रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मई। रमन सरकार में जबरिया रिटायर किए गए पौने दो सौ से अधिक कर्मचारी बहाली का इंतजार कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को बहाली का भरोसा दिया गया था। मगर अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई।
प्रदेश के 189 अफसर-कर्मी अपनी बहाली के लिए अभ्यावेदन देकर सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की नई सरकार के पदारूढ़ होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनिवार्य सेवानिवृत्त किये गए कर्मचारियों को पुन: सेवा में बहाल करने का भरोसा दिया था।
लेकिन नई सरकार के ढाई साल बीतने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुन: बहाली के मामले में लापरवाही बरतने के कारण अब टूटने लगा है, क्योकि मिली जानकारी अनुसार प्रकरण की नस्ती विभागों से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद जुलाई 19 से केबिनेट में रखा जाना है, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लटकाये रखे जाने के कारण पुन: बहाली के प्रकरण अंतिम निर्णय हेतु मंत्रालय में लंबित पड़ा है। यह आरोप राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव एवं छत्तीसगढ़ मंत्रालय- संचालनालय सँयुक्त कर्मचारी अधिकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा ने लगाया है।
यह भी कहा गया था शासकीय सेवकों के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर विचार किया जाए और साथ यह भी निर्देश था कि यदि किसी प्रकरण में यह तय हो जाता है कि जिस व्यक्ति को अनिवार्य रूप से रिटायर किया है, उसे यदि उनके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर विचारोपंरात पुन: सेवा में लिया जाए, तो अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति की तिथि तथा पुन: सेवा में लेने के बीच की अवधि का नियमितिकरण मूलभूत नियम54(ए) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार किया जाए,तदनुसार निर्देश के पालन में विभागों ने अपनी जानकारी समयसीमा में सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत कर दिया है।