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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 30 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सुकमा जिले के चहुंमुखी विकास के लिए संकल्प यहाँ के ग्रामीणों के मुस्कुराते चेहरों को देखकर साफ पता चलता है। मुख्यमंत्री भूूपेेेश बघेल तथा प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री, कोण्टा विधानसभा क्षेत्र से विधायक कवासी लखमा के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीण भी शासन की योजनाओं का लाभ लेकर एक खुशहाल जीवन का आनंद ले रहे हैं। शासन प्रशासन के प्रयासों से अब अंदरुनी ग्रामों के लोगों के मन से नक्सलियों के भय के काले बादल छंटने लगे है और विकास की नई रोशनी से उनके जीवन में उजाला हुआ है।
जिले के अंतिम छोर में बसे कोण्टा विकासखण्ड अंतर्गत अति संवेदनशील गांव किस्टाराम में आज ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी साफ झलकती है जब वे अपनी बाड़ी में स्वयं की लगाई साग-सब्जियों का स्वाद लेते हैं। मंत्री कवासी लखमा एवं प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं, उनकी जरूरतों, समस्याओं और चुनौतियों का आंकलन कर जिले के विकास की रणनीति नये सिरे से तैयार की गई, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। किस्टाराम में ग्रामीणों के पास उपजाऊ भूमि तो थी किन्तु बीज की उपलब्धता एवं फसलों की सिंचाई हेतु पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण वे भूमि से लाभ अर्जित करने में असमर्थ थे। मंत्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन , सुकमा द्वारा किस्टाराम के ग्रामीणों के समस्या का समाधान किया गया और क्षेत्र में कृषि कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए डीएमएफ मद से राशि स्वीकृत कर कृषि विभाग को क्षेत्र के कृषकों को बोर, क्रेडा विभाग को सोलर पंप एवं उद्यानिकी विभाग को बीज वितरण का कार्य तत्काल संपादित करने के निर्देश दिए गए।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल बाड़ी विकास योजना के तहत उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषकों को मिनी किट प्रदाय किया गया। जिसमें उन्हें 6 प्रकार के सब्ज्यिों के बीज उपलब्ध हुए। कृषकों को बैगन, टमाटर, लौकी, भिंडी, करेला सहित खीरा बीज प्रदाय किया गया। किस्टाराम एवं धर्मापेण्टा के कुल 46 कृषकों को मिनी किट दिया गया। जिनकी बेहतर देखरेख से उन्हें अच्छी पैदावार मिल रही है। जिससे क्षेत्र वासियों को ताजी हरी सब्जियां बाजार में आसानी से मिलेगी। साथ ही इन सब्जियों को स्थानीय बाजार में विक्रय कर कृषकों की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से सुदृढ़ होगी।
किस्टाराम क्षेत्र के कृषकों को प्रशासन की याजनाओं को लाभ शत प्रतिशत लाभ पहुँचाया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा किस्टाराम क्षेत्र के कृषकों को आवश्यकतानुसार 38 नलकूप प्रदाय किया गया है कि जिसमें किस्टाराम में 15, धर्मापेन्टा में 08 सिन्दूरगुड़ा 08 एलकनगुड़ा 02, मराईगुड़ा (वन) में 03 तथा कोत्तुर के 02 कृषक शामिल हैं। नलकूप खनन के पश्चात् कृषकों को क्रेडा विभाग द्वारा सौर सुजला योजना अंतर्गत सोलर पंप प्रदाय किया जा रहा है जिसकी सहायता से अपने बाड़ी तक पानी की आपूर्ति कर साग सब्जियों को सिंचित कर सकें। किस्टाराम के 09 किसानों को सोलर पंप प्रदाय किया जा चुका है, वहीं शेष 29 किसानों के यहाँ फाउण्डेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अल्प समय में ही उन्हें सौर सुजला योजना से लाभन्वित किया जाएगा। सौर उर्जा का उपयोग कर वे अपनी बाड़ी में लगे साग सब्जियों की अच्छी पैदावार कर आर्थिक लाभ अर्जित कर सकेंगे।
कृषि, क्रेडा एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र किस्टाराम में कृषकों के बीच आशा की एक नई किरण जागी है। वे भी अन्य किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ लेकर एक बेहतर जीवन शैली की तरह अग्रसर हो रहे है। सुकमा जिले का विकास शासन एवं प्रशासन की प्राथमिकता है, जिसके अन्तर्गत जिले के अंतिम छोर में निवासरत अंतिम व्यक्ति तक समस्त योजनाओं का लाभ पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 मई। सर्व आदिवासी समाज द्वारा सुकमा जिले में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया गया। सिलगेर गोलीकांड मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज सुकमा के द्वारा कलेक्टर सुकमा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।
सुकमा कोया समाज ब्लॉक अध्यक्ष संजय सोढ़ी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आदिवासी समुदाय को लगातार नक्सलवाद के नाम पर जेल भेजा जा रहा है, फर्जी मुठभेड़ के नाम पर हत्या की जा रही है और नक्सल संगठन द्वारा भी ग्रामीणों आदिवासियों को पुलिस मुखबिर के नाम, सुरक्षा के लिए तैनात जवान व आदिवासी जवानों एवं ग्रामीणों की हत्या कर रही है, जिसका विरोध सर्व आदिवासी समाज करता है ।
इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार व नक्सली संगठन से अपील करते हंै कि बस्तरवासियों को न फोर्स की जरूरत है, न नक्सलवाद की, बस्तरवासियों को शांत बस्तर, शिक्षित बस्तर, फ़ोर्स व नक्सल मुक्त बस्तर चाहिए। सिलगेर में ग्रामीणों द्वारा कैम्प का विरोध किया जा रहता तो सुरक्षबलों व ग्रामीणों के बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए गोलीबारी में 3 आदिवासी ग्रामीणों की जान गई व 18 ग्रामीण बुरी तरह से घायल हुए है, इस घटना की जिम्मेदारी राज्य सरकार तय करें।
हमारा उद्देश्य साफ है नक्सली संगठन व शासन के बीच की लड़ाई में आदिवासी समुदाय के ऊपर हमेशा खतरा बना रहेगा, सिलगेर में आदिवासियों के ऊपर हुई गोलीकांड के विरोध में प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रर्दशन राज्य सरकार के साथ साथ नक्सली संगठन के खिलाफ भी था।
आगे संजय सोढ़ी ने कहा कि सिलगेर गोलीकांड मामले को लेकर 27 मई को सर्व आदिवासी समाज सुकमा के द्वारा कलेक्टर सुकमा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें सर्व आदिवासी समाज ने निम्नलिखित मांगें रखी- सिलगेर घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच किया जाए। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये व घायलों को 25-25 लाख रूपये की अनुदान राशि प्रदान करे व परिवार की सम्पूर्ण भरण पोषण के लिए परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 मई। पुलिस चौक-चौराहों पर दिन-रात तैनात होकर लॉकडाउन का पालन तो करवाती ही हैं, लेकिन दूसरी तरफ मजबूर लोगों की मदद भी इनके द्वारा लगातार की जा रही है। तेलंगाना से चार मजदूर जिला मुख्यालय पहुँचे, जाना राजनांदगांव था, लेकिन पास में पैसे नहीं थे। जिला मुख्यालय पहुँचने तक उनके पास पैसे खत्म हो गए थे। कोतवाली प्रभारी एकेश्वर नाग को जैसे ही इस बात की सूचना मिली तुरंत वहां पहुँचे। सभी मजदूरों को पहले कोतवाली पुलिस द्वारा भोजन कराया गया और फिर टिकट कराकर बस में उन्हें राजनांदगांव भेजा गया।
कलेक्टर ने ली समय सीमा बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 28 मई। सुकमा जिले में समस्त प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को शाम 6:00 बजे तक संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। किसी भी दुकान संचालक, दुकानदार, सब्जी विक्रेता या किसी व्यक्ति द्वारा कोविड नियमों का उल्लंघन किए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
जिले में अप्रैल माह से लॉकडाउन के कारण अब अनलॉक होने पर बाजारों में भीड़ की स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए सभी नोडल अधिकारी ज्यादा मुस्तैदी से कार्य करें। आज कलेक्टर विनीत नंदनवार ने समय सीमा बैठक में कोविड ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारी कर्मचारियों को जिले में कोविड के नियंत्रण के लिए और भी सजग होकर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आम जन की जरुरतों को ध्यान में रखकर प्रतिष्ठानों के संचालन की अनुमति दी गई है, किन्तु अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे में जरुरी है कि दुकानदारों एवं आम जन द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग तथा अन्य सुरक्षा मानकों का अनिवार्य रुप से पालन किया जाए। नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने की स्थिति में संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अयोजित समय सीमा बैठक में संक्षिप्त रुप में विभागीय कार्यो के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कोरोना ड्यूटी के साथ अपने कार्यालयीन कार्यों को भी प्राथमिकता के साथ संपादित करने निर्देशित किया। मातृत्व वंदना योनजा अंतर्गत ऐसी महिलाएं जिनके बैंक खाते नहीं हैं, तत्काल उनके खाते खुलवाने के निर्देश दिए। तेंदूपत्ता संग्राहकों को राशि भुगतान, गोठानों में वर्मीखाद निर्माण आदि की जानकारी ली। कोण्टा में सुचारु ढंग पीडीएस संचालन के निर्देश देते हुए उन्होंने खाद्यान भण्डारण के साथ ही तत्काल वितरण सुनिश्चित करने को कहा।
आगामी बरसात के मद्देनजर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सभी संसाधनों और बारीश के दौरान होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डायरिया इत्यादी की दवाएं पर्याप्त मात्रा में स्टॉक करने के निर्देश दिए ताकि आपदा की स्थिति में आम जन को त्वरित सहायता एवं स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा सके।
इसके साथ ही सर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी को नालियों की साफ-सफाई पर जोर देने के निर्देश किए जिससे बरसात के दौरान पानी की निकासी की व्यवस्था हो।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 28 मई। प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव दुर्गेश राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुकमा जिला अस्पताल में सी.टी. स्कैन मशीन, ब्लड बैंक वेन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि रेडियोलॉजिस्ट न होने से सुकमा जिले के मरीज दूसरे प्रदेश में सी.टी. स्कैन कराने जाते हैं। आदिवासी क्षेत्र होने के कारण बहुत से ऐसे मरीज हैं जो आर्थिक स्थिति के कारण सी.टी. स्कैन नहीं करा पाते है ।वहीं खासकर सुकमा जिला में हीमोग्लोबिन की कमी होने से महिलाओं को प्रसव के समय परेशानी होती है। जांच के अभाव में उनकी जान भी चली जाती है । इस क्षेत्र में जागरूकता की कमी होने के कारण बहुत से लोग रक्त देने में संकोच करते हैं । वहीं इस जिले में ब्लड बैंक वेन की सुविधा की जरूरत है। जिससे क्षेत्र में सेवा दे रहे जवान एवं नौजवान आसानी से रक्त दान कर सकते है। जो कि आपातकाल में जरूरतमंद को आसानी से रक्त उपलब्ध करवाया जा सकता है ।वहीं दुसरी ओर सुकमा जिले में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ न होने से यहां के बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी दूर नहीं हो पाती है । जिससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है एवं मजबूरी में परिजनों को दुसरे शहर इलाज हेतु जाना पड़ता है। जिस तरह से विगत 01 वर्ष से कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है । उससे मरीजों तथा उनके परिजनों का सुकमा जिले से दुसरे प्रदेश एवं शहर में भी जाना बंद हो गया है। आने वाले समय में कोरोना के तीसरे फेस एवं ब्लैक फंगस की आशंका भी जताई जा रही है । जिससे दूसरे प्रदेश में एवं राज्य के अन्य जिलों में सीमाएं बंद कर दी गई है ।
इससे आने वाले समय में जिले के मरीजों के लिए स्थिति और भी भयावह हो सकती है। दुर्गेश राय ने उक्त समस्याओं का निराकरण करने की मांग रखी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 28 मई। कोरोनाकाल में जहां प्रदेश के साथ-साथ देश भी आर्थिक मंदी से प्रभावित है। लेकिन जिले में वनोपज की भरमार के कारण ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिति काफी तेजी से उभर रही है। तेंदूपत्ता संग्रहण भी लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है।और अनलाक होते ही अमचूर की आवक बाजार में तेजी से बढ़ गई है। साप्ताहिक बाजार बंद होने के कारण व्यापारी गांव-गांव जाकर अमचूर खरीद रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों के पास पैसे आ रहे है और वो बाजारों में खरीदारी भी कर रहे है।
अनलाक के पहले दिन जिला मुख्यालय से लेकर करीब-करीब हर गांवों में अमचूर की खरीदारी जमकर हुई है। जहां पिछले दो माह से बाजारों की रौनक गायब थी, वही ंएकाएक रौनक लौट आई है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में आय का मुख्य स्त्रोत्र अमचूर भी है लेकिन लाकडाउन के कारण अमचूर व्यापारी खरीद नहीं रहे थे। जैसे ही अनलाक हुआ तो पहले ही दिन व्यापारियों ने टनों के हिसाब से अमचूर की खरीदारी की। अमचूर का भाव 70 रू. किलो है ऐसे में हर आदिवासी परिवार के पास अच्छी रकम चली जाती है। इस बार लाक डाउन में अधिकांश गांव वाले जंगलों से आम एकत्रित कर अमचूर भारी मात्रा में बनाई है अब उसे बेच रहे है। वो पैसा अब बाजारों में आ रहा है। पहले ही दिन सुबह से लेकर शाम तक दुकानों में ग्राहक पहुंच रहे थे और जरूरतमंद सामान की खरीदारी कर रहे थे।
लक्ष्य के करीब पहुंचा तेंदूपत्ता खरीदी
प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा के निर्देश पर जिले में लाक डाउन के दौरान वनोपज तेंदूपत्ता तोड़ाई व खरीदारी दोनों चालू थी। लिहाजा तेंदूपत्ता की खरीदारी लक्ष्य के करीब पहुंच चुकी है फिलहाल खरीदी जिले में बंद है। इस साल 90400 मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया था उसके एवज में 73887.52 मानक बोरा की खरीदारी हो चुकी है। जिसका भुगतान करीब 29 करोड़ 55 लाख के करीब है। इतनी बड़ी रकम जिले के हितग्राहियों को नगदी दिया जाऐंगा। जिससे ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और बाजारों में भी रौनक बढ़ेगी।
आदिवासियों के आय का मुख्य स्त्रोत्र है वनोपज
जिले में ग्रामीण इलाकों में आय का मुख्य स्त्रोत्र वनोपज है। जिसमें वर्तमान में तेंदुपत्ता व अमचूर है। तेंदूपत्ता से जिले के करीब 58 हजार हितग्राहियों को सीधे तौर पर मदद मिलती है। तेंदूपत्तासे एक परिवार को अच्छी रकम मिल जाती है। वही अमचूर की भी दरे काफी बढ़ गई है। इस साल 70 रू. किलो खरीदी जा रही है। इससे भी अच्छी मोटी रकम मिल जाती है। लाक डाउन के दौरान इस बार दोनो फसलों पर आदिवासियों ने अच्छा काम किया।
लखमा के प्रयासों से मिल रहा लाभ
जब अविभाजित मध्यप्रदेश के समय मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने तेंदूपत्ताका सहकारीकरण कर दिया था जिसके बाद तेंदूपत्ता खरीदने की जिम्मेदारी प्रबंधकों की हो गई थी लेकिन समय पर न तो तेंदूपत्ता टूट रहा था और न ही खरीदारी जिसका नुकसान आदिवासियों को हो रहा था। जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना और विधायक कवासी लखमा बने तो उन्होंने पहल की और सरकार से मांग की तब कहीं जाकर अविभाजित दंतेवाड़ा जिले में तेंदूपत्ता का निजीकरण हुआ जिसके बाद ज्यादा दरों पर ठेकेदारों ने निविदा ली और आदिवासियों को लाभ हुआ। आज फिर कोरोना काल में मंत्री कवासी लखमा के प्रयासों के कारण जिले के हितग्राहियों को तेंदूपत्ता का नगदी भुगतान हो रहा है।
बोड्डू राजा उपाध्यक्ष जिपं सुकमा ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा के प्रयासों के चलते तेंदूपत्ता का नगद भुगतान की घोषणा हुई जिसके कारण कोरोनाकाल में लोगो को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी। वहीं अनलाक होते ही व्यापारी अमचूर ले रहे है जिसका फायदा आदिवासियों को मिल रहा है। आदिवासियों का दोहरा फायदा के लिए मंत्री कवासी लखमा का आभार व्यक्त करते हैं।
सुकमा, 27 मई। ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने बुधवार को किसानों के समर्थन में काला दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें केन्द्र की मोदी सरकार से 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
फेडरेशन ने कहा कि सभी किसान दल के साथियों के द्वारा लगभग सैकड़ों दिनों तक अपने मांगों को लेकर सडक़ पर बैठ कर जंगी प्रदर्शन किया गया। जिसमें अपने हक की लड़ाई-लड़ते बलिदान दे दिए। किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा, तीनों बिल वापस जल्द लें। प्रदर्शन के दौरान कोरोना महामारी के गाइडलाइन का भी ख्याल रखा। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश नाग, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन जिला उपाध्यक्ष उमेश मरकाम, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ब्लाक उपाध्यक्ष बामन कोर्राम, महेंद्र करतम, गणेश बघेल, जोगा बंजामी, मनोज कर्मा उपस्थित रहे।
सुकमा, 26 मई। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुकमा विनीत नन्दनवार ने 17 मई को थाना जगरगुण्डा अन्तर्गत सिलगेर में हुई घटना की जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर रुपेन्द्र पटेल को जांच दण्डाधिकारी नियुक्त किया है।
डिप्टी कलेक्टर एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी रुपेन्द्र पटेल ने बताया कि इस घटना के संबंध में लिखित या मौखिक साक्ष्य 8 जून तक अवकाश के दिनों को छोडक़र किसी भी दिन कार्यालयीन समय में सुबह 11से शाम 5 बजे तक कार्यालय डिप्टी कलेक्टर रुपेन्द्र पटेल, संयुक्त जिला कार्यालय सुकमा में स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से या पोस्ट के द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
जिपं की सामान्य सभा की बैठक सम्पन्न
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 26 मई। जिला पंचायत सुकमा के सभाकक्ष में कल जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष हरीश कवासी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बोड्डू राजा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कुमार कंवर एवं जिला पंचायत सदस्यों के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कोरोना को संक्रमण के मद्देनजर सामान्य सभा की बैठक संक्षिप्त रूप में आयोजित की गई।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जिला पंचायत के सदस्यों की सहमति पर 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत जिला पंचायत विकास योजना, जिला पंचायत विकास निधि तथा पशुपालन विभाग अंतर्गत वर्ष 2021-2022 के कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया।
जिला पंचायत हरीश कवासी ने कहा कि समय की गंभीरता को देखते हुए हम सभी को शासन प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी किए जा रहे कोरोना संक्रमण से बचाव के निर्देशों का अनिवार्य रुप से पालन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अंदरुनी क्षेत्रों के बीसी सखी द्वारा ग्रामीणों को पेंशन भुगतान, रोजगार भुगतान आदि लेन देन संबंधी कार्यों के लिए बढ़ावा देने की बात कही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 25 मई । भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष दीपिका शोरी ने एनएमडीसी को पत्र लिखकर संभाग के चार जिलों में 100 बिस्तर सर्व सुविधा युक्त कोविड सेंटर की मांग करते हुए लिखा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व के साथ- साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष कौरोनाशिक महामारी से जूझ रहा है, जिससे सम्पूर्ण मानव जाति संकट में है इस महामारी से हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं हमारे बस्तर संभाग के समस्त जिलों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था ना होने के कारण कोरोना से प्रभावित मरीजो को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है कि बस्तर वनांचल एवं जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है यहाँ पर शिक्षा , जागरुकता और जानकारी का अभाव है , ऐसी परिस्थिति में चिकित्सा की अतिरिक्त व्यवस्था की अत्यंत आवश्यकता है। चूंकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की आंशका व्यक्त की है इस परिस्थिति में इससे निपटने हेतु हमारी पूर्ण तैयारी होनी चाहिए मेरा मानना है कि हर परिस्थितियों में एनएमडीसी सदैव बस्तर वासियों के साथ रहा है, इसलिये बस्तर की इन परिरिस्थतियों को देखते हुए बस्तर के सुकमा, दन्तेवाड़ा, जगदलपुर बीजापुर जिलों में एनएमडीसी के द्वारा सर्वसुविधायुक्त 100-100 बिस्तर का कोविड सेंटर खोला जाए जिसमे कमसे कम 50-50 बिस्तर ऑक्सीजन सुविधायुक्त हों ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 24 मई। जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष महेश्वरी बघेल ने तेंदूपत्ता में नगद भुगतान के निर्णय को सराहते हुए मंत्री कवासी लखमा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए जनप्रतिनिधियों- प्रभारियों के समक्ष भुगतान किया जाए। सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश के मार्गदर्शन में प्रभारियों की सूची जारी कर सुकमा कलेक्टर एवं सुकमा डीएफओ को पत्र लिखा।
ज्ञात हो कि बैंकों की कमी व कोरोना वायरस को देखते हुए मंत्री कवासी लखमा ने नगद भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। तेंदूपत्ता संग्रहण के पश्चात संग्राहकों को भुगतान नगद दिया जाएगा क्योंकि आदिवासी समुदाय के आय का मुख्य स्त्रोत है। इस वर्ष 2021 में नगद भुगतान उद्योग मंत्री कवासी लखमा की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तेंदूपत्ता संग्रहण की पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान के महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बस्तर संभाग के कुछ जिलों में नगद भुगतान किया जाना है, जिसमें जिला सुकमा में भी नगद भुगतान किया जाना है। जिला सुकमा के प्रभारियों की सूची जारी कर मांग की है कि इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों को जनप्रतिनिधियों- प्रभारियों के समक्ष भुगतान किया जाए, ताकि हितग्राहियों को उनके पारिश्रमिक का पूरा पैसा मिल सके। हमेशा कई बार यह शिकायत आ चुकी है कि हितग्राहियों को पूरा पैसा नहीं मिल पाता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 23 मई। रविवार को सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी सुकमा जिले के कोन्टा ब्लाक के ग्राम पंचायत एर्राबोर पहुँचकर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए, ग्रामीणों में मास्क और सेनेटाइजर वितरण किया गया। हरीश कवासी के साथ सुकमा जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोड्डू राजा ,कोन्टा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष माड़वी देवा, कोन्टा युवा कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष वैदुल्ला खान ,युवा नेता जयप्रकाश, एर्राबोर सरपंच मडक़म रशमी जी, गगनपल्ली सरपंच ऐंका समेत कांग्रेसी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
नीलामडग़ु के 54 परिवार के लिए भेजा राशन सामान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 23 मई। देशभर में कोरोना का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ और लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूर और छोटे व्यापारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं मगर इन सबके बीच सुकमा के जन प्रतिनिधि कोरोना से प्रभावित हुए लोगों को मजबूत करने सामने आ रहे हैं । मंत्री कवासी लखमा के साथ साथ हरीश कवासी दोनो पिता-पुत्र दोनों ने भी लोगो ंकी मदद के लिए मोर्चा संभाल रखा है।
मंत्री कवासी लखमा ने जहाँ लॉकडाउन से प्रभावित हुए प्रत्येक ठेले वालों को 5 हजार की सहायता राशि दी तो वहीं उनके पुत्र कवासी हरीश अंदरूनी दूरस्थ क्षेत्रों में जरूरतमंद ग्रामीणों तक राहत सामग्री पहुँचा रहे हैं ।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के दूसरे दौर में एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी का मानवीय चेहरा सामने आया है। सुकमा के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र निलामडग़ु के 54 परिवारों को भरपूर राशन भेजा। मेहता पंचायत के आश्रित गांव नीलामडग़ु में दो दिन के भीतर 38 कोरोना मरीज आए सामने, सभी ने होम आइसोलेशन में ही रहने की बात कही, जैसे ही यह सूचना जिला पंचायत अध्यक्ष को मिली। उन्होंने राशन के साथ अपने प्रतिनिधि बंडा सरपंच पण्डरुम बदरैया को वहां भेजा । गाँव के 54 परिवारों को भरपूर राशन वितरण किया गया। हरीश कवासी के इस पहल व सहयोग को देखकर ग्रामीण काफी खुश नजर आए।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
दोरनापाल, 22 मई। सुकमा जिले के सीमावार्ती इलाकों में इन दिनों तेंदूपत्ता का अवैध परिवहन की शिकायतें मिल रही हैं। यह अवैध कारोबार रात के अंधेरे मेंं छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे ओडिशा में तेंदूपत्ता सप्लाई की जा रही है। ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से ओडिशा के ठेकेदार नदी पार कर रहे हैं।
'छत्तीसगढ़' की टीम ने बीते 2 हफ्ते पहले इसकी सूचना कोंटा रेंजर को फोन पर दी थी। जिस पर कोंटा रेंजर द्वारा फील्ड में ऐसा कुछ भी न होना बताते हुआ निगरानी करवाने की बात कही गई थी।
कोंटा और ऐर्राबोर वन प्रबंधन समिति में बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता का अवैध परिवहन करने का मामला सामने आया है, जिसमें फंदीगुड़ा, वंजामगुड़ा, ओडिनगुड़ा समेत आधा दर्जन फड़ों से तेंदूपत्ता की अवैध सप्लाई की जा रही है। मामले की सूचना मिलने पर जब कोंटा समिति के कुछ फड़ोंं की पड़ताल की गई तो रात के अंधेरे में चल रहे काले कारोबार का पर्दाफाश हुआ।
आरोप है कि वन प्रबंधन समिति के जिम्मेदारों की निगरानी में ओडिशा सीमा से लगे शबरी नदी किनारे करीब आधा दर्जन से ज्यादा अवैध फड़ संचालित किये जा रहे हैं। शाम ढलते ही ठेकेदारों द्वारा चोरी छुपे तेंदूपत्ता नावों के माध्यम से पार कर रहे हैं।
ओडिशा के कारोबारियों को रही है अवैध सप्लाई
रात के अंधेरे में आ रहा यह अवैध तेंदूपत्ता ओडिशा के बीड़ी कारोबारियों को सप्लाई होता है। इसके लिए कारोबारी पहले से ही इन गांवों में जाकर पत्ते के लिए संग्राहकों को एडवांस पेमेंट देते हैं। ऐसे में यदि वन विभाग की टीम अवैध परिवहन पर कार्रवाई करती भी है तो उनके हाथ केवल ये मजदूर ही लगते हैं, जबकि यह सप्लाई बड़े कारोबारियों के इशारे पर होती है।
ग्रामीणों ने बताया कि शबरी नदी किनारे ओडिशा के ठेकेदारों ने फड़ बना कर सभी ग्रामीणों का तेंदूपत्ता खरीदा गया। उसके बाद नाव के सहारे तेंदूपत्ता को ओडिशा की ओर पार कर दिया गया।
ग्रामीणों के अनुसार एक गड्डी के एवज में उन्हे 4 रूपये दे रहे हैं। तेंदूपत्ता का भुगतान भी पूरा नहीं दिया गया है। ग्रामीणों के पास से ठेकेदार द्वारा दी गई पर्ची भी बरामद हुई है, जिसमें मेसर्स का नाम लिखा हुआ है जिसके द्वारा तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है।
इस संबंध में सागर जाधव, डीएफओ सुकमा का कहना है कि सीमावर्ती इलाकोंं में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थी, जिसके बाद उन इलाकों में टीम भेजी गई थी। अन्य राज्यों के ठेकेदार तेंदूपत्ता नहीं खरीद सकते। इस संबंध में ओडिसा के मलकानगिरी वन विभाग को भी सूचना दिया गया है। टीम बनाकर इन इलाकों की निगरानी की जा रही है।
कोरोना से 12 नक्सलियों की मौत, ग्रामीण रहें दूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 21 मई। बस्तर में कोरोना को लेकर अब तक आम लोगों में संक्रमण को लेकर चर्चाएं बनी रही। इसी बीच दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में नक्सलियों को कोरोना संक्रमित होने का दावा किया जाता रहा है। जिसके बाद एक आत्मसमर्पित कोरोना संक्रमित दंपत्ति का बयान भी दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा जारी किया गया था। इस घटना के बाद से दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के सरहदी गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से पर्चे गांव-गांव में फेंके गए। यह पर्चे पुलिस के द्वारा फेंके गए और इसमें कोरोना से एहतियात बरतने के निर्देश के साथ-साथ नक्सलियों में कोरोना संक्रमण से 12 नक्सलियों की मौत की बात पर्चे में लिखी हुई है।
इलाके में कैंप के विरोध की पड़ताल पर पहुंची ‘छत्तीसगढ़’ की टीम को ग्रामीणों ने बताया कि बीते दिनों से यहां हेलीकॉप्टर द्वारा पर्चा फेंका जा रहा है, जिसमें कोरोना वायरस से बचने के तरीके और नक्सलियों को कोरोना वायरस होने की बात लिखी हुई है ।
इलाके में ग्रामीणों ने दिखाया कि कौन सा पर्चा हेलीकॉप्टर से फेंका गया है। पर्चे में लिखा है- कोरोना से बचना है, मास्क पहनकर चलों, बार-बार साबुन से हाथ धोओ, सामाजिक दूरी का पालन करो। इसके साथ-साथ सबसे प्रमुख बात जो पर्चे में लिखी है वह यह है कि अब तक 12 नक्सलियों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी है। अत: कोरोना संक्रमित नक्सलियों के संपर्क में आने से बचो। नक्सलियों के बहकावे व जाल में मत आओ।
हालांकि इस पूरे मामले पर ग्रामीणों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी वे कोरोना के संक्रमण का खास ध्यान रख रहे हैं। बाहर से आने वाले ग्रामीणों पर नजर रखी जाती है।
सुकमा, 21 मई। जिला मुख्यालय में वरिष्ठ पत्रकार लीलाधर राठी बिजनेस मार्ट के द्वारा सुकमा ब्रेकिंग न्यूज ग्रुप के सदस्यों के संयुक्त सहयोग से गुरुवार सुबह 8.30 बजे नि:शुल्क खाद्य सामग्री वितरित की गई, जिसमें 1, पुलिस विभाग 2, स्वास्थ्य विभाग 3, नगरपालिका 4, समस्त शिक्षक(कोविड ड्यूटी) 5, पत्रकार वहीं सभी अतिथि सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए (सेल्फ) पैकेट प्राप्त ने किया। इस कार्यक्रम में नगरपालिका उपाध्यक्ष आइशा हुसैन, भाजपा के युवा नेता संजय सोड़ी,नगरपालिका के वार्ड पार्षद गुलाम भाई, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 21 मई । कोरोना से 22 दिन की लंबी लड़ाई के बाद धनदेव ने आखिरकार विजयी प्राप्त की। पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय धनदेव के चेहरे पर प्रसन्नता साफ झलक रही थी।
सुकमा विकासखण्ड के ग्राम सोनाकुकानार निवासी धनदेव बघेल ने 24 अप्रैल को अपना कोरोना जाँच करवाया। विगत दस दिवस से उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और शरीर में दर्द की तकलीफ थी। इसके साथ ही उन्हें साँस लेने में भी परेशानी आ रही थी। परेशानी ज्यादा गंभीर होने पर उन्होंने आखिरकार कोविड जाँच करवाई। 28 अप्रैल को उनकी जाँच रिर्पोट पॉजिटिव आई। जिला कोविड अस्पताल में भर्ती करने के समय धनदेव की हालत बहुत गंभीर थी। भर्ती के समय उनका ऑक्सीजन लेवल मात्र 83 प्रतिशत था। साथ ही तीव्र शारीरिक पीड़ा और हाथ पैर में सूजन भी थी।
डॉ. गिरीश कश्यप ने बताया कि 24 वर्षीय धनदेव को साँस लेने में बहुत कठिनाई हो रही थी, जिसके कारण उनको कोविड अस्पताल के आईसीयू में वेन्टीलेटर पर रखा गया। प्रतिदिन दवाई, उपचार और निरंतर मॉनिटरींग की गई। धनदेव शारीरिक रूप से कमजोर जरूर हो चुका था पर मानसिक तौर पर मजबूत था। 10 दिवस के कठिन सफर को बड़ी हिम्मत के साथ पूर्ण किया। ऑक्सीजन लेवल सामान्य होने पर उन्हें सामान्य बेड पर रेफर किया गया। जहाँ धनदेव को और 12 दिन चिकित्सीय निगरानी में रखा गया। समुचित उपचार के फलस्वरूप 22 दिन में धनदेव पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ऑक्सीजन मास्क हटने के बाद से आज उनका ऑक्सीजन प्रतिशत 95-98 प्रतिशत के बीच है। अंतत: 22 दिन कोविड अस्पताल में बिताने के बाद 20 मई को पूर्णत: स्वस्थ होने के उपरान्त उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
प्रशासन और चिकित्सकों को प्रति जताया आभार
वैश्विक महामारी कोरोना पीडि़त लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग समर्पित भाव से जुटा हुआ है। कोविड को पटखनी देकर धनदेव ने यह साबित कर दिया की सतत् चिकित्सीय उपचार और मजबूत मनोबल से मौत को पछाडक़र जीवन को संवारा जा सकता है। धनदेव ने पूरी तरह स्वस्थ होने पर कोविड अस्पताल के चिकित्सकों, नर्स, स्वच्छता कर्मचारियों और अस्पताल में ड्यूटी कर रहे अन्य कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
कोरोना से ना डरें, समय रहते उपचार करवाएं
धनदेव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि समय पर कोरोना जाँच करवाएं, अन्यथा स्थिति गंभीर हो सकती है। कोविड पॉजिटिव होने पर बिना किसी डर के कोविड अस्पताल आकर इलाज करवाएं। जिला प्रशासन द्वारा यहाँ कुशल चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त किया गया है जिनके देखरेख में मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर अपने घर लौट रहें है। उन्होंने कहा कि वे निर्धारित समयावधि के पश्चात् कोविड का टीका भी अवश्य लगांएगे।
ऑडियो संदेश के माध्यम से पालकों ने सीखी लालन-पालन से जुड़ी बारीकियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 19 मई। बच्चों के विकास में उनके जीवन के शुरुआती सात-आठ साल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पिछले साल 22 मार्च को देश भर में कोविड के चलते लॉकडाउन की घोषणा के फलस्वरुप प्रदेश के आंगनबाड़ी और ऐसी सभी संस्थाएं बंद करनी पड़ीं जहां बच्चों को सीखने-जानने के अवसर मिलते थे। बड़े, बच्चे सभी घरों में बंद हो गए। ये स्थिति कब तक बनी रहने वाली है, अनुमान लगाना कठिन था। पर बच्चों के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण था। अब बच्चों के लिए जानने-समझने का एक ही जरिया बाकी था, उनके पालक जो उनके साथ थे। कोरोना काल के इस विकट दौर में सजग कार्यक्रम से बच्चों के विकास की गति अवरुद्ध नहीं हुई।
इस कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समाज सेवी संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस (सी.एल.आर.) द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से बच्चों के लालन पालन से जुड़ी जरूरी बातों पर आधारित छोटे-छोटे ऑडियो संदेश तैयार किए। जिन्हें लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं परिवारों तक पहुँची और उन्हें जरूरी जानकारी उपलब्ध कराती गई।
हर पंद्रह दिनों में किसी एक जरूरी जानकारी पर आधारित लगभग पाँच मिनट का संदेश सी.एल.आर. द्वारा तैयार किया जाता है। ये संदेश डायरेक्ट्रेट महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों को व्हाट्सएप के जरिए भेजा जाता है। जिसे वो अपने सीडीपीओ को और फिर सभी सीडीपीओ अपने पर्यवेक्षिकाओं को भेजते हैं। पर्यवेक्षिकाएं संदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भेजती हैं।
जिले में कठिनाईयों के बावजूद कार्यकर्ताएं घर-घर पहुंचा रहीं संदेश
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अतुल परिहार ने बताया कि सुकमा जिले में अधिकांश कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल नहीं होने, नेटवर्क नहींं होने के बावजूद सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा मीटिंग में चर्चा कर संदेश की साझा समझ प्रसारित करने का कार्य किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग ने संदेशों को सिर्फ आगे भेजने का काम नहीं किया बल्कि उसे खुद सुना, समझा और फिर पालकों को समझाया। डायरेक्ट्रेट से संदेश जिले के कार्यक्रम अधिकारियों तक पहुँचने के बाद संभाग स्तर पर ऑन लाईन चैपाल का आयोजन के माध्यम से संदेश में कही गई बातों पर गहराई से समझ बनाने का कार्य किया गया। इस तरह सभी स्तरों पर ऑनलाईन चैपाल के माध्यम से अमले के लोग एक दूसरे के अनुभव से सीख पाते हैं और कार्यकर्ता की समझ तैयार कर पाते हैं ताकि वो पालकों को बातें भली-भांति समझा सके। पोषण आहार वितरण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पालकों के घरों में जाकर इन संदेशों को उन्हें सुनाकर जरूरी बातें समझातीं हैं। कार्यकर्ताएँ पालकों से मिलकर उनकी अपनी बोली भाषा में संदेशों को समझाने बात-चीत करती हैं। इसके साथ ही जिन पालकों के पास स्मार्टफोन और व्हाट्सएप जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, उन पालकों के ग्रुप के जरिए भी संदेश पहुंचाया जाता हैं।
सजग अभियान को पूर्ण हुए एक साल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गत वर्ष अप्रैल में छतीसगढ़ राज्य में डिजिटल प्लेटफार्म पर सजग कार्यक्रम की शुरुआत की गई ताकि कोरोना महामारी की स्थिती में भी बच्चों के विकास की प्रकिया निरंतर जारी रहे। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समाज सेवी संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस (सी.एल.आर.) द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के जरिए छोटे बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी साल भर ऑडियो श्रंखला के रूप में पालकों तक पहुंचाई गई।
कोविड के कठिन दौर में सजग ऑडियो की ये कडिय़ां माता-पिता और अन्य परिजनों के लिए बच्चे के विकास में सहायक घर का वातावरण बनाने और बच्चों में भावी जीवन को गढऩे की क्षमता तैयार करने में मददगार साबित हुई है।
सजग ऑडियो संदेशों ने पालकों को खुद को संभालने के तरीके सुझाए। परिवार में तनावमुक्त वातावरण तैयार करने की समझ दी। बच्चों को कैसे संभालें, उनके जीवन की नीव को कैसे मजबूत करें, इसकी जानकारी पालकों को मिली। छत्तीसगढ़ राज्य में करीब सात लाख अभिभावकों तक यह संदेश पहुंच रहे हैं। एक साल बाद अब सजग अभियान अपने दूसरे साल में प्रवेश कर गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत अब अभिभावक कैसे बच्चों के लिए छोटे-छोटे खेल, ढेर सारी बातचीत और प्यार-दुलार का वातावरण बना सकते हैं इस संबध में सजग संदेश भेजे जाएंगे।
सुकमा, 16 मई। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विनीत नंदनवार ने सुकमा जिले के संपूर्ण क्षेत्र को आगामी 01 जून सुबह 6 बजे तक पूर्ववत कंटेनमेंट जोन रखने आदेश जारी किया है।
विदित हो कि पूर्व आदेश के अनुसार सम्पूर्ण जिला 17 मई सुबह 6 बजे तक कंटेन्मेंट जोन घोषित था। कोरोना वायरस, कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री नंदनवार ने आगमी 01 जून सुबह 6 बजे तक पूर्ववत कंटेन्मेंट जोन रखने के आदेश जारी किए है।
उपर्युक्त दर्शित अवधि में सुकमा जिले की सभी सीमाएं पूर्णत: सील रहेगी।
यह आदेश 17 मई सुबह 6 बजे से लागू होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा , 16 मई। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विनीत नंदनवार ने सुकमा जिले के संपूर्ण क्षेत्र को आगामी 01 जून सुबह 6 बजे तक पूर्ववत कंटेनमेंट जोन रखने आदेश जारी किया है।
विदित हो कि पूर्व आदेश के अनुसार सम्पूर्ण जिला 17 मई सुबह 6 बजे तक कंटेन्मेंट जोन घोषित था। कोरोना वायरस, कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री नंदनवार ने आगमी 01 जून सुबह 6 बजे तक पूर्ववत कंटेन्मेंट जोन रखने के आदेश जारी किए है। उपर्युक्त दर्शित अवधि में सुकमा जिले की सभी सीमाएं पूर्णत: सील रहेगी। यह आदेश 17 मई सुबह 6 बजे से लागू होगा।
उपरोक्त अवधि के दौरान प्रत्येक रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा जिसमे केवल स्वास्थ्य सुविधाएं, मेडिकल दुकान, अस्पताल, पेट्रोल पंप, पीडीएस दुकान संचालन तथा फल व सब्जी, एलपीजी सिलेंडर, और दुग्ध एवं अखबार की निर्धारित समय में होम डिलीवरी की अनुमति प्रदान की गई है।
मेडिकल दुकान होम डिलीवरी को देंगे प्राथमिकता
उपर्युक्त अवधि मेें सभी अस्पताल, मेडिकल दुकानें, क्लिनिक एवं पशु-चिकित्सालय को उनके निर्धारित समय में खुलने की अनुमति होगी। मेडिकल दुकान संचालक मरीजों के लिए दवाओं की होम डिलीवरी को प्राथमिकता देंगे। होम डिलीवरी में कार्यरत व्यक्तियों को प्रत्येक 10 दिवस में कोविड जॉच कराना अनिवार्य होगा। शासकीय उचित मूल्य दुकानों को खाद्य अधिकारी द्वारा निर्धारित समयावधि में खुलने की अनुमति होगी, मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिग, नियमित सेनिटाइजेशन एवं भीड़ भाड़ नहीं होने देने की शर्त का कड़ाई से पालन कराने के अधीन, टोकन व्यवस्था के साथ खुलने की अनुमति होगा।
जारी आदेश के अनुसार फल, सब्जी, अंडा, पोल्ट्री, मटन, मछली एवं किराना सामग्री, ग्रॉसरी, डेयरी प्रोडक्ट्स एवं डेली नीड्स की दुकान प्रात: 06 से दोपहर 02 बजे तक संचालित की जा सकेगी। संबंधित दुकानदार होम डिलीवरी को प्राथमिकता देंगे। इस हेतु प्रात: 06 से दोपहर 02 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। होम डिलीवरी में कार्यरत व्यक्तियों को प्रत्येक 10 दिवस में अनिवार्य रूप से कोविड जांच करवाना होगा। मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मार्ट पूर्ववत की तरह बंद रहेंगे। किसी दुकान में/होम डिलीवरी के दौरान भीड़-भाड़ होने पर एपिडेमिक एक्ट 1897 के अधीन चालान/ अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ-साथ दुकान को 30 दिवस हेतु सील किया जावेगा। संबंधित नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी उनके क्षेत्र में स्थित प्रोविजन स्टोर/ किराना दुकानो से सम्पर्क हेतु उनके मोबाईल नंबर/पोर्टल की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करेंगे। उपरोक्त निर्देशों के उल्लंघन की दशा में दुकान को सील करने/ठेले को जब्त करने/अर्थदण्ड या चालान की कार्यवाही की जावेगी।
परिवहनकर्ताओं को स्थानीय गोदामों में लोडिंग, अनलोडिंग की अनुमति रात्रि 10 बजे से सुबह 06 बजे तक दी गई है।जिले की सीमा के भीतर स्थित समस्त आटा चक्कियों को प्रात: दुकान खुलने के निर्धारित समय से दोपहर 2.00 बजे तक संचालन की अनुमति होगी।
नगरीय क्षेत्रों की सीमा से बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबा/रेस्टोरेंट को केवल टेकअवे था जिला अंतर्गत संचालित रेस्टोरेंट/होटलों को केवल होम डिलीवरी के माध्यम से रात्रि 10.00 बजे तक संचालन की अनुमति होगी । भीड़-भाड़ या निर्देशों का उल्लंघन होने पर ढाबा/रेस्टोरेंट को नियमानुसार 30 दिवस हेतु सील करने की कार्यवाही की जावेगी। इस व्यवस्था में कार्यरत सभी व्यक्तियों को प्रत्येक 10 दिवस में कोविड जॉच कराना अनिवार्य होगा। पूर्व से ही होटलों इत्यादि में रुके हुए अतिथियों के लिए डायनिंग सेवा केवल रूम सर्विस के माध्यम से की जाएगी।
जिला सुकमा अंतर्गत पंचर रिपेयर की दुकानों को निर्धारित समयावधि में फिजिकल/सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का पालन करते हुये संचालन की अनुमति दी जाती है। उपरोक्त अवधि के दौरान कृषि उपकरण संबंधी दुकानों, उनसे संबंधित रिपेयर शॉप तथा कीटनाशक दवा/रासायनिक खाद विक्रेताओं को प्रात: दुकान खुलने के निर्धारित समय से दोपहर 02.00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी ।
दुग्ध वितरण के लिए समय निर्धारित
जारी आदेश के अनुसार न्यूज पेपर हॉकर द्वारा समाचार पत्रों के वितरण की अनुमति प्रात: 07.00 बजे से प्रात: 09.00 बजे तक एवं दुग्ध वितरण की अनुमति प्रात: 07.00 बजे से प्रात: 09.00 बजे तथा संध्या 06.00 बजे से रात्रि 08.00 बजे तक होगी। इलेक्ट्रिशियन/पल्मबरों को घर पहुंच सेवा के माध्यम से ए.सी., कूलर, नल आदि रिपेयर की अनुमति होगी। ए.सी., कूलर, पंखा तथा उपरोक्तानुसार रिपेयर सामग्री को केवल होम डिलीवरी के माध्यम से प्रात: 06 बजे से दोपहर 02.00 बजे तक विक्रय की अनुमति होगी। पेट्रोल पंपों को अपने निर्धारित समयावधि में संचालन की अनुमति होगी। जारी आदेश के अनुसार एल.पी.जी. गैस सिलेण्डर की एजेसियां केवल टेलीफोनिक या ऑनलाईन ऑर्डर लेंगे तथा ग्राहकों को सिलेन्डरों की घर पहुंच सेवा उपलब्ध करायेंगे।
कोविड प्रोटोकॉल व श्रमिक सुरक्षा नियम तथा निर्देशों के पालन के शर्त पर समस्त शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों की अनुमति होगी। उक्त अवधि के दौरान सम्पूर्ण जिला अंतर्गत संचालित समस्त शराब दुकानें बंद रहेंगी किंतु ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से होम डिलीवरी की अनुमति होगी। उपरोक्त अवधि के दौरान वनोपज संग्रहण संबंधी गतिविधिया यथा-तेंदूपत्ता संग्रहण आदि कार्य कोविड-19 प्रोटोकॉल अंतर्गत सोशल/फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन के शर्त पर संचालित रहेंगे।
सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णत: बंद रहेंगे एवं मार्निंग/इवनिंग वॉक पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे। उपरोक्त अवधि में सुकमा जिला अंतर्गत टेलीकॉम पोस्टल/कोरियर सेवाएं से जुड़े कार्यालय, रेक प्वाइंट पर लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य, खाद्य सामग्री के थोक परिवहन धान मिलिंग हेतु परिवहन, उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु वेयरहाउस गोदाम से उचित मूल्य दुकान में खाद्यान्न परिवहन एवं शासन से अनुमति प्राप्त समस्त परीक्षाओं को छोडक़र अन्य समस्त शैक्षणिक गतिविधियां बंद रहेंगी। किन्तु अस्पताल एवं ए.टी.एम. पूर्ववत संचालित रहेंगे।
उपर्युक्त अवधि में सुकमा जिला अंतर्गत सभी केन्द्रीय, शासकीय, सार्वजनिक, अर्द्ध- सार्वजनिक एवं निजी कार्यालय बंद रहेंगे तथापित टेलीकॉम, रेलवे एवं एयरपोर्ट संचालन व रख-रखाव से जुड़े कार्यालय, वर्कशॉप, रेक प्वाइंट पर लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य, खाद्य सामग्री के थोक परिवहन, धान मिलिंग हेतु परिवहन एवं शासन से अनुमति प्राप्त समस्त परीक्षाओं को छोडक़र अन्य समस्त शैक्षणिक गतिविधियां बंद रहेगी, किन्तु अस्पताल एवं ए.टी.एम. पूर्ववत संचालित रहेंगे।
उपरोक्त अवधि के दौरान को-मॉर्बिड/गर्भवती अधिकारियों/कर्मचारियों को एक्टिव ड्यूटी से छूट देते हुए पोस्ट ऑफिस / बैंकों को अधिकतम 50 प्रतिशत स्टॉफ के साथ उपरोक्त अवधि के दौरान समस्त प्रकार की गतिविधियों की अनुमति प्रदान की गई है। लोक सेवा केंद्र/चॉइस सेंटर अपने निर्धारित समय में संचालित किए जा सकेंगे।
सभी प्रकार की सभा, जुलुस, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनैतिक आयोजन इत्यादि पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे, किन्तु विवाह कार्यक्रम वर और वधू के निवास-गृह में ही आयोजित करने की शर्त के साथ आयोजन में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या 10 निर्धारित की जाती है। इसी प्रकार अंत्येष्टि, दशगात्र, इत्यादि मृत्यु संबंधी कार्यक्रम में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या 10 निर्धारित की जाती है। उक्त कार्यक्रमों हेतु संबंधित तहसीलदार से पूर्वानुमति लेना आवश्यक होगा।
कोविड संक्रमण के रोकथाम हेतु जिले में समस्त कार्य जैसे कांटेक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलांस, होम आइसोलेशन, दवाई वितरण आदि पूर्वानुसार चलते रहेंगे। इन कार्य में संलग्न सभी शासकीय कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्वानुसार अनिवार्य होगी। कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के परिवहन में संलग्न वाहन पूर्वानुसार संचालित रहेंगे। आदेश के अनुसार अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े छूट प्राप्त कार्यालयों के अतिरिक्त राज्य शासन के समस्त कार्यालय बंद रहेंगे। कार्यक्य प्रमुख द्वारा अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी को बुलाया जा सकेगा। समस्त अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। उप पंजीयक कार्यालय
50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खोले जाएंगे, जिसमें पंजीयन कार्य टोकन/ ऑनलाइन सिस्टम से किया जाएगा ।
*अन्यत्र आने-जाने वाले यात्रियों को ई-पास के माध्यम से पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य*
अपरिहार्य परिस्थितियों में सुकमा जिले से अन्यत्र आने-जाने वाले यात्रियों को ई-पास के माध्यम से पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य होगा तथापि प्रतियोगी, अन्य परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों हेतु उनका एडमिट कार्ड तथा रेलवे, टेलीकॉम, एयरपोर्ट संचालन एवं रख-रखाव कार्य या हॉस्पिटल या कोविड-19 ड्यूटी में संलग्न कर्मचारियों, चिकित्सकों की दशा में नियोक्ता द्वारा जारी आई.डी. कार्य ई-पास के रूप में मान्य किया जायेगा। आपात स्थिति में यात्रा के दौरान 4 पहिया वाहनों में ड्राईवर सहित अधिकतम 3, ऑटो में ड्राईवर सहित अधिकतम 3 एवं दो पहिया वाहन में अधिकतम 2 व्यक्तियों की अनुमति यात्रा संबंधी दस्तावेज के साथ होगी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हॉस्पिटल आवागमन हेतु ऑटो/ टैक्सी परिचालन की अनुमति होगी किंतु अन्य प्रयोजन हेतु पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन किए जाने पर 15 दिवस के लिए वाहन जब्ती करते हुए चालानी एवं अन्य कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
कोविड-19 टीकाकरण हेतु पंजीयन, कोविड-19 जांच हेतु मेडिकल दस्तावेज या आधार कार्य, विधिमान्य परिचय-पत्र दिखाने पर कोविड-19 टीकाकरण केन्द्र अस्पताल, पैथालॉजी लैब अथवा आने-जाने की अनुमति होगी किन्तु अनावश्यक भ्रमण सख्त प्रतिबंधित रहेगा। कोरोना से बचाव के शर्तो के अधीन ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य, एवं मनरेगा योजना कार्यों के संचालन की अनुमति होगी। जिला सुकमा अंतर्गत सभी साप्ताहिक/ प्रतिदिन लगने वाले बाजार इस अवधि में पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे।
जारी आदेश में बताया गया है कि मीडियाकर्मी यथासंभव वर्क फार्म होम द्वारा कार्य संपादित करेंगे। अत्यावश्यक स्थिति में कार्य हेतु बाहर निकलने पर अपना आई-कार्ड साथ रखेंगें तथा फिजिकल डिस्टेसिंग एवं मास्क संबंधी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चत करेंगे।
यह आदेश कार्यालय कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, उप पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालय, , तहसील, अस्पताल, थाना एवं पुलिस चौकी पर लागू नहीं होगा। इसके अतिरिक्त कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित अधिकारी, विद्युत, पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवायें जिसमें सफाई, सीवरेज एवं कचरे का डिस्पोजल इत्यादि भी शामिल है तथा अग्निशमन सेवाओं के संचालन हेतु संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों को कार्यालय संचालन एवं आवागमन की अनुमति होगी किन्तु इन शासकीय कार्यालयों में उपर्युक्त अवधि में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उपरोक्त बिन्दुओं को छोडक़र जिले में समस्त गतिविधियां पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठानों पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 तथा अन्य सुसंगत विधि अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
सुकमा , 15 मई। विश्व में फैली कोरोना महामारी के प्रारंभ से लेकर अब तक कोन्टा की माणिकेश्वर मंदिर ट्रस्ट गरीब और मजदूर वर्ग की लगातार सेवा भाव के साथ मदद कर रहे हैं। जहां पिछले वर्ष ट्रस्ट ने प्रवासी मजदूरों के लिए 75 दिन तक भोजन की व्यवस्था की थी तो वहीं इस बार सूखा राशन, सब्जियां पहुंचाकर लोगों की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा शिव भक्तों ने बाढ़ के समय भी लोगों की मदद की थी।
कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में जिले में लगाए लॉकडाउन को देख कर नगर पंचायत कोंटा में श्री श्री श्री माणिकेश्वर शिव मन्दिर ट्रस्ट ने 21 अप्रैल से सुकमा जिले में लॉकडाउन की घोषणा होने के चौथें दिन से माणिकेश्वर शिव मन्दिर ट्रस्ट के द्वारा कोंटा के सभी वार्डों के लिए टोली बनाकर गाडिय़ों के माध्यम से लगभग 800 परिवारों को हरी सब्जियां वितरण किया गया था।
इस लॉकडाउन में दूसरी बार सब्जी वितरण
अब जब लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 25 दिन होने को आ गए तो ट्रस्ट में दूसरी बार मानवता का परिचय देते हुए विगत 2 दिनों से नगर के सभी वार्डों में निवासरत गरीब असहाय जरूरत मंद परिवारों को घर घर जाकर सब्जी वितरण किया।
वहीं कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में गरीबों के साथ साथ कोविड पॉजिटिव तथा उनके प्रायमरी कांटेक्ट में आए परिवारों से बातचीत कर धैर्य व साहस दिलाते हुए कोरोना को हराने के लिए कहा जा रहा है और उनके मदद के लिए माणिकेश्वर मन्दिर ट्रस्ट के सदस्यों के द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि कोई गरीब भूखा न सोए।
पिछले वर्ष 75 दिनों तक प्रवासियों को कराया था भोजन
माणिकेश्वर शिव मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने पिछले वर्ष कोरोना के प्रथम दौर में कोन्टा बॉर्डर में पैदल आते प्रवासी मजदूरों को देखते हुए 75 दिनों तक लगातार भोजन की व्यवस्था कराई थी। जिसका लाभ हजारों प्रवासी मजदूरों को मिला था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 15 मई। जिले की स्थानीय खाद्य उत्पाद निर्माता कंपनी शबरी फूड्स इंडस्ट्रीज के उत्पाद जैसे - शरबती आटा , शुध्द चना बेसन, मंडियां आटा , हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर हर गृहिणी की पहली पसंद बनती जा रही हैं। शबरी फूड्स इंडस्ट्रीज सुकमा जिले के चिकपाल गांव में मैन्युफैक्चरिंग ईकाई स्थापित हैं , शबरी फूड्स (अजमेरा ग्रुप) का उद्देश्य है उच्च गुणवत्ता के साथ उचित दर पर ग्राहकों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना।
विदित हो कि इस कोरोना महामारी मे भी शबरी ग्रुप के द्वारा सम्पूर्ण सुकमा जिला के साथ साथ मलकानगिरी (ओडिशा), बचेली ,दंतेवाड़ा के जनरल स्टोर ,सुपर मार्केट व मार्ट मे कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुए खाद्य सामग्री पहुंचाया जा रहा है, ताकि इस.लॉकडाउन में भी होम डिलीवरी के माध्यम से ग्राहकों को उचित मूल्य पर प्रोडक्ट प्राप्त हो सके। शबरी फूड्स ग्रुप सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढक़र भाग लेता है।
कुन्ती अजमेरा संचालक, शबरी फूड्स इंडस्ट्रीज सुकमा का कहना है कि हमारा उद्देश्य है कि ग्राहकों के मांग के अनुरूप हम प्रोडक्ट को उच्च गुणवत्ता के साथ तैयार कर उपलब्ध कराना है, मार्केटिंग विस्तार करने की योजना चल रही है जो जल्द ही मेरी टीम इस पर क्रियान्वयन करेगी। बहुत कम समय में हमारे उत्पाद को बहुत स्नेह एवं प्यार मिला, उसके लिए धन्यवाद ।
रिटायर्ड प्राचार्य, जगदीश कनोजिया का कहना है कि शबरी फ़ूड के उत्पादों का इस्तेमाल हम विगत 1 वर्षों से कर रहे हैं। शबरी फ़ूड प्रोडक्ट अपने आप में एक ब्रांड है। सुकमा जि़ले में स्थानीय मिनी प्लांट स्थापित कर शुद्ध एवं उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोडक्ट लोगों को उचित दर में उपलब्ध करवा रहा है। सीहोर मध्यप्रदेश के शर्बती गेहूं से बना आटा, दक्षिण भारत के मसाले ,बेसन एवं अन्य उत्पाद खाने का जायका बढ़ा देते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में लोगों को सामान्य दिनों की तरह उचित दर पर प्रोडक्ट उपलब्ध करवा रहा है।
अंत में इतना ही कहूंगा शबरी फ़ूड पूर्णत: स्वदेशी है, शुद्ध है। स्वदेशी उत्पाद को प्राथमिकता देकर सुकमा जिले को प्रगति की ओर अग्रसर करने में योगदान दें।
लखन नायक ,संचालक आर.के.जनरल स्टोर का कहना है कि हमारे स्टोर में भी शबरी के प्रोडक्ट की बहुत डिमांड रहती हैं जैसे शरबती आटा, बेसन और मसाले। सुकमा जिले का स्थानीय कंपनी हैं जो बेहतर सेवा दे रहे हैं, हमें भी गर्व होता है।
सुकमा, 13 मई। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज दोपहर विशेष कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला चिकित्सालय में आयोजित विशेष कोरोना टीकाकरण शिविर में आज पत्रकारों और उनके परिजनों ने उत्साह के साथ कोरोना का टीका लगाया। इस अवसर पर पत्रकार संघ के अध्यक्ष पीसा राजेन्द्र सहित पत्रकारगण उपस्थित थे।
पत्रकार नागेन्द्र चौधरी, नुपूर वैदिक, शंकर मिश्रा ,मोहन ठाकुर, रोहित साहू, मनीष सिंह एवं राजेन्द्र की बेटी ईतराशी और माधवी ने कोविड टीका का पहला डोज लगवाया। मंत्री श्री लखमा ने टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों और टीकाकरण के लिए आए अन्य हितग्राहियों का हालचाल जाना। उन्होंने यहां पहुंचे हितग्राहियों को टीकाकरण की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के सभी लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोरोना के नि:शुल्क टीकाकरण का निर्णय लिया गया है। लगातार जनता के बीच रहकर खबरें पहुंचाने वाले पत्रकारों को शासन द्वारा टीकाकरण में प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत पत्रकार, वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर एवं उनके परिजनों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से निश्चित तौर पर पत्रकारों को सुरक्षाकवच प्रदान होगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पत्रकारों को फ्रंटलाईन वारियर मानते हुए टीकाकरण में प्राथमिकता देने के निर्णय के तहत जिला चिकित्सालय में विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस विशेष टीकाकरण शिविर के लिए पत्रकारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्वास्थ्य विभाग और सुकमा जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
सुकमा, 13 मई। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज दोपहर विशेष कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला चिकित्सालय में आयोजित विशेष कोरोना टीकाकरण शिविर में आज पत्रकारों और उनके परिजनों ने उत्साह के साथ कोरोना का टीका लगाया। इस अवसर पर पत्रकार संघ के अध्यक्ष पीसा राजेन्द्र सहित पत्रकारगण उपस्थित थे।
पत्रकार नागेन्द्र चैधरी, नुपूर वैदिक, शंकर मिश्रा ,मोहन ठाकुर, रोहित साहू, मनीष सिंह एवं राजेन्द्र की बेटी ईतराशी और माधवी ने कोविड टीका का पहला डोज लगवाया। मंत्री श्री लखमा ने टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों और टीकाकरण के लिए आए अन्य हितग्राहियों का हालचाल जाना। उन्होंने यहां पहुंचे हितग्राहियों को टीकाकरण की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के सभी लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोरोना के नि:शुल्क टीकाकरण का निर्णय लिया गया है। लगातार जनता के बीच रहकर खबरें पहुंचाने वाले पत्रकारों को शासन द्वारा टीकाकरण में प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत पत्रकार, वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर एवं उनके परिजनों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से निश्चित तौर पर पत्रकारों को सुरक्षाकवच प्रदान होगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पत्रकारों को फ्रंटलाईन वारियर मानते हुए टीकाकरण में प्राथमिकता देने के निर्णय के तहत जिला चिकित्सालय में विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस विशेष टीकाकरण शिविर के लिए पत्रकारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्वास्थ्य विभाग और सुकमा जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 12 मई। सुकमा जिले के चिंतलनार में 711 क्विंटल चावल की गड़बड़ी मामले में ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा खबर के प्रकाशन के बाद राशन की गड़बड़ी मामले में कोंटा एसडीएम के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा चिंतलनार सरपंच मुक्का मंडावी को 10 दिन के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बुधवार को ‘छत्तीसगढ़’ की टीम ने चिंतलनार पोटा केबिन का जायजा लिया और मौके पर राशन खाद्य निरीक्षक द्वारा बताए गए आंकड़े से कम पाया, इतना ही नहीं ‘छत्तीसगढ़’ ने चिंतलनार पहुंच वहां के सरपंच मुक्का से फोन पर भी संपर्क किया और राशन भरे कमरे की चाबी लेकर राशन दिखाने की अपील की, जिस पर सरपंच ने गोलमोल जवाब देते हुए चाबी कोंटा में होना बताया। साथ ही सीधी वार्ता से भी सरपंच कतराते रहे।
जब ‘छत्तीसगढ़’ की टीम सरपंच के घर पहुंची तो पता चला सरपंच अचानक किसी काम से कोंटा वापस चले गए। लगातार मौके पर आने की अपील के बावजूद वे नहीं आए। जिस वजह से ‘छत्तीसगढ़’ की टीम ने पोटाकेबिन में रखे राशन का निरीक्षण तो किया मगर अन्य राशन जिनमें गड़बड़ी की आशंका अधिक रही जो निजी मकान में रखा गया है, उस मकान में रखे राशन का निरीक्षण नहीं कर पाई।र्
‘छत्तीसगढ़’ ने पोटा केबिन मे खुली खिडक़ी से राशन की गुणवत्ता चेक करने एक छेद से चावल निकाला, जिसमें चावल बुरी तरह खराब होना पाया, वहीं अनुमानित चावल से कम चावल देखने को मिला, वहीं अन्य एक कमरे में इसी तरह खराब चावल पड़ा मिला, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कुछ दिन पहले ही यहां से चावल का बड़ा स्टॉक उठा हुआ है. आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि यहां से चावल का उठाव राशन दुकान ने किया था। ‘छत्तीसगढ़’ को 219 क्विंटल की जगह लगभग 400 क्विंटल चावल बुधवार को कम पाया ।
मामला कोरोनाकाल में बंद पोटाकेबिन के लिए अनावश्यक मई और जून 2020 के बीच भेजे गए 576 क्विंटल और पीडीएस के 250 क्विंटल चावल के सडऩे और गायब होने का है, जिसमें अब विभागीय शक की सुई सरपंच की ओर जाती दिख रही है। हालांकि विभाग ने फिलहाल स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले पर ‘छत्तीसगढ़’ ने चिंतलनार सरपंच से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
711 क्विंटल राशन में बड़ी गड़बड़ी की आशंका
ज्ञात हो कि चिंतलनार में केवल राशन की बर्बादी का ही मामला नहीं आया है, बल्कि इन राशन के बड़े खेप से चावल के गायब होने का भी मामला सामने आया है। ‘छत्तीसगढ़’ ने मामले को करीब से समझने पोटाकेबिन चिंतलनार का निरीक्षण किया, जहां बीते सप्ताह एसडीएम के निर्देश पर जांच में पहुंचे खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू ने 219 क्विंटल चावल कम पाया था, मगर ‘छत्तीसगढ़’ ने कुल 2 कमरों में लगभग डेढ़ सौ क्विंटल चावल ही पाया, जिनमें ज्यादातर राशन खराब देखे गए। निरीक्षण के बाद मौके पर बताए गए राशन में भी कमी की जानकारी भी संबंधित विभाग को ‘छत्तीसगढ़’ ने दी । मामले पर प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी कोंटा को भेजा गया।
बताया जा रहा है कि 15 से 20 दिन पहले ही यह दुकान पंचायत को सौंपी गई, जिसके बाद राशन दुकान से राशन का उठाव कर 576 क्विंटल चावल को पोटाकेबिन ले जाया गया और वहीं से 219 क्विंटल चावल भी गायब हुआ है।
राशन साल भर से पड़ा रहा मगर नहीं हुई विभागीय पहल
गौरतलब है कि जून में भेजे गए राशन का निराकरण 1 साल बाद भी नहीं किया जा सका, जिस वजह से राशन की बर्बादी हुई। इस मामले पर तत्कालीन एसडीएम द्वारा पत्राचार के बावजूद विभाग उक्त राशन के निराकरण में नाकाम रहा। जून 2020 में राशन पीडीएस की दुकान में पहुंचा, जहां से राशन उठाने की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह की होती है लेकिन स्कूल पोटाकेबिन बंद होने की वजह से इसका उठाव सम्भव नहीं था। इसमें 400 क्विंटल चावल राशन दुकान में और अन्य 150 क्विंटल चावल जगह न होने की वजह से निजी मकान में रखवाने की बात कही जा रही है। उक्त राशन का 280000 का डीडी बकाया पाया गया था, लेकिन इस डीडी के भुगतान न होने की वजह से 3 माह फरवरी, मार्च, अप्रैल का राशन राशन दुकान नहीं पहुंचा। जिसके बाद राशन दुकान स्व सहायता समूह को हटाकर पंचायत को सौंप दिया गया। दुकान का प्रभार लेने के बाद पंचायत सरपंच द्वारा साल भर से दुकान में पड़े राशन का 1 बड़ा हिस्सा पोटाकेबिन में रखवाया गया औऱ 1 अन्य हिस्सा लगभग 300 बोरा निजी मकान में रखवाया गया है, जिसकी चाबी भी सरपंच के पास ही है ।
एसडीएम कोंटा बनसिंग नेताम का कहना है कि पोटाकेबिन राशन मामले में जांच जारी है, फिलहाल आज सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, 10 दिन के भीतर यदि सरपंच से संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। खाद्य निरीक्षक द्वारा निरीक्षण में पाए गए चावल से कम चावल पाए जाने का मामला मीडिया से मिल रहा है, मैं इसको दिखवाता हूं। यदि वहां चावल कम पाया जाता है तो पंचायत सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी और उक्त जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।