महासमुन्द

344 मरीज मिले, 6 की मौत
17-Apr-2021 7:08 PM
344 मरीज मिले, 6 की मौत

महासमुंद में कोरोना से मौत का आंकड़ा 200 पार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 17 अप्रैल।
शुक्रवार को जिले में 344 मरीज मिले। जिला अस्पताल की ओर से पुलिस को जाने वाले मर्ग इंटीमेशन के अनुसार शुक्रवार को जिले में 6 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ ही अप्रैल महीने के इन 16 दिनों में ही 41 मौतें हो चुकी है और जिले में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा 201 पर पहुंच गया है। 

पिछली संक्रमण की बात करें तो जिले में 197 दिन में 100 लोगों ने दम तोड़ा था। लेकिन इस बार बीते 123 दिनों में मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 12 महीने में जिले में महासमुंद ब्लॉक में सर्वाधिक 83 मौतें हुई है। वहीं बागबाहरा ब्लॉक में सबसे कम 21 कोरोना संक्रमित ने दम तोड़ा है। इसी तरह पिथौरा ब्लॉक में 29, बसना में 28 और सरायपाली ब्लॉक में अब तक कुल 40 लोगों की मौत हो चुकी है। इस तरह महासमुंद जिले में कोरोना से मौत का आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है। 

पिछले 12 महीने से जिले में जारी कोरोना के प्रकोप के दौरान सर्वाधिक मौतें इस साल अप्रैल महीने में ही देखने को मिल रही है। मालूम हो कि महासमुंद जिले में कोरोना से मौत का पहला मामला 14 जून को आया था। महासमुंद निवासी एक मरीज ने इलाज के दौरान रायपुर एम्स में दम तोड़ दिया था। जून महीने में जिले में केवल चार मौतें हुई थी। वहीं जुलाई में एक भी मौत नहीं हुई थी। कल शुक्रवार को बागबाहरा क्षेत्र के चुरकी गांव निवासी महिला 57 की तबीयत 12 अप्रैल से खराब थी। महिला की तबीयत जब ज्यादा खराब हुई तो उसे 15 अप्रैल को अस्पताल लाना पड़ा। यहां रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद महिला को जिला अस्पताल के कोविड हॉस्पिटल में एडमिट किया गया लेकिन उसने 24 घंटे के भीतर ही दम तोड़ दिया। इसी तरह बोरियाझर निवासी 65 वर्षीय महिला को 3 अप्रैल से कोविड के लक्षण थे। महिला को बुखार कफ के साथ सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद महिला 10 अप्रैल को जिला अस्पताल पहुंची और कोविड टेस्ट कराया। रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उसका इलाज शुरू किया गया। महिला ने कल सुबह 6.15 बजे दम तोड़ दिया। 

एक्सपर्ट पैनल के डॉ.अनिरूद्ध कसार जिला नोडल अधिकारी, डॉ. छत्रपाल चंद्राकर डिस्ट्रिक सर्विलांस ऑफिसर कहते हैं कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की ट्रेसिंग के दौरान देखा गया है कि कई मरीज पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर सहित अन्य जरूरी उपकरण का उपयोग नहीं करते। कंट्रोल रूम से जब मरीजों का हाल-चाल जानने के लिए फोन लगाया जाता है, तो वे सही जानकारी नहीं देते। लेकिन जब तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो यही मरीज बताते हैं कि उन्होंने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन का पालन नहीं किया।

डॉक्टर यह भी कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में पुराने लक्षण के साथ कुछ नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं, जिसे लोग पहचान नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि टेस्ट कराने में देरी हो रही है और तब तक लोग ज्यादा इन्फेक्टेड हो चुके होते हैं। कोरोना के लक्षण में सर्दी, खांसी और बुखार पहले शामिल था। लेकिन दूसरी लहर में बुखार, दस्त, आंखों में लालिमा, पेट में मरोड़ और वीकनेस जैसे लक्षण भी जुड़ गए हैं। ऐसे लक्षण होने पर जांच जरूर कराएं। वैसे जिले में होने वाली ज्यादातर मौतों में लोग पहले अपना क्लीनिकल कंडीशन छिपाते हैं। वे पॉजिटिव आने के बाद ये नहीं बताते कि उन्हें और कौन-कौन सी बीमारियां हैं। 
 

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