रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जुलाई। सरकार दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में गुरूवार को विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। इसमें यह प्रावधान है कि चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय का प्रशासन, नियंत्रण, और चल-अचल संपत्तियों पर कब्जा अधिनियम से प्रभावशील होते ही सरकार को सौंप दिया जाएगा।
महाविद्यालय, छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन होगा। इसमें किसी भी व्यक्ति, जीवित अथवा न्यायिक व्यक्ति, कंपनी, अंशधारक अथवा किसी अन्य संस्था का स्वत्व, और कब्जा-हित खत्म हो जाएगा। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि सरकार में निहित होने के पहले इस संस्था का प्रशासन या प्रबंधन करती थी उसे भुगतान योग्य राशि प्रदाय की जाएगी।
राशि की गणना के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। सरकार ऐसे अधिकारी को प्रतिनियुक्ति कर सकेगी, जैसा कि वह उचित समझे। विशेष अधिकारी सरकार में निहित चल-अचल संपत्ति का मूल्यांकन करेगा। और अधिग्रहण की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए भुगतान योग्य राशि, उप-धारा (1) के अधीन निर्धारित की गई वास्तविक मूल्यांकन राशि की दोगुनी होगी।
यह भी प्रावधान है कि अधिग्रहण के बाद पूर्व के इसके स्वामियों पर, किसी भी जीवित अथवा विधिक व्यक्ति को किसी भी देयता के लिए, सरकार दायित्वधीन नहीं होगी। चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, छत्तीसगढ़ सरकार में निहित होने से पूर्व की देयताएं, उसके पूर्व स्वामियों की देयताएं बनी रहेगी। और विधि की सामान्य प्रक्रियाओं का पालन करते हुए ऋणदाताओं द्वारा उनकी वसूली पूर्व स्वामियों से की जा सकेगी।
यह भी प्रावधान है कि यदि विशेष अधिकारी के द्वारा उसके कार्य के निष्पादन में कोई बाधा कारित किया जाता है, तो वह संबंधित कार्यपालक मजिस्ट्रेड से सहायता मांग सकेगा। और वह ऐसी सहायता देने के लिए बाध्य होगा। कोई भी व्यक्ति सरकार में निहित होने के पहले, चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कचांदूर, दुर्ग छत्तीसगढ़ नियोजन में था चाहे वह नियमित सेवा, संविदा में रहा हो या आउटसोर्स द्वारा हो, छत्तीसगढ़ या उसकी सरकार की सेवा में रहने का कोई दावा नहीं करे।