है वे अपनी लागत से गांव में कुछ-कुछ जगह कुंआ खुदवा लीजिए आप लोगों को इसका भुगतान बाद में कर दिया जाएगा, लेकिन कुंआ खुदवाए एक साल से भी अधिक का समय हो गया। मगर उनको भुगतान आज तक नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों में अपने जनप्रतिनिधि के प्रति आक्रोश भी है। जबकि दूसरी ओर ग्रामवासी कुछ दूर सफर तय कर कुंए से पानी निकालकर पीने का उपयोग कर रहे हैं। 

स्कूली छात्रों ने बताया कि उनके स्कूल में लगे बोर व बोरिंग से लाल पानी आता है। इस वजह से यह पानी पीने लायक बिल्कुल नहीं है। उनके पीने के लिए पानी स्कूल से कुछ दूरी पर स्थित एक घर के कुंए से लाकर दिया जाता है। गर्मी के शुरूआती दौर में ही छोटे गुमड़ा के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।    

गांव के लोगों ने बताया कि स्कूल में संचालित आंगनबाड़ी भवन को दूसरी जगह बनाने के लिए तोड़ दिया गया है और नए आंगनबाड़ी भवन का कार्य भी शुरू हो चुका है, लेकिन एक आंगनबाड़ी भवन साल भर से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अधूरा है। गांव के लोग यहां भी अपने जनप्रतिनिधि पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।  

इस संबंध में क्षेत्र के बीडीसी क्रांति गुप्ता का कहना था कि गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए जनपद अधिकारियों को अवगत कराया गया है। मनरेगा भुगतान कुछ लोगो का नहीं मिला है। जिस पर भी आवेदन दिया गया है। वहीं इस संबंध में जब ग्राम पंचायत के सरपंच व उप सरपंच से समस्या का समाधान में जानकारी लेनी चाही तो न तो वे घर में मिले और न ही उनका फोन उठ सका।

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‘छत्तीसगढ़’ ने इस संबंध में जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता संजय सिंह से इस समस्या से समाधान के संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि संबंधित विभागीय अधिकारी को इस संबंध में ग्राम पंचायत क्षेत्र का मौका मुआयना करके तत्काल सुधार कार्य करवाने और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं।
 

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