महासमुन्द
बाजार बंद, खरीदने वाला कोई नहीं, सब्जी किसान हताश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 17 अप्रैल। खेत- बाडिय़ों में सैकड़ों क्विंटल हरी सब्जियां सूखने की कगार पर है। टमाटर, बैगन, शिमला मिर्च, बरबट्टी, भिंडी, धनिया, गोभी, मिर्च, भाजियां आदि हरी सब्जियां समय पर नहीं तोड़े जाने से धूप में सूख रहे हैं।
किसान कहते हैं कि उन्हें जानबूझकर नहीं तोड़ा जा रहा है क्योंकि मंडी व बाजार बंद है। इसे तोड़वाने में मजदूरी देना होगा, जब मंडी बंद है तो व्यर्थ में मजदूरी क्यों दें? बाड़ी से रोज सब्जी व भाजी निकल रही है, लेकिन किसान उसे बेच नहीं पा रहे हैं। इससे उत्पादन करने वाले किसानों को परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी लोकल बाड़ी वालों को हो रही है। टमाटर की खेती करने वाले किसान असमंजस में है कि फसल में पानी डाले या नहीं। यदि फसल को बचाने के लिए पानी डालते हैं तो वह पकेगा। इसके बाद उसे खरीदने वाला कोई नहीं है। यदि पानी नहीं डालेगा तो सूखकर खराब हो जाएगा।
इस दोनों ही स्थिति में किसानों को नुकसान है। लॉकडाउन के चलते जिले में सब्जी की खेती करने वाले किसान हताश हैं। वहीं भाजी की खेती करने वाले भी किसान परेशान हैं। लॉकडाउन से उनकी फसल चौपट हो रही है। वे भाजी को भी नहीं तोड़ रहे है। भाजी सूखकर बाडिय़ों में ही खराब हो रही है। किसान इस साल भी लॉकडाउन के कारण सब्जी व भाजी को मंडी नहीं भेज पा रहे हैं । खुले बाजार में उपभोक्ताओं को सब्जी नहीं बेच पा रहे हैं क्योंकि साप्ताहिक व दैनिक बाजार प्रतिबंधित है। खेतों एवं बाड़ी से लगातार सब्जी का उत्पादन हो रहा है, इसे किसान खेत में सुखा रहे हैं।
किसानों के मुताबिक अभी आठ दिन का लॉकडाउन ही किसानों को भारी पड़ रहा है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सब्जी बाजार बंद नहीं थे। लेकिन इस बार बंद हैं। बाजार बंद होने से ग्रामीण इलाकों की लोकल बाडिय़ों में हरी सब्जियां व भाजी सूखने व सडऩे लगी है। लोकल बाडिय़ों से अधिकत सब्जियों की आवक शहर के बाजार में होती है। किसान लॉकडाउन को लेकर चिंतित हैं कि यदि लाकडाउन आगे बढ़ा तो इस बार कमर टूट जाएगी।
लॉकडाउन के चलते शहर सहित अंचल में कृषि दवाई व खाद की दुकानें भी बंद है। समय पर यदि दवाईंयों व खाद का छिडक़ाव नहीं किया जाएगा तो फसलों में कीट का प्रकोप बढऩे की आशंका है। मौसम में बदलाव आने के कारण कुछ सब्जियों में कीट का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन दुकानें बंद होने के कारण छिडक़ाव करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।