महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 जून। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मुढ़ेना पहुंच मार्ग की हालत पहली ही बारिश में काफी खराब है। हर साल बारिश के दिनों में होने वाले जल जमाव के कारण यहां आए दिन हादसे होते हैं। इस बार भी इस सडक़ पर दो-दो फीट के गड्ढे बन गए हैं।
दो साल पहले इस 1.7 किमी सडक़ के लिए 66.54 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है। लिहाजा मुढ़ेना के ग्रामीण परेशान हैं। शुक्रवार को जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने इस मुद्दे को उठाया।
जानकारी मिली है कि मुढ़ेना सडक़ आज से 15 साल पहले बना था। तब यह महज 2-3 महीने में ही खराब हो गया था। उसके बाद से आज तक आधे दर्जन जनप्रतिनिधि बदल गए, दर्जनों अधिकारी बदल गए लेकिन आज तक इस सडक़ की हालत नहीं बदली। यहां रहने वाले बरसात के दिनों में कीचड़ से सने होते हैं और सूखे के दिनों में धूल का सामना करना पड़ता है। स्कूली बच्चों को आने जाने में काफी तकलीफ होती है। साथ ही साथ महतारी एक्सप्रेस 108, 112 सही वक्त पर नहीं पहुंच पाती हैं। अत: कई लोगों की मौत भी असमय हुई है। इसकी लम्बाई डेढ़ किलोमीटर रोड है जिसे तय करने में आधे घंटे का समय लगता है। कोई भी दुपहिया 20 से ज्यादा की स्पीड में नहीं दौड़ सकती।
उन्होंने जिला पंचायत के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित जिला पंचायत सीईओ से कहा कि साहब आप भी चलकर देखिए, ग्रामीणों को कितनी परेशानी हो रही है? मैं पिछले एक साल से गांव की इस सडक़ के निर्माण के लिए चक्कर काट रहा हूं, लेकिन आज तक मुझे निर्माण संबंधी कोई जवाब नहीं मिल पाया है। जागेश्वर चंद्राकर ने बताया कि मुढ़ेना की इस सडक़ का निर्माण 15 साल पहले हुआ था, जो दो महीने में ही खराब हो गया। सडक़ पर हैवी गाडिय़ां दिन-रात चलती रहती हैं। जिसके चलते सडक़ काफी जर्जर हो गई है। गांव के लोग बारिश में कीचड़ से परेशान रहते हैं और सूखे के दिनों में धूल से।
इस पर अधिकारियों ने बताया कि दो साल पहले सडक़ निर्माण के लिए 66.54 लाख रुपए स्वीकृत हुआ था, लेकिन अब इसकी लागत बढ़ गई है। बैठक में जिला पंचायत विकास निधि पर भी चर्चा की गई। चर्चा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि जिला पंचायत विकास निधि के तहत 1 करोड़ की राशि मिली है। सामान्य सभा में चर्चा के बाद सभी 15 सदस्यों को 5-5 लाख रुपए अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए देने के संबंध में फैसला हुआ। इसके साथ ही शेष 25 लाख रुपए की राशि से जिला पंचायत सभागार के ठीक ऊपर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल के निर्माण की स्वीकृति दी गई। अधिकारियों ने बताया कि पंचायत विभाग से संबंधित वीडियो कॉन्फेंसिंग के लिए कलेक्टोरेट जाना पड़ता है।