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बीजापुर, 2 जून। बुधवार को एक बार फिर उसूर ब्लॉक से आये कोरोना संक्रमितों के ताजे आंकड़े ने प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। सिलगेर इलाके के नरसापुर से मिले कोरोना संक्रमितों के बाद अब उसी इलाके के गगनपल्ली से 27 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जिले में कुल 61 केस सामने आए हैं।
बुधवार को कोरोना की शाम तक के दैनिक रिपोर्ट में बुधवार को उसूर ब्लाक से कुल 33 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसमें केवल गगनपल्ली के पटेलपारा से 22 व आबापारा से 5 कोरोना पॉजिटिव मिले हंै।
जबकि लिंगगिरी, तर्रेम, भण्डारपाल, पीएचसी बासागुड़ा से एक एक व पामेड़ क्षेत्र के 2 केस है। वही भैरमगढ़ ब्लाक से 16, बीजापुर ब्लाक से 10 और भोपालपटनम ब्लाक से महज 2 केस मिले हैं। बुधवार को जिले से आये शाम तक के रिपोर्ट में कुल 61 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें से एक ग्रामीण का टूनॉट व अन्य सभी का एंटीजेन किट से टेस्ट किया गया हैं।
ज्ञात हो कि उसूर ब्लाक में इन दिनों कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा हैं। यहां सर्वाधिक केस सिलगेर इलाके से दर्ज किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र से अब तक सौ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। फिलहाल सभी संक्रमितों का उपचार होम आइसोलेशन में किया जा रहा है। जो गंभीर लक्षण वाले मरीज हैं। उन्हें कोविड सेंटर में एडमिड किया गया हैं।
बीजापुर, 1 जून। जिले में मंगलवार को शाम तक 36 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें सर्वाधिक बीजापुर ब्लॉक से 13 संक्रमित पाए गए हैं।
बीजापुर जिले में मंगवार की शाम तक के आये दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक भैरमगढ़ ब्लॉक में 12, भोपालपटनम ब्लॉक में 3, उसूर ब्लॉक में 8 एवं सर्वाधिक बीजापुर ब्लॉक में 13 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। संक्रमित पाए गए इन लोगों में 6 का टू्रनॉट व अन्य सभी एंटीजन किट द्वारा टेस्ट किया गया।
फिलहाल सभी संक्रमितों का उपचार होमआइसोलेशन में किया जा रहा है। जो गंभीर लक्षण वाले मरीज हैं, उन्हें कोविड सेंटर में एडमिड किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 1 जून। कोरोना पॉजिटिव शिक्षक ने कोविड वार्ड में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या का कारण अभी पता नहीं चल पाया है
पुलिस के अनुसार नरेंद्र मिच्चा (41 वर्ष) कोंगूपल्ली शनिवार को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भोपालपटनम के रुद्राराम कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था । उसने कल शाम 7 बजे कोविड सेंटर के बाथरूम में गमछे को गले बांधकर आत्महत्या कर ली।
बीएमओ डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि उस वार्ड में और भी लोग भर्ती थे। टीआई विनोद एक्का ने बताया कि शुरुआती जांच में पारिवारिक कारण बताया जा रहा है मृतक पेशे से शिक्षक रहे हैं और उनके घर में उनकी बंटी की भी तबियत खराब होने जानकारी मिली है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 31 मई। सोमवार को उसूर ब्लॉक के नरसापुर में एक बार फिर कोरोना वायरस फूटा है। इस बार यहां अलग-अलग गांव से नहीं बल्कि नरसापुर के एक ही पारा से 2 दर्जन ग्रामीण कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को आये जिले के कोरोना के दैनिक रिपोर्ट ने एक बार फिर प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा के लिए चिंता पैदा कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक उसूर ब्लाक के नरसापुर में केवल बिल्लीपारा से 24 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दो दिन पहले ही नरसापुर क्षेत्र से कोरोना के 48 पॉजिटिव केस मिले थे। सोमवार को फिर से इसी क्षेत्र से बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों का मिलना प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा के लिए चिंता का सबब बन गया है।
यहां सभी संक्रमित ग्रामीणों का एंटीजेन किट से टेस्ट किया गया है। इसके अलावा बासागुड़ा से 5 पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें 4 सीआरपीएफ के जवान हैं। वहीं बीजापुर ब्लाक में 16 पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें से 11 जिला मुख्यालय के एवं 5 गंगालूर से हैं। भोपालपटनम ब्लाक से 3 व भैरमगढ़ ब्लाक से 14 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। बीजापुर जिले में सोमवार की शाम तक के रिपोर्ट में कुल 62 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं।
इनमें से 12 लोगों का टूनॉट व अन्य सभी का एंटीजेन किट से टेस्ट किया गया। फिलहाल सभी संक्रमितों का उपचार होमाइसोलेशन में किया जा रहा है। जो गंभीर लक्षण वाले मरीज हैं, उन्हें कोविड सेंटर में एडमिड किया गया हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 31 मई। आज पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। लोग रोज़ अपने परिजनों को खो रहे है। यह सब मोदी सरकार की कुप्रबंधन के कारण हो रहा है, बावजूद इसके भाजपा के नेता मोदी सरकार की छवि बनाने नाना प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। उक्त बातें कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लालू राठौर ने कही हैं।
प्रेस को जारी अपने बयान ने श्री राठौर ने कहा कि देश में कोरोना ने भयावह रूप ले रखा है। ऐसे समय देश व प्रदेश का हर एक व्यक्ति अपने अपने स्तर पर कोरोना पीडि़तों की मदद कर रहा है। लेकिन भाजपा के लोग इस संकटकाल में कहीं पर भी नजऱ नहीं आए और भाजपा के लोग उल्टे पीठ दिखाकर भाग गए।
मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में ऐसा एक भी काम नहीं किया जिससे कि आम आदमी को राहत पहुँची हो। आज देश में महंगाई अपने चरम पर है पेट्रोल डीज़ल में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, विवादित कृषि क़ानूनों से देश का किसान सडक़ पर है। देश के प्रत्येक व्यक्ति के खाते में पंद्रह पंद्रह लाख आज तक नहीं आए। आज देश का हर एक व्यक्ति अपने आप को मोदी सरकार व भाजपा से ठगा सा महसूस कर रहा है। मोदी सरकार ने देश की जनता से किए वादों में एक भी वादा पूरा नहीं किया। मोदी सरकार की ग़लत नीतियों के कारण देश में बेरोजग़ारी लगातार बढ़ रही है। लोगों की नौकरियाँ जा रही है। छोटे एवं लघु उद्योग बंद हो रहे हैं, इन सब पर भाजपा व मोदी सरकार को देश व प्रदेश की जनता को बताना चाहिए।
दूसरी तरफ़ छत्तीसगढ़ प्रदेश की भूपेश सरकार है, जो कोरोना वैश्विक महामारी के बावजूद लगातार अपने संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करते हुए प्रदेश की उन्नति के लिए काम कर रही है।
भूपेश सरकार के कल्याणकारी नीतियों का ही परिणाम है कि प्रदेश का प्रत्येक किसान, छोटा व्यापारी, दुकानदार, मज़दूर, युवा, गऱीब और आम नागरिक आर्थिक रूप से सक्षम हो रहे है। प्रदेश का कृषि जोत लगातार बढ़ रहा है प्रदेश में किसानों की संख्या में वृद्धि के साथ साथ धान उत्पादन का बढऩा इस बात का प्रमाण है कि भूपेश सरकार की नीतियाँ किसानों के साथ साथ आम लोगों के लिए है। जबकि मोदी सरकार की नीतियाँ कुछ चुनिंदा उद्योगपति मित्रों के लिए बनती है जिसका जीता जागता उदाहरण मोदी सरकार के विवादित नए कृषि क़ानून है जो मोदी सरकार के उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुँचाने के लिए बनाई गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 मई। कोरोना के दैनिक रिपोर्ट में रविवार को जिले से 29 पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें से सर्वाधिक 19 केस अकेले बीजापुर ब्लॉक से सामने आये हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को जिले में कुल 642 टेस्टिंग की गई हैं। बीजापुर ब्लॉक में एंटीजन किट से 110, भैरमगढ़ ब्लाक में 121, उसूर ब्लाक में 60, भोपालपटनम ब्लाक में 91 व जिला अस्पताल में 48 टेस्ट हुए हैं। वहीं आरटीपीसीआर से बीजापुर ब्लाक में 36, भोपालपटनम ब्लाक में 33, उसूर ब्लाक में 10 व भैरमगढ़ ब्लाक में 28 टेस्ट की गई। इसी तरह टू्र नॉट किट से बीजापुर ब्लाक में 37, भैरमगढ़ ब्लाक में 34, उसूर ब्लाक में 6, भोपालपटनम ब्लाक में 11 व जिला अस्पताल में 17 टेस्ट किये गए हैं।
जिले में रविवार को कुल 642 कोरोना टेस्ट में 29 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसमें केवल 19 केस बीजापुर ब्लाक से मिले हैं। बताया गया है कि बीजापुर व आसपास के कस्बों में इन दिनों शादी समारोह का कार्यक्रम चल रहा हैं। भीड़-भाड़ के चलते सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने से कोरोना के केस बढ़े हैं। फिलहाल सभी पाए गए संक्रमितों का उपचार होम आइसोलेशन में किया जा रहा है। जो गंभीर लक्षण वाले मरीज हैं, उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर , 30 मई। जिले के जिस इलाके में नक्सली दहशत से विकास प्रभावित हो गया था, बेरोजगारी और अशिक्षा थी। बच्चों के लिए शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। इन धुर नक्सल प्रभावित इलाके में बच्चों को ज्ञान का उजियारा फैलाने के लिए बीते ढाई वर्षों में 23 नवीन पोटाकेबिन और 8 नये छात्रावास भवन निर्मित किए गए हैं। वहीं जिले के सुदूर इलाकों में बंद पड़े 56 स्कूलों को पुन: प्रारंभ किया गया है।
जिले के दूरस्थ अंदरूनी क्षेत्रों में ये स्कूल एवं छात्रवास बच्चों को नक्सलपंथ के विचारों से प्रभावित होने से रोकने में मददगार साबित होंगे और इस इलाके के बच्चे शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य संवारेंगे। यह सब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नक्सली प्रभावित जिलों में शिक्षा के विस्तार सहित नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा सुलभ कराने की संवेदनशील पहल के परिणामस्वरूप हुआ है। यही नहीं प्रदेश के मुखिया ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने सहित उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की सकारात्मक पहल की। जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय बीजापुर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किया जा रहा है।
उक्त स्कूल भवन में आकर्षक अध्यापन कक्ष, आधुनिक कम्प्यूटर कक्ष, उत्कृष्ट लाईब्रेरी, उच्चस्तरीय प्रयोग शाला, बाला कॉन्सेप्ट, वॉल पेंटिंग एवं योग्य शिक्षकों की नियुक्ति एवं प्राईवेट स्कूलों के फीस से मुक्त छात्र-छात्राएं और अभिभावक प्रसन्न हैं।
उक्त स्कूल में शिक्षा सत्र 2020-21 से कक्षा पहली से बारहवीं तक कक्षाएं संचालित है, जिसमें 431 छात्र-छात्राएं वर्तमान में अध्ययनरत हैं। वहीं शिक्षा सत्र 2021-22 हेतु अभी ऑनलाईन प्रवेश प्रक्रिया जारी है। राज्य शासन की मंशानुरूप जिले के भोपालपटनम, भैरमगढ़ तथा उसूर ब्लाक मेें भी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।
जिले में विगत ढाई वर्षों के दौरान स्कूल भवनों, आश्रम-छात्रावास भवनों के निर्माण सहित शैक्षणिक सुविधाओं के विकास को बढ़ावा मिला है। इस दिशा में अंदरूनी इलाकों के लिए 23 पोटाकेबिन हाईस्कूल भवन निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पूर्ण किया गया है। वहीं 26 पोटाकेबिन हाईस्कूल छात्रावास भवन निर्माण कार्यों में 2 पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष पूर्णता पर हैं। इसके साथ ही आदिवासी विकास विभाग के 15 छात्रावास भवन निर्माण कार्यों में से 6 छात्रावास भवन पूर्ण किये जा चुके हैं और 9 छात्रावास भवन निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
जिले के धुर नक्सली प्रभावित इलाकों में बंद पड़े स्कूलों के पुन: शुरू करने से उक्त अंदरूनी क्षेत्र के बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा सुविधाएं सुलभ हो रही है। इस दिशा में जिले के अंतर्गत अब तक 56 स्कूलों को शुरू किया गया है। जिसके तहत भोपालपटनम ब्लॉक में 19, बीजापुर ब्लाक में 10, भैरमगढ़ ब्लाक में 7 तथा दूरस्थ उसूर ब्लॉक में 20 स्कूलों को फिर से आरंभ किया गया है। इन स्कूलों में संबंधित ग्राम पंचायत के बारहवीं उत्तीर्ण स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
वहीं स्कूलों के संचालन के लिए शेड निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। इन स्कूलों में शासन के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं मध्यान्ह भोजन, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक तथा गणवेश इत्यादि का लाभ स्कूली बच्चों को मिल रहा है।
भाजपा जांच दल नहीं पहुंच सका सिलगेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 29 मई। सिलगेर गोलीकांड की हकीकत जानने से जा रहे भाजपाइयों का जांच दल ग्रामीणों से मुलाकात किये बिना बैरंग लौट आया।
दरअसल तरेम से 1 किमी दूर से स्टेट हाइवे पर पेड़ और सूखी लकडिय़ां डालकर मार्ग जाम कर दिया गया है। यही वजह थी कि भाजपा का 6 सदस्यीय जांच दल सिलगेर नहीं पहुंच सका और तरेम से बैरंग लौट गया। तहसीलदार से गोलीकांड में घायल और मृतकों की जानकारी लेकर दल वापस हो गई। भाजपा के जांच दल में दो पूर्व मंत्री एक पूर्व बस्तर सांसद और पूर्व विधायक शामिल थे।
शनिवार को भाजपा का जांच दल सिलगेर के लिए निकला था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जांच दल तरेम पहुँचा। जांच दल के नेता सिलगेर तक जाना चाहते थे। लेकिन तरेम को कंटेनमेंट जोन बनाने और सडक़ पर पेड़ों को रखकर जाम किये जाने की वजह से दल तरेम में ही घटना की जानकारी एकत्रित करता रहा और पीडि़तों से मिले बिना ही बैरंग बीजापुर लौट आया।
तरेम पहुंचे पूर्वमंत्री और बीजापुर के पूर्व विधायक महेश गागड़ा ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। पूर्व मंत्री गागड़ा ने बताया कि भूपेश सरकार की जवाबदेही है कि लोगों को सुरक्षा दी जाए। उसमें सरकार विफल रही है। हम सिलगेर में लोगों से मिलना चाहते थे, लेकिन पूरे सिलगेर को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है और सडक़ जाम कर दिया गया है, जिस वजह से वे नहीं जा पाए। सुरक्षा व्यवस्था प्रदेश सरकार का काम है और आदिवासियों के हितैसी बनने वाली सरकार आदिवासियों के नाम पर सिर्फ वोटों की राजनीति कर रही है।
वहीं एक महिला की सिलगेर गोलीकांड में मौत पर पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने गर्भवती महिला की मौत पर संवेदना व्यक्त करते इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उसेंडी ने बताया कि सरकारी उपेक्षा के चलते यह सब घटा है। महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा देना सरकार का काम है। उसेंडी ने बताया कि पूरी टीम सिलगेर घटना की विस्तृत जांच और तथ्यों के आधार पर ही जांच रिपोर्ट बनाएगी।
बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने बताया कि आदिवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भूपेश सरकार की है। आदिवासी विधायक विक्रम मण्डावी और सुकमा से आदिवास मंत्री कवासी लखमा हैं, मगर इस पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान इनके तरफ से नही आया। जो दुर्भाग्यजनक है। हर मामले पर टिप्पणी करने वाले सीएम भूपेश बघेल की चुप्पी भी कई सवाल पैदा करती है। सिलगेर गोलीकांड में हम उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।
मृतकों और घायलों को मिले न्याय- नंद कुमार साय
सिलगेर गोलीकांड में मारे गए सभी लोग किसान हैं। उनमें कोई भी नक्सली नहीं है। मृतकों को न्याय मिलना चाहिए। मृतकों के परिजनों और घायलों को सरकार मुआवजा और सरकारी नौकरी दे।
बीजापुर, 29 मई। शनिवार को उसूर ब्लॉक में कोरोना बम फूटा है। यहां केवल नरसापुर में ही 48 केस मिले हैं। इसके अलावा अलग-अलग गांवों के 70 से ज्यादा ग्रामीण संक्रमित पाए गए हैं।
शनिवार को आये कोरोना के दैनिक रिपोर्ट ने लोगों के साथ प्रशासन को भी चिंतित कर दिया है। यहाँ केवल उसूर ब्लाक के अलग अलग गांव से एक ही दिन में 70 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए है। रिपोर्ट के मुताबिक उसूर ब्लाक के नरसापुर से 48, छुटवाई से 17, पामेड़ से 6 व आवापल्ली और बासागुड़ा से 1-1 पॉजिटिव केस मिले हैं।
बताया जाता है कि उसूर ब्लाक में जो पॉजिटिव मिले है। वहीं भैरमगढ़ ब्लाक से 13, बीजापुर ब्लॉक से 13 व भोपालपटनम ब्लॉक से 5 पॉजिटिव केस सामने आये हैं। इन सभी शनिवार को एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया था। जिसमें ये सभी पॉजिटिव आये हैं। फिलहाल सभी संक्रमितों का उपचार होमाइसोलेशन में किया जा रहा है। जो गंभीर लक्षण वाले मरीज हैं। उन्हें कोविड सेंटर में एडमिड किया गया हैं।
बीजापुर, 29 मई। नौ महीने पहले जैगुर में हुए रेंजर की हत्या में शामिल एक नक्सल आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक शनिवार को जांगला थाना से जिला बल व दरभा से छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी वाहिनी की संयुक्त टीम नक्सली विरोधी अभियान पर ग्राम जैगुर व मेढ़पाल की ओर निकली हुई थी। इसी बीच मेढ़पाल के जंगलों से पुलिस ने नक्सल आरोपी मडक़ाम साधू (30) मेढ़पाल को गिरफ्तार किया।
ज्ञात हो कि 11 सितंबर 2020 को नक्सलियों ने जैगुर में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के भैरमगढ़ अभ्यारण्य रेंज में पदस्थ रेंजर रथराम पटेल की हत्या कर दी थी। उस घटना में पकड़ा गया नक्सली शामिल था। पकड़े गए नक्सली को पुलिस न्यायालय बीजापुर पेश किया।
बीजापुर, 28 मई। भैरमगढ़ ब्लॉक के कुटरू गांव में संचालित पंचशील आश्रम में एक दिन में कोरोना के 22 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। कोरोना के इतने मामले को देख प्रशासन भी अलर्ट हो गया हैं। शुक्रवार को कुटरू स्थित पंचशील आश्रम में एक साथ 22 युवतियां कोरोना पॉजिटिव आई हैं। आज इन सभी एंटीजेन टेस्ट किया गया था, जिसमें ये सभी पॉजिटिव आई हैं। सभी संक्रमित पाई गई युवतियों को होमआइसोलेशनमें रख इलाज किया जा रहा हैं। बीजापुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने बताया कि सभी का होमआइसोलेशन में उपचार चल रहा हैं। ज्यादा गंभीर वालों को कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
सभी तेलंगाना से लौटे हैं, सीमा पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 28 मई। तेलंगाना से सटे छत्तीसगढ़ के जारपल्ली में मिले दर्जनभर से ज्यादा कोरोना संक्रमितों ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। एपी स्ट्रेन एन-440 के कोविड वैरिएंट को लेकर बॉर्डर इलाकों में अलर्ट जारी है।
ज्ञात हो कि बीते दो दिनों में इंटरस्टेट कॉरिडोर पामेड़ से लगे जारपल्ली में 21 कोरोना के नए संक्रमित मिले हैं। एपी स्ट्रेन की आशंका के बीच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने शुरुआती लक्षणों को सामान्य बताया है। लेकिन संक्रमितों की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने पर पता लगा कि सभी तेलांगाना से लौटे हैं। ऐसे में प्रशासन भी अब इस इलाके में टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दे रहा है।
नक्सली पैठ प्रशासन के लिए चुनौती
चूँकि पूरा बस्तर क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव वाला माना जाता है। जिसमें दक्षिण बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर ऐसे जिले हैं, जो सीधे तेलांगाना या आंध्रप्रदेश से जुड़े हैं। यहां एपी एन-404के कोविड वैरिएंट के आने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। नक्सलियों की इस पूरे इलाके में मजबूत पैठ और पकड़ है, जिस वजह से इस बीहड़ इलाके में कोविड टीकाकरण भी बहुत कम हो पाता है। नक्सलियों की दहशत मेडिकल टीम को जंगलों में जाने से रोकती है। बस्तर के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्यकर्मियों को टीकाकरण कराने से मना करने की खबरें भी निकलकर सामने आई हैं। वहीं बीते दिनों कमकानार में कुछ महिला स्वास्थ्यकर्मियों के अपहरण की खबर के बाद हालात काफी बदले हैं।
आखिर क्यों जाते लोग हैं बस्तर से तेलांगाना-आंध्र
दशकों से बस्तर के वनवासी जंगलों और नदियों से अपना भरण पोषण करता रहा है। फरवरी के शुरुआत से लेकर जून की पहली बारिश के दौरान दक्षिण बस्तर से जाने का दौर शुरू हो जाता है। सीधे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमाओं से तेलांगाना के खम्मम, भूपालपल्ली और मुलगु जिलों में मजदूर जंगलों के रास्ते मजदूरी करने जाते हैं। जिसमें एक बड़ा कारण बस्तर में रोजगार की कमी और मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार है। नक्सली दहशत का हवाला देकर मनरेगा में जमकर मशीनों का इस्तेमाल होता रहा है। सरकार और प्रशासन सब जानकर भी आंखे मूंद लेते हैं। जिसकी वजह दो दशकों से भी ज्यादा समय से साल दर साल पलायन के आंकड़ों में हिजाफ़ा होता रहा है।
इंटरस्टेट कॉरीडोर में लोगों ने बनाई बैरिकेड
तेलांगाना से 10 किमी की दूरी पर पामेड़ मौजूद है। समूचे छत्तीसगढ़ को सीधे तेलांगाना से जोडऩे वाला और सघन माओवादग्रस्त इलाका है पामेड़। बीजापुर मुख्यालय से बासागुड़ा होते ये रास्ता सारकेगुड़ा, तर्रेम होते धर्माराम और फिर पामेड़ को जोड़ता है। पामेड़ के रास्ते पलायन से लौटने वाले मजदूर बस्तर की सीमाओं में दंतेवाड़ा या बीजापुर प्रवेश करते हैं। एहतियातन पामेड़ में लोगों ने पुलिस की मदद से कंसर्टिना वायर से बैरिकेड बना दी है। ताकि अवांछित लोगों को कोरोना टेस्ट के बाद ही प्रवेश दिया जाये।
बीजापुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने बताया कि एपी स्ट्रेन एन-440 के खतरनाक वैरियंट है। पामेड़ में हमारी टीम टेस्टिंग कर रही है। तेलांगाना से लौटने वालों का टेस्टिंग और ट्रेवल हिस्ट्री खंगाला जा रहा हैं। अभी लक्षण सामान्य हैं। बाकी आंध्रप्रदेश स्ट्रेन के प्रति टीमो को अलर्ट पर रखा गया है। जारपल्ली में जो 21 लोग कोरोना पॉजिटिव आये है। उनमें अभी तक एपी स्ट्रेन के लक्षणों की कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन एहतियात बरती जा रही है।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 28 मई। बीते दिनों तेलांगाना के कोत्तागुड़म में बीजापुर के गोरना मनकेली निवासी एक नक्सली नेता की कोरोना से मौत हो गई। उसके शव को सौंपने पुलिस परिजनों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो का टेक्निकल टीम प्रभारी नक्सली नेता गंगा उर्फ आयता कोरसा निवासी गोरना मनकेली जिला बीजापुर की मौत बीते दिनों कोरोना संक्रमण से हो गई है। बताया गया है कि तेलंगाना के कोत्तागुड़म में गंगा इलाज करा रहा था। गुरुवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसकी पुष्टि तेलंगाना पुलिस द्वारा छत्तीसगढ़ व तेलांगाना सीमा पर पकड़े गए तीन नक्सलियों से पूछताछ में हुई।
ज्ञात हो कि नक्सली गंगा पिछले 18 सालों से नक्सल संगठन में रहा। वर्ष 2003 से 2007 तक पश्चिम बस्तर डिवीजन, वर्ष 2007 से 2012 तक पीएलजीए बटालियन नंबर 1 में वर्ष 2012 से 2014 तक पीएलजीए प्लाटून नंबर 10 का कमांडर वर्ष 2014 से 2018 तक पीएलजीए प्लाटून नंबर 30 के कमांडर के पद पर दक्षिण बस्तर इलाके में सक्रिय रहा। वर्ष 2018 से लेकर अब तक दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो का टेक्निकल टीम प्रभारी रहा। इस पर सुकमा व बीजापुर में 14 से अधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 26 मई। दक्षिण बस्तर के दवा विक्रेताओं ने सरकार से उन्हें फं्रटलाइन वर्कर का दर्जा दिए जाने की मांग करते कहा है कि ऐसा नहीं करने पर वे दुकान बंद कर देंगे।
सुकमा, दंतेवाड़ा एवं बीजापुर के दवा विक्र्र्रेता संघ के अध्यक्ष विनोद मिश्रा, सचिव गोपाल मण्डल एवं कोषाध्यक्ष एएच सिद्दिकी ने कहा है कि उनका संघ अपने सदस्यों के हितों के संरक्षण में लॉकडाउन में शामिल होने पर विचार कर रहा है। भारत के नौ लाख चालीस हजार ड्रगिस्ट खतरों के बीच मानवता की मिसाल पेश करते लगातार मरीजों को दवा उपलब्ध करवा रहे हैं। दवा विक्रेताओं की भूमिका वकील, पत्रकार, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ एवं सफाई कर्मी से कमतर नहीं है। कई बार आग्रह के बावजूद ना तो ड्रगिस्ट को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया गया और ना ही वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी गई। पिछले साल देश में 650 केमिस्ट कोरोना से मारे गए।
उनका कहना है कि हम दवा बेचते हैं लेकिन वे ही अपने परिवार को रेमडेसिविर और टोसीजुमेव उपलब्ध नहीं करा सकते हैं। इससे ज्यादा दु:खद क्या हो सकता है। इससे केमिस्टों के कई परिजन दवा के अभाव में मारे गए। एसोसिएशन ने दवा विक्रेताओं को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिए जाने एवं वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दिए जाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने की सूरत में वे भी दुकान बंद कर देंगे। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजनेशन ऑफ केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएसशन के निर्देष पर दक्षिण बस्तर के दवा विक्रेताओं ने ये निर्णय लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 26 मई । आठ वर्ष पहले 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद हुए वरिष्ठ नेताओं और जवानों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश के मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। वहीं शहीद हुए नेताओं और जवानों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गयी। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वर्चुअल शोक कार्यक्रम में विधायक मोहन मरकाम एवं बृहस्पति सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय विनोद वर्मा और राजेश तिवारी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू उपस्थित थे।
बीजापुर जिले में विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से विधायक एवं उपाध्यक्ष बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण विक्रम मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म, जिला पंचायत सदस्य एवं बस्तर विकास प्राधिकरण सदस्य नीना रावतिया उद्दे तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप एवं सीईओ जिला पंचायत रवि कुमार साहू ने शहीद नेताओं एवं जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान दो मिनट का मौन धारण कर झीरम घाटी घटना के शहीदों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई।
प्रतिनिधियों ने मांगों का ज्ञापन कमिश्नर को सौंपा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 23 मई। बस्तर कमिश्नर और आईजी सहित बीजापुर कलेक्टर तथा सुकमा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बीजापुर ने आज बासागुड़ा में सिलगेर इलाके के ग्रामीणों के 40 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से भेंटकर विचार-विमर्श करने सहित क्षेत्र में शांति बनाये रखने की अपील की। इस दौरान बीजापुर जिले के सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस मौके पर सिलगेर ईलाके के ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन कमिश्नर बस्तर को सौंपा, जिस पर विचार कर निराकरण करने आश्वस्त दिया गया।
कमिश्नर बस्तर जीआर चुरेन्द्र ने कहा कि विकास के मामले में सिलगेर ईलाका पिछड़ा हुआ है, इसे ध्यान रखते हुए क्षेत्र के विकास में सहभागी बनें। क्षेत्र का विकास शांति स्थापना से ही संभव है। शासन-प्रशासन क्षेत्र के गांवों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के लिए हरसंभव पहल कर रही है। वनाधिकार पट्टा देने सहित तालाब, डबरी निर्माण और खेती-किसानी के लिए सहायता मुहैय्या करायी जायेगी। उन्होने क्षेत्र के ग्रामीणों की मांगों के निराकरण के लिए संवेदनशीलता के साथ प्रयास करने हेतु बल देते हुए कैम्प के जमीन संबंधी रिकार्ड का परीक्षण कराये जाने ग्रामीणों को आश्वस्त किया।
आईजी पी. सुंदरराज ने ग्रामीणों के प्रतिनिधियों से गुजारिश करते हुए कहा कि आंधी-बारिश की संभावना तथा कोविड संक्रमण के मद्देनजर ग्रामीण अब अपने घर लौट जायें। आंधी-बारिश से बीमार होने तथा कोविड संक्रमण होने की संभावना हो सकती है। इसलिए सिलगेर में एकत्रित न रहें और अपनी बातों को शांतिपूर्वक अवगत करायें। शासन-प्रशासन ग्रामीणों की मांगों पर विचार करेगी।
कलेक्टर बीजापुर रितेश कुमार अग्रवाल ने ग्रामीणों से बातचीत के लिए एक कदम आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि संवाद से ही समस्या का समाधान होगा और क्षेत्र में शांति स्थापित होने के साथ विकास को बढ़ावा मिलेगा। अभी कोविड संक्रमण से पूरा देश-दुनिया ग्रसित है, ऐसे समय में सतर्कता बरतना जरूरी है। जल्दी ही खेती-किसानी का कार्य भी शुरू होगा, इसे ध्यान रखकर ग्रामीण अपने गांव लौट जायें। उन्होंने कोविड से बचाव के लिए युवाओं को आगे आकर ग्रामीणों को प्रेरित करने कहा। वहीं ग्रामीणों को क्षेत्र में शांति बनाये रखने सहित लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक बात रखने की समझाईश देने कहा। उन्होंने घायल लोगों के बारे में जानकारी ली और उनके उपचार के लिए चिकित्सा दल भेजने की बात कही।
कलेक्टर सुकमा विनीत नंदनवार ने बताया कि घटना के दण्डाधिकारी जांच के आदेश दिये गये हैं। ग्रामीण जो अपना बयान दर्ज करवाना या पक्ष रखना चाहते हैं, वे सम्बन्धित दण्डाधिकारी को अवगत करवा सकते हैं। ऐसे ग्रामीणों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कोविड के मद्देनजर ग्रामीणों को घर लौट जाने का आग्रह करते हुए कहा कि अनावश्यक भीड़ नहीं करें। स्वयं के बचाव सहित अपने घर-परिवार के लोगों और समाज के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है।
इस दिशा में अपने गांव के लोगों को अवगत करायें प्रशासन के साथ संवाद की जानकारी देवें।
उन्होंने क्षेत्र के विकास हेतु स्वीकृत कार्यों के बारे में अवगत कराया और जरूरत के अनुरूप हेंडपम्प सोलर ड्यूल पम्प स्थापना सहित अन्य कार्यों को सुनिश्चित करने आश्वस्त किया। इस दौरान सिलगेर ईलाके के ग्रामीणों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें। बीजापुर जिले के सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिये।
बीजापुर, 23 मई। यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर चेरकंटी नाला में रेत भर रहे एक वाहन को नक्सलियों ने आग लगा दी। जानकारी के मुताबिक बीजापुर थाना क्षेत्र के चेरपाल व पदेड़ा के बीच स्थित चेरकंटी नाला से मकान निर्माण के लिए रेत भर कर ले जा रहे एक 709 वाहन को नक्सलियों ने आग लगा दी। घटना के बाद नक्सली वहां से चले गए। बताया गया है कि रविवार दोपहर करीब एक बजे के दरमियान नक्सलियों ने उक्त घटना को अंजाम दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 मई। केंद्र की मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सत्ता की लालसा में भाजपा फर्जी टूलकिट के जरिए देश और कांग्रेस पार्टी को एक साजिश के तहत बदनाम करने का घृणित काम कर रही है। भाजपा फर्जी टूल किट को अपने कार्यकर्ताओं को भेज कर हिंदुस्तान को समूची दुनिया में बदनाम करने व देश की छवि को खराब करने का षडय़ंत्र रच रही है।
यह बात जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ज्योति कुमार ने विज्ञप्ति जारी कर कही हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश व प्रदेश कोविड-19 के संकट से निपटने की पूरी कोशिश कर रहा है। वहीं भाजपा के तमाम नेता चाहे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हो या पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह हो या पूर्व मंत्री केदार कश्यप एवं महेश गागड़ा हो, अपना इतिहास दोहराते हुए भारत के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे है। और देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने भाजपा फज़ऱ्ी टूल किट का प्रचार करने में लगी है।
हालिया समय में भाजपा और उनके तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया में देश के खिलाफ जितना दुष्प्रचार किया है। वह सब फर्जी टूल किट दस्तावेज का मूल हिस्सा है।
श्री कुमार ने कहा कि यह हमेशा देखा गया है कि जब भाजपा सत्ता में हो या फिर न हो वह ऐसी हरकतें करती रहती है जिसे देश विरोधी कहा जा सकता है। भाजपा की ऐसी देश विरोधी साजिश की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का फर्जी टूल किट का सच अब मीडिया जगत में भी उजागर हो चुका है। भाजपा मीडिया में बने रहने के लिए देश व कांग्रेस पार्टी के खिलाफ फर्जी टूलकिट का इस्तेमाल कर रही है।जिसे देश की जनता समझ चुकी है। अब देश की जनता भाजपा के झूठ और जुमलों से पूरी तरह ऊब चुकी है।
डीएपी खाद के मूल्य को वापस लेना संघर्ष का परिणाम
देश व प्रदेश का प्रत्येक किसान कांग्रेस पार्टी, देश के नेता राहुल गांधी, प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एवं पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम को धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ज्योति कुमार का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की अगुवाई में देश व प्रदेश के करोड़ों किसान और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डीएपी खाद की बढ़ी हुई क़ीमतों को वापस लेने लगातार संघर्ष कर रहे थे। राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के निर्देशन व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आक्रामक विरोध और संघर्ष किया।जिसका परिणाम यह हुआ कि केंद्र की मोदी सरकार को डीएपी खाद के बढ़े हुए क़ीमतों को वापस लेना पड़ा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 मई। लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के चलते गुरुवार को नगर के 3 दुकानों को 7 दिनों के लिए सील कर दिया गया।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन को लेकर दिनों प्रशासन सख्त हैं। इसी के चलते गुरुवार को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर नगर की तीन दुकानों को सील किया गया है। इस बारे में सीएमओ पवन मेरिया ने बताया कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल द्वारा 15 मई को जारी आदेश के तहत शर्तों के अधीन आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के दुकानों के खुलने हेतु दिन निर्धारित किया गया है। जिसके तहत किराना, ऑटो पार्टस एवं मेकेनिक दुकान हेतु सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार का दिन निर्धारित है। लेकिन 20 मई गुरूवार को जायसवाल किराना स्टोर्स, आयुष प्रोव्हीजन स्टोर्स एवं चांडक किराना स्टोर्स के दुकान संचालकों द्वारा दुकान खोलकर सामान विक्रय किया जा रहा था। इस दौरान राजस्व, पुलिस एवं नगर पालिका के अमले द्वारा उक्त दुकानों में जाकर सभी 3 दुकानों को 7 दिवस के लिए सील कर दिया गया। वहीं इन दुकान संचालकों को भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं करने की चेतावनी भी दी गयी हैं।
लखमा और मण्डावी की चुप्पी पर उठाए सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 मई। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने सिलगेर मामले को लेकर आदिवासियों के खिलाफ साजिश की बात कहते सवाल किया है कि इस मसले पर आबकारी मंत्री कोण्टा विधायक कवासी लखमा एवं बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी की चुप क्यों हैं?
पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा एवं भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास राव मुदलियार ने यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते कहा कि जब पांच दिनों से सुकमा जिले के सिलगेर गांव में सुरक्षाबलों के कैम्प खोले जाने का लोग विरोध कर रहे थे तब न तो कोण्टा विधायक कवासी लखमा वहां पहुंचे और न ही बीजापुर विधायक विक्रम मण्डावी। नैतिकता के आधार पर दोनों कांग्रेसी नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा नेता द्वय ने कहा कि विरोध को दबाने के कई तरीके हो सकते हैं। इसका हल हिंसा ही नहीं है। बातचीत और समझाईश से हल निकाला जा सकता था लेकिन कांग्रेस नेता यहां नहीं पहुंचे। इससे ऐसी स्थिति निर्मित हुई। प्रदेश के सीएम और गृहमंत्री ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इससे आदिवासियों के खिलाफ किसी गहरी साजिश की आशंका है।
श्री गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने मेनीफेस्टो में निर्दोष आदिवासियों की जेलों से रिहाई की बात कही थी लेकिन ये वादा खोखला निकला। उलट, अब तो आदिवासी मारे जा रहे हैं। इनकी कोई सुनवाई नहीं है। सिलगेर घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते भाजपा नेताओं ने कहा कि अब आईजी पी. सुंदरराज सिलगेर में पहले नक्सलियों की ओर से गोलीबारी का आरोप लगा रहे हैं जबकि ग्रामीणों का कहना है कि वहां कोई नक्सली नहीं था।
उच्चस्तरीय जांच हो
इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। मृतकों एवं घायलों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रूपए के मुआवजे की मांग करते महेश गागड़ा ने बताया कि वे भी मौके पर जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें जाने से मना कर दिया गया। पार्टी के कुछ स्थानीय लोगों ने गांव जाकर पीडि़त परिवारों से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। सबसे बड़ी बात तो ये है कि पंचायत में कोई भी काम होने से पहले ग्राम सभा होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्रामीणों को विष्वास में नहीं लिया गया। इस वजह से भी ग्रामीण नाराज हैं।
दर्जनभर ग्रामीणों ने विधायक से की शिकायत, सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 मई। ग्राम पंचायत पेटा की सरपंच के पति ने कुटरू एसडीओपी पर नक्सल उन्मूलन के नाम पर मारपीट व गाली गलौच करने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत सरपंच के पति व दर्जनभर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक से करते हुए ज्ञापन सौंपा हैं।
कुटरू में पदस्थ एसडीओपी शेर बहादुर सिंह ठाकुर पर ग्राम पंचायत पेटा की सरपंच के पति बुधराम तेलम ने मारपीट व गाली गलौच करने का आरोप लगाया है। शनिवार को सरपंच पति बुधराम तेलम सहित दर्जन भर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी से मिलकर इस बात की शिकायत की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा हैं।
सौंपे गए ज्ञापन में सरपंच पति बुधराम तेलम ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार की दोपहर करीब 3 बजे कुटरू एसडीओपी पुलिस की दो गाड़ी में कुटरू स्थित उनके घर पहुंचे और बेवजह उनसे गाली गलौच कर लात घूंसों व डंडों से मारपीट करने लगे। इतना ही नहीं एसडीओपी ने उन्हें नक्सली कहकर नेताओं के साथ घूमने की बात भी कही है।
वहीं सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि इससे पूर्व भी एसडीओपी के द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों को गाली-गलौच कर दहशत फैलाई गई है। सरपंच पति के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग विधायक से की है। इधर इस मामले को लेकर विधायक ने पुलिस के अधिकारियों से फोन पर बात कर एसडीओपी पर कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी ओर ग्राम पंचायत पेटा की सरपंच के पति बुधराम तेलम के आरोप पर कुटरू एसडीओपी शेर बहादुर सिंह ठाकुर का कहना है कि मारपीट व गाली गलौच का आरोप उन पर बेवजह लगाया जा रहा है। दरअसल पीएमजीएसवाय के काम में लगे मजदूरों को सरपंच के पति बुधराम डरा धमका रहा था और काम किससे पूछकर करने को कहे रहा था। जिसे मैंने शासन-प्रशासन का काम होने की बात कहकर उसे कड़े शब्दों में समझाया बस है, मारपीट जैसी कोई बात नहीं हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 11 मई। ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से जिलाध्यक्ष मो अय्यूब खान की अगुवाई में भीषण गर्मी में सेवा दे रहे पुलिस कर्मियों को शीतल पेय एवं नाश्ता दिया गया। इस दौरान फाउण्डेशन के शमीम खान, मतीन खान, एवं अन्य सदस्य मौजूद थे। तपती गर्मी में सेवा दे रहे पुलिस कर्मियों ने संगठन का आभार माना। फाउण्डेशन की ओर से दोपहर बारह बजे से विभिन्न चौक चौराहों में जाकर वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से मुलाकात की और उनके कार्यों को सराहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 11 मई। बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के ग्राम पंचायत मल्लमपेटा जो कि ताल पेरू नदी किनारे बसा हुआ है। यह सुदूर ग्राम पंचायत विकास के नाम पर कोसों दूर है। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल पीने की नसीब भी नहीं है। इस ग्राम पंचायत के कोततपेटा पारा में पीने के पानी के लिए 1 बोर पहले से ही बना हुआ था परंतु वह खराब पड़ा हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि बोर से पानी तो निकला है परंतु उस बोर में हैंडपंप नहीं लगाया गया और बोर को यथावत छोड़ दिया गया है। प्लेटफार्म नहीं होने के कारण दूषित पानी व कुछ शरारती तत्वों के द्वारा विषैले पदार्थों को मिलाने की संभावना भी रहती है जिसकी खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के कई हैंडपंप सालों से खराब पड़े हैं जिसकी शिकायत करने पर भी आज तक मरम्मत करने वाले दाता नहीं हैं जिससे ग्रामीण नदी-नाला के दूषित पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं।
राहुल नाग एसडीओ पीएचई से दूरभाष से जानकारी लेने पर बताया कि दोनों ब्लॉक के लिए एक ही गाड़ी है और सभी सरपंच बीजापुर व ब्लॉक मुख्यालय में रहते हैं जिससे हमें जानकारी नहीं मिलती है। दोनों ब्लॉकों के लिए एक ही गाड़ी है। पाईप भी एक सप्ताह पहले ही आया है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ बोर जनपद पंचायत के माध्यम से हुआ है तो जनपद ही लगाएगा। टूटे हुए प्लेटफार्म का मरम्मत के लिए टेंडर होने वाला है। जल्दी ही हमारी टीम पामेड़ एरिया जा रही है, ेक्नीशियन की भी कमी है।
सरहदों में चौकसी के साथ महकमा अलर्ट, जांच के बाद ही प्रवेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 11 मई। छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक नक्सल प्रभाव वाला इलाका बस्तर इन दिनों दहशत के साये में हैं,ये दहशत किसी माओवादी वारदात की वजह से नहीं बल्कि बस्तर में इस दहशत की वजह एक वायरस है। जो बस्तर के नक्सली इलाकों में चोरी छुपे आने की तैयारी में है। कुछ लोग जो नक्सली दहशत वाले इलाकों से सफर करके आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से बस्तर में आ रहे हैं उनके साथ बस्तर में आन्ध्र स्ट्रेन आने का डर बना हुआ है। नक्सलियों के मांद से होते अगर कोरोना का आन्ध्र स्ट्रेन यहां पहुंचा तो बस्तर के वनवासी क्षेत्रों में तबाही ला सकता है।
दरअसल जिस महामारी को लेकर पूरा विश्व डरा सहमा हुआ है। कहीं वो महामारी बस्तर के इन बीहड़ो में बसे आदिवासियों के लिए काल न बन जाये। इंटर स्टेट कॉरिडोर पामेड़ और कोत्तापल्ली नक्सली मांद और पकड़ वाला क्षेत्र है। यह ऐसा इलाका है जहां नक्सलियों के बड़े लीडर रमन्ना और किशन के स्मारक सहित दर्जनों नक्सली लीडरों के स्मारक मौजूद हैं। इन सडक़ों से लोग बस्तर की सीमा में देर रात बिना कोरोना जांच के पहुंच रहे हैं। अर्धसैनिक बल और स्वास्थ्य विभाग की मजबूरी है कि इन रेड कॉरिडोर में आसानी से नहीं पहुंच सकती, क्योंकि इन इलाकों में जगह-जगह आईईडी और स्पाइक होल प्लांट होती है, जिसमें पैर पडऩे का मतलब मौत है।
इधर आंध्र स्ट्रेन की सुगबुगाहट के बाद बस्तर के सरहदी इलाकों को सील कर दिया गया है। तेलांगाना और महाराष्ट्र से आने वाले सभी लोगों का एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद ही सीमा में प्रवेश दिया जा रहा है।
ज्ञात हो कि बस्तर के अतिनक्सल प्रभावित जिला बीजापुर में आंध्र म्यूटेंट आने का सबसे आसान और खतरनाक जंगली रास्ता पामेड़ और कोत्तापल्ली हैं। ये दो ऐसी सडक़ें हैं जहां से देर रात बस्तर की सरहद में प्रवेश आसान है। वहीं अर्धसैनिक बलों और प्रशासन के लिए चुनौती भी यही सडक़ें हैं। क्योंकि इन सरहदी इलाकों में माओवाद की अच्छी खासी पकड़ है। ये माओवादियों के आधार वाला इलाका है। इन इलाकों में माओवादियों के टॉप लीडर रहे रमन्ना और किशनजी के साथ दर्जनों स्मारक मौजूद हैं। साथ ही पुलिस को टारगेट करने चप्पे चप्पे पर माओवादी यहां आईईडी और स्पाइक होल प्लांट करते हैं। जिसकी वजह से ये इलाका जानलेवा हो जाता है।
वहीं दूसरी ओर माओवादियों के कोरोना से पीडि़त होने के दावों की माने तो ये पूरा इलाका तेलंगाना से लौटते मजदूरों की पनाह और रहवासी इलाका है। यहां ये अटकलें जरूर लगाई जा रही हैं कि माओवादी इन्हीं किसी आंध्र म्यूटेंट की संपर्क में आये होंगे। बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल और सीएमएचओ डॉ. बीआर पुजारी भी मानते हैं कि बीजापुर से तेलंगना को जोडऩे वाली यह दो सडक़ो पर परेशानी तो है। माओवादग्रस्त इन इलाकों में वैक्सीनेशन और कोविड जांच के लिए इन जंगली, स्पाइक होल और आईईडी प्लांटेड इलाकों में जाना खतरनाक है।
इधर बताया जा रहा है कि बस्तर की धरती पर तांडव मचाने वाले नक्सली भी अब कोरोना के दहशत में हैं। पुलिस के आला अफसरों की माने तो नक्सली कोरोना के आंध्रप्रदेश के एपी एन440 के और महाराष्ट्र के म्यूटेंट से मर रहे हैं। नक्सलियों के डीकेएसजेडसी यानी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य सुजाता कोरोना से पीडि़त बताई जा रही है और उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई हैं। इसके अलावा दरभा डीवीसी जयलाल और गंगालूर एरिया कमेटी सचिव दिनेश के कई नक्सली कोरोना और फूड पॉइजनिंग की जद में हैं।
बिना जांच प्रवेश वर्जित -कलेक्टर
इस मामले को लेकर बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने बताया कि पामेड़ में थाना है। वहां नाकेबंदी की हुई हैं। वहीं पुजारी कांकेर से गलगम में कैम्प हैं। उन्हें निर्देश दिए गए है कि कोई भी बिना जांच के अंदर प्रवेश न कर सके। कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि इसके अलावा अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे है। साथ बाहर से आने वालों का टेस्टिंग के बाद गांव में आने दिया जा रहा है।
नक्सली कोरोना व फूड पॉजिनिंग के शिकार - एसपी
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि उन्हें विशेष सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बड़े नक्सली फूड पॉजिनिंग व कोरोना के शिकार हुए हैं। इसमें डीकेएसजेडसी की सदस्य 25 लाख रुपये की इनामी सुजाता शामिल हैं। वह कोरोना से ग्रसित है। एसपी पल्लव के मुताबिक नक्सली सुजाता के सीने में पानी भर जाने से उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है। एसपी ने बताया कि सप्लाई लाइन जाम हो जाने से पुराने व खराब पदार्थो के सेवन से फूड पॉइजिंग हुई हैं।
जहां टीम नहीं वहां ग्रामीणों पर आश्रित-पुजारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बीआर पुजारी ने बताया कि पामेड़ में उनकी टीम तैनात है। लेकिन कोतापल्ली रोड पर टीम नहीं हैं। ऐसे में जहां टीम नहीं हैं वहां गांव के ग्रामीणों पर आश्रित हैं। कुछ अंदरुनी क्षेत्रों के लोग किसी कारण जो बाहर गए थे उनका सर्वे कर जांच करने में थोड़ी दिक्कत तो हैं।
बॉर्डर पर कड़ी चौकसी - सिंह
भोपालपटनम के एसडीओपी अभिषेक सिंह ने बताया कि बॉर्डर इलाका होने से तिमेड़ व तारलागुडा में नाका लगा हुआ है। पुलिस चेकपोस्ट से चौकसी कर रही है। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को आरटीपीसीआर की 72 घण्टे पूर्व की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। नहीं होने पर उसका आरटीपीसीआर जांच यही किया जाएगा और रिपोर्ट आने तक उसे यही क्वारन्टीन किया जाएगा। स्वास्थ्य, प्रशासन व पुलिस के जवान मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 मई। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने जिले के बीजापुर ब्लॉक अंतर्गत पूर्णत: कंटेंटमेंट जोन घोषित ग्राम पंचायत नैमेड़ का निरीक्षण कर होम आईसोलेशन में रहने वाले लोगों से उनका स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाओं की जानकारी ली एवं कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या होने पर स्वास्थ्य विभाग एवं कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर पर अवगत कराने को कहा।
ग्राम पंचायत नैमेड़ में कोरोना वायरस के संक्रमण की संख्या अधिक होने के कारण 8 मई सुबह 6 बजे से 21 मई सुबह 6 बजे तक कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया है उक्त अवधि में आवश्यक वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति प्रभारी अधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जा रही है, वहीं स्वास्थ्य एवं पुलिस अधिकारियों को लगातार निगरानी हेतु नियुक्त किया गया है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने इसके साथ ही जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्र चेरपाल में चल रहे टीकाकरण एवं कोविड जांच की स्थिति से अवगत होकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक टीकाकरण एवं कोविड जांच करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। सभी पात्र हितग्राहियों को मैदानी कर्मचारियों के सहयोग से टीकाकरण में वृद्धि लाने को कहा गया।
उन्होंने इस दौरान कोविड संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, साबुन से समय-समय पर हाथों की धुलाई करने सहित घर पर सुरक्षित रहने के लिए मैदानी अमले के जरिये लोगों को निरन्तर समझाईश देने के निर्देश दिये। इस दौरान इंसीडेंट कमाण्डर एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी बीजापुर देवेश कुमार ध्रुव उपस्थित थे।