बीजापुर
4 दिनों में पूरी होगी युग निर्माण के लिए पूर्णाहुति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 फरवरी। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के पहले दिन रविवार को कलश स्थापना और कलश व युग निर्माण साहित्य यात्रा के साथ बीजापुर में शुभारंभ हो गया है। कलश यात्रा के साथ गुरुदेव के जीवन दर्शन के साहित्य भी सर में उठा कर भ्रमण किया गया।
गायत्री परिवार बीजापुर के सहायक प्रबंध ट्रस्टी बीराराज बाबू ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में यह यज्ञ हो रहे हैं सबसे अंतिम बीजापुर जिले का यह महायज्ञ है।
आयोजन में कलश और सद्ज्ञान की यात्रा की गई जिसमे माता बहनों द्वारा कलश और परम पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित साहित्यों को लेकर भ्रमण किया गया। आयोजन में तीन सौ कलश और सद गुरु ज्ञानगंगा साहित्य की शोभा यात्रा निकाली गई। बीरा राज बाबू ने बताया कि देव संस्कृति के निर्माता के रूप में गायत्री माता और यज्ञ पिता की वंदना आदि काल से होती रही है। युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ठ परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने इन्हीं दोनों को नवयुग के अवतरण का आधार बनाया और छोटे-छोटे गायत्री यज्ञ एवं दैनिक गायत्री उपासना का महा आंदोलन चलाकर मनुष्य में देवत्व और धरती पर स्वर्ग के अवतरण का संदेश दिया है। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में देश के सभी कोनों में यज्ञ श्रृंखला बनाई जा रही है। इसी के तत्वाधान में चार दिवसीय 24 कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का आयोजन बीजापुर में किया जा रहा है।