महासमुन्द

दो दिनों में 3 कोरोना मरीजों की मौत
13-Apr-2021 8:27 PM
दो दिनों में 3 कोरोना मरीजों की मौत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 पिथौरा, 13 अपै्रल।
क्षेत्र में सोमवार एवं मंगलवार को 3 कोरोना मौते हुई है। कुछ संक्रमित मरीजों के अनुसार उन्हें अस्पताल से उचित सलाह एवं दवा नहीं मिल रही है, जबकि संक्रमितों के सम्पर्क में आने वालों को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी नहीं होने के कारण अभी भी कोरोना की भयावहता बनी हुई है। वही स्थानीय एसडीएम एवं बीएमओ ने बताया कि पूर्व में जरूर थोड़ी अव्यवस्था थी जिसे अब सुधार लिया गया है।

महासमुन्द विकासखंड में सर्वाधिक कोविड मरीज मिलने के बाद पिथौरा में ही सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है। पूर्व में 200 से अधिक प्रतिदिन कोविड टेस्ट के मुकाबले अब प्रतिदिन मात्र 100 से 150 ही टैस्ट हो रहे है। इनमे भी करीब 30 फीसदी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने की बात खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल ने भी स्वीकार की है।

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, उपचार नहीं के बराबर
इधर कुछ संक्रमित मरीजों के परिजनों ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य केंद्र में टेस्ट के बाद पॉजिटिव बता कर घर मे रहने की हिदायत के साथ छोड़ दिया गया। इसके बाद परिजन अखबारों एवं अन्य माध्यमों से मिल रही जानकारी के अनुसार खुद ही जांच हेतु पूरा परिवार अस्पताल पहुंच गया। परन्तु अस्पताल में बच्चों के टेस्ट से इनकार करते हुए संक्रमित की मां एवं पत्नी की जांच कर निगेटिव रिपोर्ट पर उन्हें घर भेज दिया गया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य सोमवार को स्वयम पहुंच कर अपना कोविड टेस्ट करवाए। विगत चार दिन पूर्व संक्रमित मरीज के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के बारे में पूछे जाने पर उसके परिजनों ने बताया कि वे व्हाट्सअप में कुछ लोगों द्वारा डाले गए पोस्ट के अनुसार दवा दुकान से दवा खरीद कर उपयोग कर रहे है। इसी तरह एक अन्य मरीज को भी संक्रमित पाए जाने पर उसे भी घर मे अकेले रहने की हिदायत के साथ छोड़ दिया गया।बहरहाल ये दो मात्र उदाहरण है क्षेत्र में कमोबेश यही स्थिति संक्रमित मरीजो की बताई जा रही है।

पिथौरा क्षेत्र में कोरोना की भयावहता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कल एक वृद्धा की कोविड अस्पताल रायपुर में उपचार के दौरान मौत हो गयी थी। आज दो वृद्ध उपचार के पूर्व ही जान से हाथ धो बैठे। ज्ञात ही कि पिथौरा क्षेत्र में लगातार हो रही कोरोना मौतों ने आम लोगों को दहसत में डाल दिया है। इस संबंध में डॉ. तारा अग्रवाल ने बताया कि वे स्वयम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अधिक प्रभावित ग्रामों का दौरा कर ग्रामीणों को जागरूक कर रही है। परन्तु ग्रामीण तबियत खराब होने के अंतिम समय में ही अस्पताल पहुच रहे है जिससे उपचार का मौका ही नहीं मिल रहा। वर्तमान में ग्रामीणों को कोरोना के प्रथम लक्षण दिखते ही टेस्ट कराने की समझाइस दी जा रही है।

कड़ी कार्यवाही की जाएगी-एसडीएम
होम आइसोलेशन ले कर घर से बाहर घूम रहे कुछ मरीजों की शिकायत लगातार इस प्रतिनिधि की मिल रही थी। इस सम्बंध में स्थानीय एसडीएम राकेश कुमार गोलछा ने बताया कि उन्हें भी शिकायत मिल रही है परन्तु कौन संक्रमित बाहर निकला इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। जानकारी मिलते ही कठोर कार्यवाही की जाएगी।कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग के मामले में श्री गोलछा ने कहा कि पूर्व में अचानक मरीज बढऩे से कुछ अव्यवस्था जरूर थी। जिसे अब सुधार लिया गया है। इसके लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
 

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