महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 16 जून। जिला मुख्यालय में सोमवार की रात युवा नेताओं के तीन अलग-अलग गुट के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि इन गुटों के बीच हाथापाई भी हुई। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और सभी को वहां से भगा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस संगठन ने संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर को नई जिम्मेदारी देते हुए प्रवक्ता बनाया है। बीते सोमवार की रात वे रायपुर से महासमुंद लौटे। संगठन में विनोद चंद्राकर का कद बढऩे से उनके सामने शक्ति प्रदर्शन के लिए युवा नेताओं के तीन अलग-अलग गुट ने तीन अलग-अलग स्थानों पर स्वागत की तैयारी की थी।
तय कार्यक्रम के अनुसार उनका स्वागत भी हुआ और वे घर चले गए। लेकिन उनके जाने के बाद इन गुटों के बीच पाकेटमारी को लेकर जमकर विवाद हुआ और मारपीट भी हुई। मामले की जानकारी मिलते ही विनोद चंद्राकर के पिता सेवनलाल चंद्राकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने युवाओं को समझाईश दी। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
जानकारी के अनुसार संसदीय सचिव के वापस आने पर उनके स्वागत के लिए तीन स्थानों पर तैयारी की गई थी। स्थानीय विठोबा टॉकिज के पास एनएसयूआई के कार्यकारी अध्यक्ष वैंकटेश चंद्राकर अपनी टीम के साथ स्वागत के लिए मौजूद थे। उससे कुछ दूरी पर युवा कांग्रेस के नेता साहिल सरफराज अपनी युवाओं की टीम के साथ मौजूद थे। वहीं बस स्टैंड के भीतर विधायक प्रतिनिधि आवेज खान के नेतृत्व में युवाओं की भीड़ जुटी थी।
संसदीय सचिव जब पहुंचे तो पहले उनका स्वागत विठोबा टॉकिज के पास हुआ इसके बाद कुछ दूरी पर फिर से युवाओं ने स्वागत किया। वहीं बस स्टैंड के भीतर भी आवेज खान के साथ उनकी टीम ने स्वागत किया और धान से संसदीय सचिव को तौला। इसके बाद संसदीय सचिव वहां से घर चले गए। इसी बीच धक्का-मुक्की में एक युवक का हाथ दूसरे युवक की जेब में चला गया तो दूसरे युवक ने पाकेटमारी के शक में उक्त युवक की पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद दूसरे गुट के युवाओं ने भी पहले पिटाई करने वाले को पीट दिया। देखते ही देखते पूरा मामला बिगड़ गया। मामले को तूल पकड़ता देख महासमुंद एसडीएम सुनील कुमार चंद्रवंशी भी पहुंचे लेकिन इस पूरे मामले में जवाब देने से बचते रहे। मामले में कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि राजनैतिक आयोजन कर भीड़ जुटाने की जानकारी नहीं है। ऐसे किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं है। मैं मामले का पता करवाता हूं।
इस मामले में एसडीओपी महासमुंद नारद सूर्यवंशी का कहना है कि बस स्टैंड के पास स्थानीय विधायक के स्वागत के बीच पाकेटमारी की बात को लेकर विवाद हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करके भगा दिया था।