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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 फरवरी। जिले के थाना तर्रेम के गुण्डम में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में गुण्डम गांव के निवासी पुनेम लखमू पिता मासा लखमू उम्र लगभग 48 वर्ष फायरिंग का आवाज सुनकर अपने घर से भागते समय माओवादियों के एम्बुश प्वाईंट में फसने के कारण गोली उन्हें भी लग गई थी, जिसकी बाद में मृत्यु हो गई।
एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि 8 फरवरी की प्रात: 4 से 5 बजे के मध्य थाना तर्रेम अंतर्गत गुण्डम-छुटवाई के जंगल ईलाका में माओवादियों एवं पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के पश्चात् सर्चिंग के दौरान घटनास्थल से कुछ व्यक्तियों को संदिग्ध परिस्थिति में पाया गया था, जिन्हें अग्रिम पूछताछ के लिए पुलिस थाना लाया गया।
एएसपी गवर्ना ने कहा कि पूछताछ से पता चला कि 8 फरवरी को माओवादियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन के कमाण्डर उधम सिंह तथा उनके साथी माओवादियों द्वारा सर्चिंग अभियान में निकली हुई डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के बल को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से एम्बुश की कार्यवाही करते हुये पुलिस पार्टी के ऊपर फायरिंग की गई।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में जंगल एवं अंधेरा का फायदा उठाकर माओवादी घटनास्थल से भाग गये। संभवत: मुठभेड़ में माओवादियों के 2-3 कैडर को गोली लगने से घायल हुये हैं।
एएसपी गवर्ना ने कहा कि 9 फरवरी 2023 को तर्रेम थाना में यह सूचना प्राप्त हुई है कि मुठभेड़ के दौरान गुण्डम गांव के निवासी पुनेम लखमू पिता मासा लखमू उम्र लगभग 48 वर्ष फायरिंग का आवाज सुनकर अपने घर से भागते समय माओवादियों के एम्बुश प्वाईंट में फसने के कारण गोली उन्हें भी लग गई थी, जिसकी बाद में मृत्यु हो गई है। सूचना की तस्दीक करते हुये 09 फरवरी, 2023 को पुलिस पार्टी द्वारा गुण्डम गांव से मृतक पुनेम लखमू का शव को पंचनामा करने के पश्चात् पोस्टमार्टम कार्यवाही के लिए जिला अस्पताल लाया गया। प्रकरण के संबंध में अग्रिम विवेचना एवं जांच पड़ताल की जा रही है।
25 साल बाद सामान्य नागरिकों की गाड़ी पहुंची रिश्तेदारों से मिलने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 फरवरी। बीजापुर और सुकमा जिले के जगरगुंडा तक को जोडऩे वाली सडक़ का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस सडक़ की दूरी लगभग 40 किमी की है। इस सडक़ पर 25 साल बाद कोई सामान्य नागरिकों की गाड़ी अतिसंवेदनशील चिंतलनार से होते हुए सिलगेर अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची।
विदित हो कि यह इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता रहा है। इस रास्ते पर नक्सलियों के बिना अनुमति के एक दुपहिया वाहन का भी चल पाना मुश्किल था। लेकिन जब से सीआरपीएएफ 229 बटालियन का कैम्प सिलगेर में खुला है। तब से इस रास्ते पर सडक़ बनाने का काम शुरू हो चूका है। तब से ही यहाँ पर गाडिय़ों का चलना मुनासिब हो पाया है।
229 बटालियन के कमांडेंट पुष्पेंद्र ने बताया कि 28 जनवरी को सिलेगर में हमने कैम्प खोला है। तब से ही सडक़ निर्माण का काम शुरू हो चूका है अब तक मुकुर से सिलगेर तक, सिलगेर से बेदरे और बेदरे से कुमेड़ तक सडक़ निर्माण का काम हो चूका है। इन सडक़ों के बनने की वजह से ही 25 साल बाद इस इस सडक़ पर 6 फरवरी को पहली बार सामान्य नागरिकों की चार पहिया गाड़ी सुकमा जिले के चिंतलनार से सिलगेर गाँव अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची। इस कैम्प के खुलने से भी ग्रामीणों को काफ़ी मदद मिल रही है। चार फऱवरी को ग्रामीण स्वयं के लिए राशन ले जा रहे थे, इसी दौरान उनका ट्रैक्टर पलट गया ग्रामीणों ने जवानों से मदद मांगी और हमारे जवानों ने ग्रामीणों के राशन को अपने गाडिय़ों में भरकर ग्रामीणों के गाँव तक पहुँचाया।
सीआरपीएफ की मेडिकल टीम कर रही ग्रामीणों का इलाज
श्री पुष्पेंद्र ने बताया कि हमारी मेडिकल टीम भी ग्रामीणों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। हमने 28 जनवरी से 6 फऱवरी तक मेडिकल कैम्प लगाया था जिसमें हमने 250 से अधिक नागरिकों का इलाज किया, जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल थी। इस कैम्प के खुलने से नागरिकों को बसों की सुविधा भी मय्यसर हो पा रही है। पहले बीजापुर से मुकुर तक बसों का संचालन हो पा रहा था लेकिन अब इस कैम्प के खुल जाने से अब सिलगेर तक बसें आसानी से पहुँच पा रही है।
सिलगेर कैम्प का ग्रामीण कर चुके है विरोध, कई महीनों तक चला था कैम्प को हटाने के लिए आंदोलन -
12 मई 2021 को सिलगेर में सीआरपीएफ का कैम्प खोला गया जिसका स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों ने विरोध शुरू कर दिया। आदिवासियों का आरोप था कि जिस जगह पर कैम्प बना है वो जमीन ग्रामीणों की है। कैम्प के पास ही ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
17 मई को आंदोलन के दौरान जब हजारों की संख्या में सिलगेर कैम्प को आदिवासियों ने घेर लिया तो सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी थी, इस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई। आंदोलनकारियों ने मरने वाले को ग्रामीण बताया तो सुरक्षाबलों ने मरने वालों की पहचान नक्सलियों के रूप में की थी।
अनोखे अंदाज में रंगोली व मेहंदी बनाकर जताया विरोध प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 फरवरी। अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले जिले के समस्त सहायक शिक्षक व प्राथमिक प्रधानपाठक की हड़ताल पिछले 4 दिनों से जारी है। हड़ताल पर बैठे शिक्षकों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने धरना स्थल पर रंगोली बनाकर व हाथों में मेहंदी लगाकर विरोध जताया, वहीं आज सर्व आदिवासी समाज द्वारा धरना स्थल पर आकर मांगों का समर्थन किया।
धरना स्थल बीजापुर,भैरमगढ़,भोपालपटनम व उसूर में अपनी मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे सहायक शिक्षक व प्रधान पाठक धरना स्थल पर रोज नए- नए व अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन कर प्रतिदिन कुछ न कुछ अलग करके ध्यान आकर्षित करा रहे हंै। आज बीजापुर ब्लॉक के शिक्षकों ने चिलचिलाती धूप में रंगोली बनाकर व भोपालपटनम व भैरमगढ़ ब्लाक में हाथो पर मेंहदी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी बीच आज सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अशोक तलांडी के नेतृत्व में समाज के लोगों ने धरना स्थल पहुँचकर शिक्षकों का आभार प्रकट करते हुए फेडरेशन के मांगो का समर्थन किया।
ज्ञात हो कि बीजापुर जिले के 974 सहायक शिक्षक व प्राथमिक प्रधान पाठक अपनी एक सूत्रीय मांग प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर वेतन विसंगति दूर करने को लेकर 6 फरवरी से हड़ताल में बैठे हुए है।जिसके कारण जिले के समस्त प्राथमिक शालाओं में तालाबंदी की संभावना बनी हुई है।जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिला अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहायक/समग्र शिक्षक के बैनर तले बीजापुर जिले के समस्त सहायक शिक्षक व प्रधान पाठक पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे हुए है। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए आज बीजापुर ब्लॉक के शिक्षकों ने चिलचिलाती धूप में रंगोली बनाकर व भोपालपटनम व भैरमगढ़ में हांथो में मेंहदी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
ब्लॉक स्तरीय अनिश्चित कालीन आंदोलन के बाद भी अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो आने वाले दिनों में रणनीति बनाकर निश्चित ही प्रान्त स्तर पर एक बड़ा आंदोलन की तैयारी की जाएगी। यह जानकारी फेडरेशन के मीडिया प्रभारी मोहसीन खान ने दी।
कहा भाजपा के राज में हुई थी घटना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 फरवरी। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के द्वारा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा पर दिये गए बयान पर पलटवार करते हुए बीजापुर के विधायक व बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मड़ावी ने कहा कि झीरम घटना भाजपा के राज में हुई थी। विधायक अजय चंद्राकर और भाजपा कभी नहीं चाहते कि कवासी लखमा जैसे गरीब आदिवासी मंत्री विधायक बने।
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि भाजपा और उनके नेताओं को झूठ और अफ़वाह फैलाने में महारत हासिल है। भाजपा और अजय चंद्राकर को यह बताना चाहिए कि 15 सालों तक छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे। भाजपा के इस सरकार में स्वयं अजय चंद्राकर विधायक और मंत्री रहे। इनके शासन काल में न ही क़ानून व्यवस्था थी और न ही सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जाता था। जबकि सुरक्षा की जि़म्मेदारी भाजपा और डॉ. रमन सिंह की ही थी। भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा को हटा लिया। सुरक्षा नहीं दिया, जिसके चलते झीरम घटना हुई और कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रथम पंक्ति के नेताओं को खोया है। भाजपा और विधायक अजय चंद्राकर यह कभी नहीं बताएंगे।
विक्रम मंडावी ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि पूरी भाजपा और विधायक अजय चंद्राकर आदिवासी विरोधी है। कवासी लखमा जैसे गऱीब आदिवासी आदमी विधायक और मंत्री बने ये भाजपा और अजय चंद्राकर कभी नहीं चाहते, इसलिए इनके पेट में दर्द हो रहा है। विधायक अजय चंद्राकर मानसिक दिवालिया से गुजर रहे हैं, उन्हें इलाज की सख्त ज़रूरत है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश भर में अस्पताल खोली है अजय चंद्राकर जी किसी एक अस्पताल में जाकर अपना बेहतर इलाज करवा ले इलाज का खर्चा सरकार देगी।
विधायक विक्रम मंडावी ने आगे कहा कि भाजपा 15 सालों तक सत्ता में रहने के दौरान तो कुछ नहीं किया लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद लगातार प्रदेश के आदिवासी नेताओं को लेकर बेतुके बयानबाज़ी कर रही है जिसका जवाब भी आने वाले समय में आदिवासी समाज देगा।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा प्रदेश की जानता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है हर चुनाव में हो रहे हार के बौखलाहट से भाजपा और अजय चंद्राकर लगातार आदिवासी नेताओं पर अनर्गल बयानबाज़ी करने में लगे है जिससे वे मीडिया में बने रहे, लेकिन प्रदेश की जानता भाजपा के कथनी और करनी को अच्छी तरह समझती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 9 फरवरी। दुनिया में 5जी जैसे सेवा का लाभ मिल रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के जिला बीजापुर के ब्लॉक भोपालपटनम में मोबाइल से बात कर पाना भी मुश्किल हो रहा है। यहां पर जिओ और बीएसएनल मात्र दो ही नेटवर्क सुविधा उपलब्ध है। टावर का रेंज मात्र 50 से 100 मीटर तक का है, यहां के ग्राम वासियों को नेट चलाना तो दूर मोबाइल में बात करना भी मुश्किल होता है। जहां जियो का प्रारंभिक रिचार्ज 199 से शुरू होता हैं, यूजर्स इसका महज 10 प्रतिशत ही यूज कर पाते हैं, इसे देख कर ऐसा लगता हैं कि कंपनी केवल अपना फायदा देख रही हैं न कि उपभोक्ताओं की लाभ।
यहां के ग्रामवासी सिग्नल ढूंढऩे के लिए टावर के पास जाते हैं, ना कि सिग्नल उनके पास आता है। भोपालपटनम के ग्रामवासियों का कहना है कि हमें लगता है कि हम आज 21वीं सदी में नहीं बल्कि प्राचीन युग में जी रहे हैं।
अंतिम यात्रा में शामिल होने कुटरू पहुंचे पूर्व मंत्री, विधायक व अफसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 फरवरी। सलवा जुडूम के अगुवा रहे मधुकर राव को उनके गृहग्राम कुटरू में परिजनों व अन्य लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में विधायक विक्रम मंडावी, भाजपा नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, सहित जिले के अफसर शामिल हुए।
बुधवार को उनके गृह ग्राम कुटरू में उनके बड़े भाई के. यादवराव ने उन्हें मुखग्नि दी। ज्ञात हो कि स्व मधुकर राव पूर्व में शिक्षक रहे। 2005 में नक्सलियों के खिलाफ अम्बेली से शुरू हुए सलवा जुडूम अभियान में वे शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी। सलवा जुडूम अभियान के कमजोर पडऩे के बाद उन्होंने कुटरू में ही पंचशील आश्रम का संचालन शुरू किया। इसमें वे आदिवासी बच्चों को आवासीय शिक्षा देते थे। उनके निधन से उनके समर्थकों व परिजनों को गहरा दुख पहुंचा हैं।
ज्ञात हो कि स्व मधुकर राव अविवाहित थे। उन्होंने लोगों की सेवा के लिए शादी तक नहीं की थी। मंगलवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें कुटरू से जिला अस्पताल बीजापुर लाया गया था। यहां तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें वारंगल ले जाया गया। वहां एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 फरवरी। मंगलवार शाम को बीजापुर व सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत गुण्डम जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सली जंगल एवं अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। घटनास्थल की सर्चिंग के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, डेटोनेटर, नक्सल कैम्प की सामग्री एवं अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई। नक्सलियों के मारे जाने की आशंका जताई गई है।
जिले से लगे सुकमा के सरहदी क्षेत्र में थाना तर्रेम सेे 8 किमी दूर दक्षिण दिशा की तरफ ग्राम गुण्डम के जंगल क्षेत्र में प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन के उधम सिंह एवं अन्य सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना के आधार पर थाना तर्रेम से डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान हेतु रवाना हुई थी।
गश्त के दौरान ग्राम गुण्डम के जंगल में पहले से घात लगाये नक्सलियों एवं पुलिस के बीच मंगलवार शाम 5 बजे के करीब पहले से घात लगा कर बैठे माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। नक्सलियों द्वारा लगभग 40 मिनट तक फायरिंग की गई, जवाब में पुलिस जवानों द्वारा भी जवाबी फायरिंग की गई। मुठभेड़ में अपने को कमजोर पड़ता देख माओवादी जंगल एवं अंधेरे का फायदा उठाकर घटनास्थल से भाग गये।
मुठभेड़ के बाद पुलिस जवानों ने घटनास्थल से भागते हुए कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा, जिनसे बाद में पूछताछ की गई। जवानों द्वारा घटनास्थल की बारीकी से छानबीन करने पर भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, डेटोनेटर, नक्सल कैम्प की सामग्री एवं अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई।
पुलिस मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों के मारे जाने और कुछ के घायल होने का दावा भी कर रही है, लेकिन मौके से किसी भी नक्सली का शव बरामद नहीं हो पाया है। मुठभेड़ में सभी पुलिस जवान सलामत है।
घटना के विषय में बीजापुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गोवेरना ने बताया कि मंगलवार की शाम नक्सलियों और पुलिस जवानों के बीच ग्राम गुण्डम के जंगल में मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है तथा मुठभेड़ में कुछ माओवादी मारे गए हैं, जिनके शव की तलाश घटनास्थल पर पुलिस जवानों द्वारा किया जा रहा है।
सर्च से लौट रहे जवानों को मिला भरमार बंदूक
सर्च अभियान से लौट रहे कोबरा जवानों ने एक भरमार बंदूक बरामद किया हैं। जिसे पामेड़ थाना को सौंप दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिले के अंतिम छोर पर बसे पामेड़ थाना क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ कोबरा 204 के जवान मंगलवार को पामेड़ के दक्षिण क्षेत्र में सर्च अभियान पर निकले थे। जवान दोपहर 3 बजे जब वापस कैम्प लौट रहे थे, तभी उन्हें पटाखे फूटने की आवाज सुनाई दी। कैम्प से करीब 4 किमी दूर जब जवान वहां पहुंचे तो वहां से उन्हें एक भरमार बंदूक बरामद हुआ। जिसे कोबरा जवानों ने लाकर पामेड़ थाना के सुपुर्द कर दिया।
काम में लापरवाही के चलते हुई कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 फरवरी। जहां एक तरफ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर सोमवार से सहायक शिक्षक फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है, तो वहीं हड़ताल के दूसरे दिन जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन शिक्षकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिले में पदस्थ तीन शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है। डीईओ द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, तीनों शिक्षकों के खिलाफ स्कूल में अध्यापन कार्य में गंभीर लापरवाही बरतने के साथ ही उच्च अधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं करने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद जांच क ी गई और तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
भैरमगढ़ ब्लॉक के टुंडेर प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी रामाराम कश्यप के खिलाफ कार्य में गंभीर लापरवाही के साथ ही उच्च अधिकारियों के निर्देश का पालन नहीं किये जाने पर डीईओ ने शिक्षक को निलंबित कर दिया हैं। वहीं भैरमगढ़ ब्लॉक के मंगलनार में प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक कमलनारायण मण्डावी के खिलाफ भी अध्यापन कार्य में गंभीर लारवाही की शिकायत मिली थी। जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर डीईओ ने सहायक शिक्षक कमलनारायण मण्डावी को निलंबित कर दिया हैं।
इसी तरह भैरमगढ़ ब्लॉक के ही बेंगलुरु माध्यमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी महेश देव कुंजाम जो संकुल समन्वयक के प्रभार में भी पदस्थ थे। बताया जा रहा हैं कि इनके खिलाफ कार्य में गंभीर लारवाही की शिकायत मिली थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने सहायक शिक्षक महेश देव कुंजाम को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में तीनों ही शिक्षकों का मुख्यालय खण्ड शिक्षा कार्यालय निर्धारित किया गया। साथ उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
महिलाओं ने सडक़ पर उतर दिखाई ताकत, कल जलाएगी बजट की प्रतियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 फरवरी। ग्यारह दिनों से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने आज सडक़ पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई हैं। अब संघ की महिलाएं बुधवार को धरना स्थल में थाली ताली बजाकर बजट की प्रतियां जलाएगी।
प्रांतीय आव्हान पर 28 जनवरी से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के 1147 आंगनबाड़ी केंद्रों की 2000 कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से इसका सर्वाधिक असर जिले भर के 60369 गर्भवती, शिशुवती व एनिमिक महिलाओं सहित सामान्य बच्चे,कुपोषित बच्चे व किशोरी बालिका पर पड़ रहा हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की महिलाओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय में अपनी ताकत दिखाते हुए नगर में बड़ी रैली निकाली, जो नगर भ्रमण के बाद वापस धरना स्थल पहुंची। यहां धरना स्थल में संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा। वही केंद्रों को खोलने विभाग के अफसर लगातार संघ पर दबाव बनाकर चाबी मांग रहे है। लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर चाबी देने से मना कर दिया हैं। नाराजगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बुधवार को धरना स्थल में ताली थाली बजाकर जहां सरकार को जगाएंगे, वहीं बजट की प्रतियों को भी जलायेगी।
आंगनबाड़ी संघ 409 की जिलाध्यक्ष रेहाना खान ने बताया कि बंद केंद्रों को खोलने के लिए अफसर चाबी मांग रहे हैं। लेकिन प्रांतीय नेतृत्व ने चाबी देने से साफ मना कर दिया हैं। श्रीमती खान ने बताया कि बुधवार को संघ ने निर्णय लिया है कि धरना स्थल में ही ताली थाली बजाकर बजट की प्रतियां जलायेगी।
इधर विभाग के अफसरों का दावा है कि जिले के कुछ जगहों पर मितानिन और बिजादुतिर की स्वयंसेवकों से काम लिया जा रहा हैं। जिला महिला बाल विकास अधिकारी लुपेंद्र महिनाग ने कहा कि केंद्र कार्यकर्ताओं का नहीं है। ये सरकारी है और हमें केंद्र का संचालन करना हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्रों की चाबी मिल जाने से मितानिन व बिजादुतिर की स्वयंसेवकों के जरिये वैकल्पिक व्यवस्था कर केंद्रों का संचालन किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
1147 आंगनबाड़ी
34800 बच्चे
5278 गर्भवती महिलाएं
3948 शिशुवती महिलाएं
9479 एनिमिक महिलाएं
6864 कुपोषित बच्चे
ये है आंबा. संघ की मांगे-
आंबा. कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर नर्सरी शिक्षक उन्नयन कर कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए।
आंबा. सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत व कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति देकर विभागीय सेवा भर्ती नियम में संसोधन किया जाए।
आंबा. कार्यकर्ताओं को प्रायमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा व वेतन दिया जाए।
मिनी आंबा. कार्यकर्ताओं को आंबा. कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए, तथा क्रेस कार्यकर्ताओं को आंबा. कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए।
रिटायरमेंट के बाद कार्यकर्तओं को 5 व सहायिकाओं को 3 लाख रुपये एकमुश्त दिया जाए। साथ ही मासिक पेंसन ग्रेज्युटी व समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
प्रदेश स्तर में आंबा. कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए एवं पोषण ट्रेक व अन्य कार्य के लिए मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता। तब तक मोबाइल पर कार्य का दबाव न दिया जाए।
तेलंगाना के वारंगल में ली अंतिम सांस
बीजापुर, 7 फरवरी। नक्सलियों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक कर शुरू की गई सलवा जुडूम अभियान के अगवा रहे मधुकर राव का आज हृदयाघात से निधन हो गया।
बताया गया कि मंगलवार की सुबह उनके सीने में दर्द उठा था। उन्हें कुटरू से तेलंगाना के वारंगल ले जाया गया। यहां एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शाम 6 बजे के करीब उनकी मौत गई है। वारंगल से उनका पार्थिव शरीर लाया जा रहा है। बुधवार को कुटरू में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ज्ञात हो कि कुटरू निवासी मधुकर राव उम्र 55 पहले पेशे से एक शिक्षक थे। वर्ष 2005- 2006 में नक्सलियों के खिलाफ कुटरू के अम्बेली से शुरू हुई सलवा जुडूम अभियान का हिस्सा बनकर उन्होंने शिक्षक के पद से त्याग पत्र दे दी थी। कुछ दिनों के बाद मधुकर राव सलवा जुडूम अभियान से जुडक़र इसकी अगुवाई करने लगे। वर्तमान में मधुकर राव कुटरू में ही पंचशील आश्रम का संचालन कर रहे थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपट्नम, 7 फरवरी। वेतन विसंगति को लेकर छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षक फेडरेशन का विकास खंड भोपालपट्नम अनिश्चितकालीन हड़ताल का प्रथम दिवस भोपालपटनम के क्लब प्रांगण में हड़ताल सोमवार के दिन शुभारंभ किया गया।
अनिश्चितकालीन आंदोलन के प्रथम दिवस भोपालपटनम विकास खंड के सैकड़ों शिक्षक प्रधान पाठक भारी संख्या में उपस्थित रहे शिक्षकों के आंदोलन में चले जाने से विकास खंड के सभी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हुई।
सहायक शिक्षक फेडरेशन के ब्लाक प्रदेश संगठन मंत्री महेश शेट्टी ने कहा कि हमारी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति को लेकर हमने सर्व प्रथम 2018 में मांग रखी थी। जब कांग्रेस सरकार सत्ता में नहीं थी तब उन्होंने हमारी मांग का समर्थन किया था और आज 4 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी पिछले डेढ़ वर्षों से कमेटी बनाकर कोई रिजल्ट नहीं आया।
उन्होंने कहा, बच्चों की परीक्षा का समय है हम भी चाहते है कि अपने स्कूल में जाकर पढ़ाएं। सरकार हमारी मांगों को जल्द पूरा करे। जब तक हमारी वेतन विसंगति दूर नहीं की जाती हम वापस नहीं जाएंगे।
तीन दिन पहले ही छुट्टी से लौटा था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 फरवरी। यहां नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ के एक जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। जवान तीन दिन पहले ही छुट्टी से वापस लौटा था।
मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर स्थित सीआरपीएफ 85 वीं बटालियन मुख्यालय में पदस्थ जवान बीनू एम पिता मणिकान एम उम्र 37 निवासी चित्तूर जिला पालाकड केरल मंगलवार की सुबह ड्यूटी पर जाने से पहले ही कैम्प के अंदर अपने सर्विस रायफल से खुद पर गोली चला ली। गोली की आवाज सुनकर साथी जवान उसकी तरफ दौड़े। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। सुबह 9 बजे हुई इस घटना के बाद कुछ देर के लिए 85वीं बटालियन हेडक्वाटर में अफरातफरी मच गई थी। जवान बीनू तीन दिन पहले ही अपने घर केरल से छुट्टी मना कर यहां लौटे थे। फिलहाल आत्महत्या का कारण पता नहीं चल पाया हैं।
वेतन विसंगति को लेकर आज से फेडरेशन का बेमुद्दत आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 फरवरी। पिछले चार सालों से वेतन विसंगति की लड़ाई लड़ रहा छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने सरकार के खिलाफ आज से बगावत का बिगुल फूंक दिया हैं। फेडरेशन के हड़ताल पर चले जाने से जिले भर के 593 स्कूलों पर इसका असर पड़ा है।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर सोमवार से बीजापुर जिले के भोपालपटनम, उसूर, भैरमगढ़ व बीजापुर ब्लॉक मुख्यालय में फेडरेशन ने ब्लाक वार अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी हैं। जिले के 947 शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से जिले के 593 प्राथमिक स्कूलों में ताले लग गए हैं। लगातार सरकार से अपनी मांगों को लेकर शिक्षक संवर्ग में नाराजगी व्याप्त है। इसी नाराजगी के चलते जिले के समस्त सहायक शिक्षक, प्राथमिक प्रधान पाठक सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
ज्ञात हो कि फेडरेशन पिछले चार सालों से अपनी एक सूत्रीय मांग प्रथम नियुक्ति से सेवा गणना कर वेतन विसंगति दूर करने की मांग लगातार सरकार से कर रहा है। आगामी महीनों में वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं और फेडरेशन ने हड़ताल शुरू कर दी हैं। हालांकि जिले में कुछ प्राथमिक व मीडिल स्कूल पूर्व की भांति संचालित हो रहे हैं।
ब्लाक वार स्कूल और शिक्षकों के आंकड़े
बीजापुर ब्लाक में कुल 252 शिक्षक हड़ताल में शामिल हुए। वहीं 101 स्कूल बंद रहे। भोपालपटनम ब्लाक कुल 251 शिक्षक हड़ताल में शामिल हुए, तो यहां के 146 स्कूल बंद रहे। उसूर ब्लाक में 174 शिक्षक जहां हड़ताल में शामिल रहे।वही 131 स्कूल बंद रहे। इसी तरह भैरमगढ़ ब्लाक की बात करें तो यहां 270 शिक्षको के हड़ताल पर होने से 215 स्कूलों में ताले गये हैं।
ताकीलोड़, भोपालपट्टनम और तोयनार की बेटियों ने बढ़ाया मान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 फरवरी। जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके ताकीलोड़, भोपालपट्टनम और तोयनार के साधारण परिवार की तीन बालिकाओं ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजीई)को पास कर भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए क्वालीफाई किया है।
बीजापुर के भैरमगढ़ तहसील के ताकीलोड गांव की डॉ. प्रीति भवानी पिता स्व मुन्नाराम भवानी रसिया के मेडिकल कॉलेज किर्गिस्तान से चिकित्सा की पढ़ाई कर लौटी थी। जिसे यहां के मेडिकल प्रैक्टिस के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को पास करना अनिवार्य था। प्रीति भवानी ने पहले प्रयास में ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को क्रैक कर लिया।
बीजापुर से 25 किमी दूर तोयनार निवासी तिरुपति कटला की पुत्री डॉ. सृष्टि कटला ने रूस के किर्गिस्तान से एमबीबीएस की डिग्री ली थी और एमसीआई हैदराबाद में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को क्रैक किया। अब डॉ सृष्टि कटला भारत में मेडिकल प्रेक्टिस के लिए योग्य हो गई हैं।
भोपालपट्टनम निवासी मिरंजा खान की द्वितीय पुत्री डॉ. आशिफा खान की प्राथमिक शिक्षा शिशु मंदिर मद्देड़ में हुई थी। तीन बहनों और एक भाई में दूसरे नंबर की आशिफा बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी। उन्होंने हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी चीन से एमबीबीएस और एमसीआई दिल्ली से फॉरेन ग्रेजुएट एग्जाम पास किया है। तीनों युवतियों के द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन ग्रेजुएट एग्जाम को पास किये जाने को लेकर जहां एक ओर परिजनों सहित ग्रामीणों में खासा उत्साह हैं। वही स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी ने उन्हें बधाई दी हैं। विधायक मंडावी ने उन्हें बीजापुर का गौरव बताते हुए कहा कि निश्चय ही इससे आगे की पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
4 दिनों में पूरी होगी युग निर्माण के लिए पूर्णाहुति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 फरवरी। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के पहले दिन रविवार को कलश स्थापना और कलश व युग निर्माण साहित्य यात्रा के साथ बीजापुर में शुभारंभ हो गया है। कलश यात्रा के साथ गुरुदेव के जीवन दर्शन के साहित्य भी सर में उठा कर भ्रमण किया गया।
गायत्री परिवार बीजापुर के सहायक प्रबंध ट्रस्टी बीराराज बाबू ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में यह यज्ञ हो रहे हैं सबसे अंतिम बीजापुर जिले का यह महायज्ञ है।
आयोजन में कलश और सद्ज्ञान की यात्रा की गई जिसमे माता बहनों द्वारा कलश और परम पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित साहित्यों को लेकर भ्रमण किया गया। आयोजन में तीन सौ कलश और सद गुरु ज्ञानगंगा साहित्य की शोभा यात्रा निकाली गई। बीरा राज बाबू ने बताया कि देव संस्कृति के निर्माता के रूप में गायत्री माता और यज्ञ पिता की वंदना आदि काल से होती रही है। युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ठ परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने इन्हीं दोनों को नवयुग के अवतरण का आधार बनाया और छोटे-छोटे गायत्री यज्ञ एवं दैनिक गायत्री उपासना का महा आंदोलन चलाकर मनुष्य में देवत्व और धरती पर स्वर्ग के अवतरण का संदेश दिया है। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में देश के सभी कोनों में यज्ञ श्रृंखला बनाई जा रही है। इसी के तत्वाधान में चार दिवसीय 24 कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का आयोजन बीजापुर में किया जा रहा है।
बाजार व्यवस्था को लेकर नगर पालिका बना मूकदर्शक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 फरवरी। जिला मुख्यालय में इन दिनों बेतरीब साप्ताहिक बाजार व्यवस्था के चलते दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। हर रविवार को होने वाले साप्ताहिक बाजार का फैलाव नेशनल हाइवे 63 के आजू बाजू हो गया है। साप्ताहिक बाजार बैठने के लिए बनी पौनी पसारी के शेड में थोक विक्रेता अपनी सब्जियों को रखते हैं।
यहां होने वाले साप्ताहिक बाजार में स्थानीय सब्जी विक्रेताओं सहित गांव देहात और दूर दराज से ग्रामीण सब्जियां लाकर बेचा करते हैं। नए बस स्टैंड के पास मावली माता साप्ताहिक बाजार स्थल पर करोड़ों रुपए की लागत से बने पौनी पसारी में सब्जी विक्रेता नहीं बैठते और नेशनल हाइवे 63 पर दुकान लगा लेते हैं। जिससे सडक़ संकरा और भीड़ से भर जाता है।
चिन्ना कोडेपाल से आए ग्रामीण किसान ने बताया की वह सब्जियां लेकर आया था पर उसे पौनी पसारी में बैठने नहीं दिया गया। वहां एक थोक सब्जी विक्रेता का सामान था। चैरपाल से आए एक अन्य किसान ने बताया की बड़े सब्जी विक्रेता सडक़ किनारे सब्जी बेचते हैं वहां अंदर सब्जी लेकर दिन भर भी बैठेंगे तो ग्राहक नहीं पहुंचेंगे। नगर पालिका द्वारा यहां साप्ताहिक सब्जी बाजार में आए ग्रामीणों से पैसे वसूलती है पर बैठने की समुचित व्यवस्था पालिका द्वारा नहीं की जाती है।
नगर पालिका सीएमओ बीएल नुरेटी ने बताया कि सब्जी विक्रेताओं को पौनी पसारी में बैठने की समझाइश दी गई है। आने वाले हफ्ते में पालिका द्वारा ऐसे सब्जी विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी जो पौनी पसारी शेड को छोड़ कर अन्यत्र अपनी दुकान लगाएंगे।
छत्तीसगढ़ मोदी सरकार की प्राथमिकता में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश अमृतकाल से गुजर रहा है। जिसमें सभी वर्गों का कल्याण शामिल है। इस बजट में आम से लेकर खास तक विशेषकर गरीब, मध्यम वर्ग, महिला, युवा वर्ग और किसानों का विशेष ख्याल रखा गया है। यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता व बस्तर भाजपा प्रभारी जी. वेंकट ने बयान जारी कही है।
प्रेस को जारी बयान में जी. वेंकट ने कहा कि 7 लाख तक कर में छूट, मध्यम और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत है। इसी तरह अगले 3 साल में 47 लाख युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना रोजगार के लिए बड़ा कदम साबित होगी।
उन्होंने आगे कहा कि यह बजट भारत के समृद्धि का बजट है, बजट के मूल में अंत्योदय विजन रहा है। एक शब्दों में यह बजट मध्यम वर्ग, महिला व आत्मनिर्भर भारत का बजट है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विकासोन्मुखी बजट पेश करने पर उन्होंने बधाई दी हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर की मुफ्त वैक्सीन पाने वाले राज्यों में अब छत्तीसगढ़ भी शामिल हो गया है।
एकलव्य आवासीय विद्यालयों में भर्तियों से युवाओं को तथा मिलेट उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने की योजना से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी से छत्तीसगढ़ के किसानों को विशेष फायदा होगा। प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन की घोषणा से छत्तीसगढ की विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास में मदद मिलेगी। सिकलसेल एनीमिया को खत्म करने का मिशन केन्द्र सरकार ने हाथ में लिया है। इस बीमारी से प्रभावित छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी। 5जी एप के लिए 100 नई प्रयोगशाला शुरू करने की नीति में भी छत्तीसगढ़ सर्वोच्च प्राथमिकता में है। ये तमाम विषय यह दर्शाती हैं कि मोदी सरकार की नजरों में छत्तीसगढ़ का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है। जी वेंकट ने कहा कि उम्मीद और विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश दुनिया के विकसित देशों के साथ कदमताल करते विकासोन्मुखी होगा।
गिद्धों की संख्या में वृद्धि का कारण ग्रामीणों द्वारा जड़ी-बूटी का उपयोग
विभाग ग्रामीणों के लगातार संपर्क में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 फरवरी। दुनियाभर में पाए जाने वाली गिद्धों की संख्या अब मात्र 1 प्रतिशत बची हुई है, 99 प्रतिशत गिद्ध खत्म हो चुके हैं। विलुप्ति की कगार पर पहुंचे इन दुर्लभ गिद्धों की कुछ प्रजातियां इन दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में देखी जा रही हैं।
हिमालय का राजा जिसकी बादशाहत काबुल से लेकर भूटान तक है, वो हिमालयन ग्रीफन वल्चर बीजापुर के इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में देखी जा रही है। इसके अलावा वाइट रम्पड़ वल्चर जिसे बंगाल का गिद्ध कहा जाता है, जो अफ्रीका और दक्षिण पूर्वी एशिया में पाया है। उसका बसेरा भी इन दिनों इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व है।
बताते हैं कि वाइट रम्पड़ वल्चर की संख्या वर्ष 1992 से 2007 की आंकड़ों में 99.9 फीसदी तक की कमी आई है, लेकिन बीजापुर के टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में ये दोनों दुर्लभ प्रजातियां अपने प्राकृतिक आवास में हैं। यहां के जंगलों में इनके घोंसले भी पाए गये हैं। इसके अलावा इंडियन वल्चर भी यहां मौजूद हैं। ये दुर्लभ प्रजातियों के गिद्ध कुछ दशक पहले तक इनकी संख्या हजारों में थी, लेकिन अब यह मात्र डेढ़ सौ से दो सौ के करीब की संख्या में बचे हैं।
इंद्रावती टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में इतने गिद्धों के बचे रहने के पीछे यहां के आदिवासी अंचलों में जड़ी-बूटियों के उपयोग को माना जाता है। जिसका गिद्धों पर बुरा असर नहीं पड़ता। सबसे ज्यादा घातक डायक्लोफेनेक ड्रग है। जिसके चलते किडनी फेल होने से गिद्धों की मौत का दावा जानकर करते हैं।
इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व बीजापुर के डिप्टी डायरेक्टर, गणवीर धम्मशील बताते हैं कि भारत में गिद्धों की संख्या लगभग विलुप्ति की कगार पर चली गई थी, लेकिन इन दिनों बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में विलुप्त हो रहे गिद्धों की तीन प्रजातियां हिमालयन वल्चर, वाइट रम्पड़ वल्चर व इंडियन वल्चर देखी जा रही हैं। यहां इनके घोंसले भी मौजूद हैं। इनकी संख्या 150 से 160 के करीब हैं।
डिप्टी डायरेक्टर धम्मशील ने आगे बताया कि इन गिद्धों की संख्या में वृद्धि करने लगातार ग्रामीणों से संपर्क साधा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गिद्धों की विलुप्ति का मुख्य कारण डायक्लोफेनेक है। जिसे दवा के रूप में इस्तेमाल कर लोग मवेशियों को देते थे। जब गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाते थे। उसके बाद से उनकी मृत्यु हुई और देश के कई प्रदेशों में इनकी संख्या कम हुई।
उन्होंने बताया कि गांव-गांव प्रचार के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि कौन सी दवा इस्तेमाल किया जा रहा हैं। डिप्टी डायरेक्टर धम्मशील के मुताबिक यहां गिद्धों के बचने का कारण ग्रामीणों द्वारा जड़ी बूटियों का उपयोग हैं। जिनकी वजह से वे बच रहे हैं और उनकी संख्या में भी वृद्धि हो रही है।
दर्जनभर वार्डवासी शिकायत लेकर पहुँचे डीएम ऑफिस
बीजापुर, 2 फरवरी। इन दिनों बीजापुर नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। नगर पालिका वार्डों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचा पाने में उदासीन नजर आ रहा है।
बीजापुर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 7 और 8 की सीमा क्षेत्र में सडक़, पुल और स्ट्रीट लाइट जैसी जरूरी सुविधाएं दे पाने में पालिका गंभीर नजर नहीं आ रहा है। जिसे लेकर नाराज ग्रामीण गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे।
ग्रामीणों का आरोप है कि वार्ड क्रमांक 7 और 8 बड़े नाले से लगा हुआ है। जहां आये दिन हादसे होते हैं। स्कूली बच्चे भी चट्टान और पानी से परेशान रहते हैं। नाला पार करते कई बच्चे हादसे का शिकार भी हो चुके हैं। इस समस्या के समाधान को लेकर वार्डवासी कई बार अधिकारी और नेताओं के चक्कर काट कर थक चुके हैं। अब एक बार फिर से अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का दरवाजा खटखटाया है। यहां सडक़, पुल, पुलिया और स्ट्रीट लाइट की मांग को लेकर वार्डवासियों ने एसडीएम पवन प्रेमी को ज्ञापन सौंपा है।
ग्रामीणों की मांगों का समर्थन सीपीआई ने भी किया है। सीपीआई के जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने बताया कि विकास के बड़े दावे शहरी क्षेत्रों में दम तोड़ रही हैं। मासूम बच्चे घायल हो रहे हैं, लेकिन नगरपालिका सोया हुआ है।
एसडीएम पवन प्रेमी ने बताया कि मांगपत्र वार्डवासियों ने दिया है। मांगों को लेकर कलेक्टर से चर्चा के बाद कार्रवाई करेंगे। हादसों के विषय मे कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है। मौका मुआयना करके उचित कार्रवाई करेंगे।
सहायक शिक्षक फेडरेशन उतरेगा बेमुद्दत हड़ताल में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 फरवरी। आगामी छह फरवरी से छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन बेमुद्दत हड़ताल पर जा रहा है। फेडरेशन के शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से जिले के करीब 741 प्राथमिक शालाओं में ताले लग जाएंगे। फेडरेशन ने आंदोलन की सारी तैयारियां कर ली हैं और महीने की पहली तारीख को ही फेडरेशन के पदाधिकरियों ने पत्रों के माध्यम से एसडीएम, तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लाक शिक्षा अधिकारी और पुलिस को इसकी सूचना भी दे दी हैं।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन विगत 4 सालों से वेतन विसंगति की लड़ाई लड़ रहा हैं। सडक़ की लड़ाई से उच्च अधिकारियों से चर्चा तक और फिर शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से चर्चा तक की बात हो,हर स्तर पर मुलाकात किया गया और सीएम के निर्देश पर 16 सितंबर 2021 को एक कमेटी 3 महीने के लिए बनाई गई थी। जिसका निर्णय आज तक नहीं आया है। जिसके कारण समस्त शिक्षक संवर्ग में नाराजगी व्याप्त है। इसी नाराजगी के चलते जिले के समस्त सहायक शिक्षक, प्राथमिक प्रधान पाठक 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इस बारे में जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष रमन झा ने बताया कि लगातार शासन से लेकर मंत्रियों अधिकारियों से वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं। लेकिन आज चुनावी वर्ष आने के बावजूद अभी तक सरकार द्वारा हमारी मांगों पर अनदेखी किया गया।शासन द्वारा सरकार आने के पहले घोषणा पत्र में भी वेतन विसंगति दूर करने की बात कहीं गई थी। लेकिन आज 4 साल बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण समस्त शिक्षक संवर्ग 6 फरवरी से ब्लाक स्तरीय अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जा रहे है।
वहीं जिला सचिव सुशील हेमला ने बताया कि जिले के चारो विकास खंड शिक्षा अधिकारी,जिला शिक्षा अधिकारी, थाना प्रभारी तहसीलदार,अनुविभागीय अधिकारी को अनिश्चित कालीन हड़ताल के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें विकासखंड बीजापुर, भैरमगढ़, उसूर,व भोपालपटनम सहायक शिक्षक फेडरेशन के समस्त प्राथमिक प्रधानाध्यापक, शिक्षक, सहायक शिक्षक के सदस्य शामिल होंगे।
इस दौरान बीजापुर ब्लाक अध्यक्ष शांति लाल वर्मा,गोपाल कृष्ण पांडे,यामिनी बंजारे,लछिन्दर हेमला, रेहान खान, हेमलाल रावटे, भागीराम नेताम, बल्लू नेताम मौजूद रहे। यह जानकारी फेडरेशन के जिला मीडिया प्रभारी मोहसिन खान प्रेस रिलीज में दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 2 फरवरी। छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के तत्वावधान में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपालपटनम परियोजना की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी मांगों को लेकर 29 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हैं।
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की ब्लॉक अध्यक्ष शांता मरकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित की जाए । सरकार द्वारा अपने जन घोषणापत्र में घोषित सभी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर विचार किया जाए। आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के पद पर शत-प्रतिशत पदोन्नति एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम संशोधन कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिक शिक्षक का दर्जा दिया जाए।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए। क्रेस कार्यकर्ताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए। प्रदेश स्तर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए।
धरना स्थल पर प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भोपालपटनम संघ की अध्यक्ष शांता मरकाम, विजय लक्ष्मी, उपाध्यक्ष ललिता यादव, सचिव कविता झाड़ी, राधा फुलसे, कोषाध्यक्ष अनिता यालाम, शकुंतला, अर्चना वासम, सुजाता तामडी, सारदा दुबे, शारदा चेपा, मल्लू बाई, सरिता जव्वा, सुनीता दुर्गम, सरिता नीलम, सरस्वती मडे, पीरला सरस्वती, अनिता चिक्कुड, विनोदा, नरेंद्रा दुर्गम, शकल्याणी रायपुर, अनिता टिंगे, धनवती एवं विकासखंड के बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका उपस्थित थे।
विकास की कवायद तेज करने सरकार ने बनाई रणनीति
महाराष्ट्र को जोडऩे बेदरे में बन रहा एक किमी लंबा पुल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 फरवरी। नक्सलगढ़ में विकास की कवायद में तेजी लाने सरकार नई रणनीति पर अमल कर रही है। माओवाद प्रभावित इलाके में विकास की रफ्तार तेज करने छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र को जोडऩे वाला एक किलोमीटर लंबे पुल अब सुरक्षा बलों के साये में कैमरे की नजर और हाई मास्ट लाइट की रौशनी में बनेगा। इसे अमलीजामा पहनाने सेतु निगम ने कवायद शुरू कर दी है। बहुत जल्द अब बेदरे में पुल बनकर तैयार होगा।
बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर बेदरे में दो साल पहले बीजापुर से महाराष्ट्र के नागपुर को जोडऩे के लिए 42 करोड़ रुपये की लागत से 1 किमी लंबे पुल का निर्माण शुरू किया गया है। इस पुल पर 38 कॉलम खड़े किये जाने हैं, लेकिन नक्सल गतिविधि के चलते दो बरसों में महज 8 कॉलम ही यहां खड़े हो पाए हैं। फरवरी में कार्य की समयावधि भी समाप्त हो रही है।
इस पुल के निर्माण से जहां बीजापुर से सीधे महाराष्ट्र जुड़ जाएगा, वहीं बीजापुर जिले के नदी पार के पंचायतें भी जुड़ जाएगी और वहां मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों को मिलने लगेगी। इस पुल निर्माण का ठेका अशोक मित्तल को दिया गया है। जिनसे पेटी में काम लेकर अंकित गुप्ता कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुल के निर्माण के बाद से ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
बेदरे पुल के दूसरे छोर पर नुगुर व लंका गांव में बड़ी संख्या में जुटकर ग्रामीण इस पुल निर्माण का विरोध कर रहे हैं। बेदरे पुल का निर्माण पुलिस की सुरक्षा में लगातार करवाया जा रहा है। अब पुल के काम में गति लाने सेतु विभाग रात में भी काम करवाने की तैयारी कर रहा हैं। इसके लिए बाकायदा विभाग सुरक्षा की दृष्टि से कार्य स्थल पर कैमरे और हाई मास्ट लाइट लगवाने की कवायद कर रहा है।
ब्रिज कॉर्पोरेशन के ईई बीएन खूंटे ने ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता को बताया कि क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए काम की गति को आगे बढ़ाया जा रहा हैं। श्री खूंटे ने आगे बताया कि विभाग अब रात में भी काम करवाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पहले कार्य स्थल पर कैमरे व हाई मास्ट लाइट लगवाने तैयारी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे सुरक्षा भी होगी और काम में गति भी आएगी। उन्होंने बताया कि फरवरी में काम का विस्तार कर लिया जाएगा।
वहीं कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने बताया कि बेदरे में बन रही पुल बीजापुर से महाराष्ट्र को जोडऩे का काम करेगी। साथ ही नदी पार के दर्जनों गांवों तक विकास पहुंचेगा। स्कूल, अस्पताल, उचित मूल्य की दुकान नदी पार के गांव में खुलेंगे। ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने आगे कहा कि पुल के निर्माण के बाद गांव में सुविधाओं के विस्तार के साथ ही वहां के लोग हम से जुड़ेंगे।
नक्सल खलल ने प्रभावित किया काम
ज्ञात हो कि बेदरे पुल निर्माण का काम जिस कस्ट्रेक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उस कंपनी के साइड इंजीनियर अशोक पवार व उनके एक सहयोगी जब साइड पर काम करा रहे थे। तब उन्हें नक्सली अगवा कर ले गए थे। परिजनों की अपील व मीडिया की दखल के बाद सातवें दिन नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद से ही पुल का काम धीमा पड़ गया। पुल के निर्माण का विरोध अभी भी जारी है।
बैलाडीला की पहाड़ी से लगे जिले के गांवों का हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 1 फरवरी। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के अंतिम छोर बैलाडीला की पहाड़ी से लगे जिले के गांव बरसों से लाल पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। इन दर्जनों गांवों की समस्या का निदान कोई भी सरकार अब तक नहीं कर पाई हैं। आलम ये है कि आज भी ग्रामीण पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल चुआं से कर रहे हैं।
भैरमगढ़ जनपद पंचायत के अधीन आने वाले गांव पिनकोंडा के बंजारा पारा के ग्रामीण पीने के पानी के लिए नदी किनारे चुआं(झरन) से पानी निकालकर पी रहे हैं। बंजारा पारा में एक मात्र बोरिंग है। जिसमें से लाल पानी निकल रहा है। जो पीने लायक नहीं है। इसके इस्तेमाल से बच्चे बीमार हो रहे हैं।
ग्रामीण पीने के पानी के लिए गांव से करीब एक किलोमीटर दूर जाकर नदी किनारे चुआं (झरने) का पानी छानकर लाते है और उसे पीते हैं। इन ग्रामीणों की यह समस्या बारिश के दिनों में दोगुनी हो जाती है। बारिश के दिनों में उन्हें नदी पार करके जाना पड़ता है।
पिनकोंडा के ग्रामीण लगातार आवेदनों के माध्यम से अपनी समस्या अफसरों को बताते रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याएं जस की तस हैं। बीते दिनों भी पिनकोंडा की महिलाएं कलेक्टर से मिलने बीजापुर पहुंची थीं। महिलाओं ने अपनी एकमात्र मांग पीने लायक पानी की बोरिंग की व्यवस्था कराने अफसरों को पत्र भी सौंपा हैं।
पिनकोंडा से यहां पहुंचीं डिलो कडती ने बताया कि गांव में एक पुराना हैंडपंप लगा है, जिसमें पानी नहीं आता था। बाद में उसमें पाइप लगा दिया गया। अब उसमें से आयरन युक्त लाल पानी आ रहा है, जिसे पीकर बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। बारिश में भी यहां आकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को पत्र दिया था। इसके बाद भैरमगढ़ के जनपद पंचायत वहां आये थे। लेकिन बारिश की वजह से सडक़ गीली होने की बात कहकर बोरिंग गाड़ी बाद में भेजने की बात कहकर आज तक नहीं भेजे। उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। तब जाकर वे यहां कलेक्टर से मिलने आये हैं।
इस बारे में ‘छत्तीसगढ़’ ने सीईओ जनपद पंचायत भैरमगढ़ से उनका पक्ष लेने उन्हें लगातार कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 31 जनवरी। देश की एकता अखंडता का संदेश देने के लिए ग्राम पंचायत रूद्रारम, पेदामाटूर, चिन्नामाटूर, अर्जुनली, कुचनूर में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का शुभारंभ किया गया।।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के कार्यक्रम में ब्लॉक भोपालपटनम के पर्यवेक्षक कमलेश कारम (प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस) सहित बसंत राव ताटी सदस्य कृषक कल्याण परिषद छत्तीसगढ़ शासन एवं सदस्य जिला पंचायत बीजापुर के नेतृत्व में सबसे पहले डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजा अर्चना कर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का शुभारंभ किया गया।।
इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद एवं सरपंच एवं कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अरुण और वंदना ने हासिल किया मुकाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 जनवरी। राजधानी में विभिन्न स्पर्धाओं के लिए हो रहे राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में शामिल होकर बीजापुर के खिलाडिय़ों ने अपनी छाप छोड़ी है। कुश्ती व हारमोनियम स्पर्धा में बीजापुर के खिलाडिय़ों ने तीसरा स्थान पाया हैं।
28 से 30 जनवरी तक रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से 7 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था। जिसमें हारमोनियम प्रतियोगिता में अरुण विश्वकर्मा व कुश्ती में 85 किलो वजन में वंदना साहू ने राज्य में तीसरा स्थान पाया है। खेल प्रभारी केशव कुमार तोगर ने बताया कि जिले से कुल 7 खिलाड़ी विभिन्न खेलों में हिस्सा लेने राजधानी गये थे। इनमें हारमोनियम व कुश्ती में दो ही खिलाडिय़ों ने तीसरा स्थान लाया है, जबकि भौरा, कुचीपुड़ी, गेड़ी दौड़ व क्वीज स्पर्धा में कोई भी खिलाड़ी स्थान बनाने में असफल रहे।
उन्होंने दूरभाष पर चर्चा करते हुए बताया कि सोमवार को टीम की वापसी है। टीम के नोडल अधिकारी दीपक उईके खिलाडिय़ों के साथ हैं।