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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 अप्रैल। जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के निर्देश पर आयुक्त श्री हरेश मंडावी,एसडीएम श्री विनय पोयाम,सीएसपी विवेक शुक्ला सहित आला अधिकारियों ने शहर में भ्रमण कर बेवजह बाहर घूमने वालों से अनुरोध कर घर वापस लौटाया।भ्रमण के दौरान पुलिस विभाग के आला अधिकारी नगर पालिक निगम दुर्ग के अधिकारी उपस्थित थे ।
आयुक्त हरेश मंडावी सुबह 10 बजे एसडीएम श्री विनय पोयाम,सीएसपी विवेक शुक्ला तथा पुलिस बल और निगम अधिकारियों के साथ पटेल चौक से होते हुए इंद्रिरा मार्केट क्षेत्र पचरी पारा तकिया पारा, से होकर चंडी मंदिर चौक, पंचशील नगर, गंज पारा, रायपुर नाका, राजेन्द्र पार्क चौक, स्टेशन रोड के अलावा कसारीडीह, केलाबाड़ी, पोटियाकला होते हुए बोरसी क्षेत्र का भ्रमण किए।
उन्होंने घरों से बेवजह बाहर निकलने वाले को वापस घर लौटाया एव ठेले में सब्जी बेचने वालों को एक जगह ठेले पर खड़े होकर बेचने के लिए मना किया गया। कहा गया कि वार्डो गलियों में घूम घूमकर फल,सब्जी बेचे। बेवजह घूमने वाले लोगों को रोक रोक कर बाहर निकलने का कारण पूछा और उनसे अनुरोध कर घर वापस लौटाया।
आयुक्त श्री मंडावी ने आम जनता से अपील कर कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए लॉकडाउन आवश्यक इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि कोरोना संक्रमण का चैन तोडऩे के लिए 7 दिनो का और लॉकडाउन किया गया।जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के निर्देश पूरे जिले में 7 दिन का लॉकडाउन किया गया है अत: नागरिकों से अपील है की लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति बिना कारण घर से बाहर ना निकले।आपके सहयोग से ही जिला प्रशासन और निगम प्रशासन की सक्रियता से जिले एवं शहर में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव केस में गिरावट आई है।
जनता की सहयोग से हम शहर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण कर सकेंगे।लॉक डाउन का जायजा लेते वक्त बाहर घूमने वालों और दुकान का आधा शटर खोल कर सामान बेचने वालों पर जुर्माना लगाकर कार्यवाही भी की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 अप्रैल। जिला अस्पताल में 16 आक्सीजन बेड्स अतिरिक्त बढ़ाये जाएंगे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इसके निर्देश जिला अस्पताल के प्रबंधन को दिये। आज यहाँ व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए वे पहुँचे थे।
कलेक्टर ने कहा कि आज शाम तक ही इसके प्रबंध करें। कलेक्टर ने सिविल सर्जन से कोविड मरीजों के इलाज की स्थिति पूछी। साथ ही उन्होंने कहा कि मरीजों की हर संभव सुविधा का ध्यान रखें। इस संबंध में किसी भी तरह की जरूरत पड़ती है तो अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर में जिस तरह की जरूरत होती है उसे पूरा करें। मरीजों के बेहतर इलाज के लिए हर संभव सुविधा होनी चाहिए। कलेक्टर ने अस्पताल में हो रही टेस्टिंग का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि व्यवस्था की लगातार मानिटरिंग होती रहे। परिजनों को मरीज के संबंध में जानकारी मिलती रहे। उनकी काउंसिलिंग की व्यवस्था बेहतर होने से अपने मरीज की स्थिति के संबंध में वे निश्चिंत हो सकेंगे।
कलेक्टर ने अस्पताल में मरीजों के खाने-पीने तथा सफाई व्यवस्था की मानिटरिंग भी की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था की मानिटरिंग नियमित अंतरालों में करते रहें। मरीजों को प्रोटोकाल के मुताबिक डाइट मिलती रहे ताकि उन्हें रिकवर होने में आसानी हो।
अस्पताल में आज किए गए निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. पी बालकिशोर, डिप्टी कलेक्टर श्री खेमलाल वर्मा, ईईपीडब्ल्यूडी श्री अशोक श्रीवास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रेमडेसिविर के प्रति जनता को जागरूक करें चिकित्सक- वोरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 19 अप्रैल। कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने दुर्ग निगम के पार्षदों के आग्रह पर नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से चर्चा कर मांग किया कि पार्षद निधि द्वारा भी कोरोना आपदा से निपटने ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य उपकरण खरीदी की अनुमति प्रदान करें जिस पर निकाय मंत्री ने जल्द अनुमति देने आश्वस्त किया है, 13 दिन के लॉक डाउन के बाद भी संक्रमितों के संख्या जिले में लगातार बढ़ रही है।
प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी आम जनों के भटकाव की स्थिति थमती नजर नहीं आ रही है विशेष तौर पर अचानक से मांग में आई रेमडीसीवर इंजेक्शन के लिए लोग जगह जगह चक्कर काट रहे हैं। जिसे लेकर भी वोरा ने राज्य के ड्रग कंट्रोलर केडी कुंजाम से दूरभाष पर चर्चा कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। कुंजाम ने बताया कि राज्य में सप्लाई मांग के अनुरूप मंगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेमडीसीवर दवा की देश भर से मांग आने के कारण दिक्कतें आ रही हैं। गंभीर मरीजों को अत्यावश्यक होने पर ही डॉक्टरी सलाह पर रेमडीसीवर दिया जाता है। विधायक वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के मार्गदर्शन में प्रदेश बाकी प्रदेशों से बेहतर स्थिति में है लगातार ऑक्सीजन बेड एवं आईसीयू के साथ वेन्टीलेटर्स में भी वृद्धि की जा रही है। पैरामेडिकल स्टाफ एवं डॉक्टरों की भर्ती कर अस्पतालों की क्षमता में विस्तार किया जा रहा है।
देश भर में उत्पन्न संकट के बीच राज्य की वैक्सीनेशन एवं जांच दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। किंतु भटकाव की स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों को भी वीडियो संदेश, सोशल मीडिया अथवा अखबारों के माध्यम से कोरोना अप्रोप्रिएट बिहेवियर, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व रेमडीसीवर इंजेक्शन के प्रति जनता को जागरूक करने एवं वास्तविक आवश्यकता समझाने की जरूरत है साथ ही प्रशासन को नियंत्रण बढ़ाने की आवश्यकता है शासकीय एवं निजी अस्पतालों से मरीजों के नाम पर आवश्यकता के अनुरूप आधार कार्ड एवं पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ मांग आने पर उनके नाम पर ही वॉयल जारी किया जाए एवं परिजनों अथवा मरीजों से इंजेक्शन लगाए जाने की पुष्टि कराई जाए। साथ ही अस्पतालों में भेजे गए इंजेक्शन की मात्रा को पारदर्शी रखा जाए।
इस तरह की त्रिस्तरीय ऑडिट की व्यवस्था से ना सिर्फ वास्तविक जरूरतमंद मरीज को समय पर दवा मिल सकेगी बल्कि भटकाव की परिस्थिति एवं कालाबाजारी पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
उन्होंने लक्षण आने पर रिपोर्ट का इन्तेजार किए बिना रोगनिरोधी किट तत्काल देने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। साथ ही कलेक्टर से डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग कर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मशीन व आईसीयू बेड बढ़ाने व विधायक निधि से कोरोना नियंत्रण हेतु उपकरण की खरीदी हेतु स्वीकृत राशि तत्काल जारी करने को कहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। भारतीय जैन संघटना दुर्ग जोन के आतिथ्य में छत्तीसगढ़ के युवतियों के लिए स्मार्ट गर्ल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के आयोजन का अंतिम दिवस था 18 वर्ष से 25 वर्ष की युवतियों के लिए ऑनलाइन वेबीनार प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश की ख्याति नाम जैन साध्वी एवं चरम मंगल संस्थान की प्रेरिका प्राग्भा जी विराट इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वक्ता शामिल हुई।
उन्होंने कहा पूरे भारतवर्ष में भारतीय जैन संघटना अलग-अलग विषयों पर समाज के लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। बीजेएस छत्तीसगढ़ के कार्यों की तारीफ करते हुवे अपने अल्प प्रेरक उद्बोधन में बहुत सी सारगर्भित बातें बच्चों एवं बच्चों के पालकों से कहीं उन्होंने कहा एक लंबे अंतराल के पश्चात छत्तीसगढ़ के युवक-युवतियों से जुडऩा उनके लिए यह आनंद का क्षण है
सहज सरल और सारगर्भित उद्बोधन के द्वारा में गागर में सागर के सूक्तियां को चरितार्थ करते हुए बहुत सी बातें उन्होंने अल्प समय में कहीं। उन्होंने युवतियों से आने वाले हर बदलाव जिसमें रहन-सहन व्यवहार और जीवन के व्यवहारिक सिद्धांतों को अमल में लाते हुए अपने इस जीवन को जीते हुए लड़कियों को अपनी एक अलग पहचान स्थापित करना चाहिए।
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाली युवतियों ने साधिका डॉ प्राग्भा विराट से प्रेरक मार्गदर्शन के प्रति आभार भी जताया।
इस वेबीनार में प्रशिक्षक श्रीमती लहर लुक्कड छोटी-छोटी व्यवहारिक बातों को जीवन में कैसे आत्मसात करें क्रमश: हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों को कहीं उनके द्वारा दी गई ट्रेनिंग से बच्चों ने कहा आज हमें इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में बहुत कुछ सीखने सीखने को मिला है जो हमारी इस जीवन यात्रा में हमारे लिए सकारात्मक परिणाम लाएगा इस वेबीनार में श्रीमती लहर ने प्रतिभागियों के पालको से भी चर्चा की और बहुत सी ऐसी बातें उनके मध्य रखी जिसे पालकों ने भी स्वीकार किया।
इसके पूर्व भारतीय जैन संघटना के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में नई दिल्ली से सुश्री सृष्टि बाफना ने भी बहुत ही रोचक ज्ञानवर्धक और बच्चों को उत्साहित करने वाली अपनी प्रेरणादाई बातें ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा ले रही हो जो के मध्य रखी थी।
सुश्री सृष्टि बाफना स्मार्ट गर्ल ट्रेनिंग प्रोग्राम मैं लड़कियों को अपने संबोधन में कहा स्कूल या कॉलेज छोटी हो या बड़ी हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता स्टूडेंट चाहे इंग्लिश मीडियम का हो या हिंदी मीडियम का हो इससे भी कुछ फर्क नहीं पड़ता यह सब हमारी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है हमारा कठिन परिश्रम सकारात्मक परिणाम लाने से नहीं रोक सकता।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में परिवार के परिवारिक सदस्य का सहयोग नितांत आवश्यक है जो उन्हें आगे बढऩे में मददगार साबित होते हैं।
स्वयं की जागरुकता से अपने अंदर अपनी योग्यता और अपनी कमजोरी का भान करना और उसे सीखते हुए अपने जीवन को जीना ही इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है।
आत्मरक्षा तन मन धन से संवाद एवं रिश्ता अपनी पसंद एवं अपना स्वयं का निर्णय लेने की क्षमता जैसे विषय पर लड़कियां प्रशिक्षण प्राप्त किया।
भारतीय जैन संघटना की ओर से अनेक उदाहरणों एवं रोचक सारगर्भित तथ्यों के साथ हर क्षेत्र में स्मार्ट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है इस कार्यक्रम में श्रीमती लहर लुक्कड़ द्वारा विशेष रुप से ट्रेनिंग दी जा रही है 5 दिन चलने वाले इस ट्रेनिंग वेबीनार में ममता गोलछा, शिल्पा नाहर ,श्रीमती त्रिशला प्रदीप जैन स्मार्ट गर्ल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम की प्रमुख की हैसियत से इस वेबीनार में शामिल रही
भारतीय जैन संघटना के जोन अध्यक्ष प्रफुल्ल संचेती के निर्देशन में भारतीय जैन संघटना दुर्ग जोन का यह पहला आयोजन है इस आयोजन में भारतीय जैन संघटना के राज्य अध्यक्ष पंकज चोपड़ा पूरे समय इस वेबीनार में अपना मार्गदर्शन और संघटना की आने वाले समय में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी
इस आयोजन से हिस्सा लेने वाले बच्चों के पालकों खासा उत्साह देखा गया है
और कार्यक्रम के इस अंतिम दिवस हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों के पालक भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें। सरिता श्रीश्रीमाल एवं श्रीमती पूनम पारख के संयोजन में कार्यक्रम का शानदार संचालन ने कार्यक्रम में अलग ही समा बांध दिया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव राजेश कोटेचा ने कार्यक्रम में आए अतिथियों काआभार ज्ञापित किया। अनीता सखलेचा ,उत्तम बरडिया, रमेश चोपड़ा, प्रवीण तातेड, का आयोजित कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। जिला प्रशासन द्वारा कोविड केयर के लिए कार्य कर रहे सभी निजी अस्पतालों में शासन द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट लगवाई गई है। यह रेट लिस्ट हास्पिटल भवन के प्रवेश द्वार के पास ही लगाए गए हैं ताकि लोगों को इसे देखने में किसी तरह की परेशानी न हों।
रेट लिस्ट के साथ ही अस्पताल के नोडल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर भी दिया गया है ताकि मरीजों के परिजनों को नोडल अधिकारी से संपर्क करने में आसानी रहे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संबंध में निर्देश अधिकारियों को दिये थे। इसके परिपालन में यह निर्देश चस्पा किये गये हैं। रेट लिस्ट में शासन ने तीन प्रकार के रेट निर्धारित किये हैं। सामान्य बेड के लिए 6200 रुपए प्रतिदिन के चार्जेस की व्यवस्था है, इसमें देखभाल, आक्सीजन और पीपीई किट वगैरह शामिल हैं।
गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू चार्ज 10 हजार रुपए रखा गया है। अति गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर सहित प्रतिदिन का चार्ज 14 हजार रुपए रखा गया है। इस पैकेज में पंजीयन का शुल्क, बेड चार्ज, नर्सिंग-बोर्डिंग चार्जेस, एनेस्थेटिक्स, मेडिकल कंसलटेंट फीस, सर्जन शुल्क आदि शामिल हैं। साथ ही इसी पैकेज में दवा, मरीजों का भोजन, पैथालाजी, एक्सरे, सोनोग्राफी, हिमैटोलाजी आदि की सुविधा भी है। सिटी स्कैन, एमआरआई तथा हाई एंड मेडिसीन का अलग से खर्च देना होगा।
दुर्ग, 18 अप्रैल। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कहीं-कहीं इंसानियत भी शर्मशार हो रही है। दो दिन पूर्व एक अज्ञात महिला को उसके परिजन बुजुर्ग की तबियत खराब होने पर कोरोना जांच करवाने की बात कहकर दुर्ग ले आये और दुर्ग रेलवे स्टेशन के पार्किंग परिसर पर छोड़ गए और वापस ही नहीं आये और उसका परिचय पत्र भी ले गए ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके।
उक्त बुजुर्ग को रोता-बिलखता देख युवा मोर्चा महामंत्री नितेश साहू ने उनसे पूछा तो उसने आप बीती बताई पर व सिर्फ रोए जा रही थी। सही पता बताने की स्थिति में नहीं थी। नितेश साहू और राहुल पाटिल द्वारा बुजुर्ग को पानी और अल्पाहार बिस्किट लाकर दिया गया और सूचना स्टेशन प्रबंधक को दी गई पर कोई सूद नहीं लिया गया।
अगले दिन उसी स्थान पर बुजुर्ग महिला मृत पाई गई जिसकी सूचना नितेश साहू द्वारा फोन के माध्यम से थाना मोहन नगर और जिला प्रशासन को दिया गया पर देर रात तक रेलवे पुलिस और मोहन नगर पुलिस उलझी रही कि उक्त सीमा किसकी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड की सुविधाओं में निरंतर विस्तार किया जा रहा है। अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड हॉस्पिटल में पॉजिटिव मरीजों के लिए 75 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अस्पताल के प्रबंधन को युद्धस्तर पर ऑक्सीजन बेड की सुविधाओं के विस्तार के निर्देश दिए हैं।
कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए विकासखंड मुख्यालयों तथा सीएचसी में भी बड़ा ढांचा तैयार किया गया है इससे कोविड संक्रमण के विरुद्ध ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत हुआ है। कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए जिला अस्पताल, सुपेला अस्पताल, झीठ, पाटन, निकुम, अहिवारा, धमधा, अहिवारा, उतई, कुम्हारी में सीएचसी तथा अन्य केंद्रों में आइसोलेशन सेंटर आरम्भ कर दिए गए हैं। इनमें ऑक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धि उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में लगातार सुविधाओं को अपडेट किया जा रहा है। यहां पर अभी कोविड मरीजों के लिए 75 ऑक्सीजन बेड खाली हैं। इसके साथ ही 25 बेड का आईसीयू भी तैयार किया जा रहा है इसमें वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध होगी। मरीजों के लिए विकासखंड मुख्यालयों में सेटअप तैयार किया गया है, सभी सीएचसी में आइसोलेशन सेंटर बनाये गए हैं यहां पर एंटीजन की रिपोर्ट नेगेटिव और आरटीपीसीआर की प्रतीक्षित रिपोर्ट वाले साँस की दिक्कत वाले मरीजों को रखा जाएगा। जिन मरीजों का पॉजिटिव आता है और जिनका ऑक्सीजन 93 से ऊपर है उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाएगी। इसके नीचे आने पर जिला मुख्यालय स्थित हॉस्पिटल में रेफर करने की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीते दिनों सभी विकासखंड मुख्यालयों में सघन निरीक्षण कर आइसोलेशन बेड तैयार कराए। इनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए यहां इतने बेड- जिला अस्पताल में 60, सुपेला अस्पताल में 81, झीठ सीएचसी में 15, पाटन सीएचसी में 20, सीएचसी कुम्हारी में 20, सीएचसी उतई में 20, सीएचसी अहिवारा में 20 और मंगल भवन धमधा 20 में बेड हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड की सुविधाओं में निरंतर विस्तार किया जा रहा है। अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड हॉस्पिटल में पॉजिटिव मरीजों के लिए 75 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अस्पताल के प्रबंधन को युद्धस्तर पर ऑक्सीजन बेड की सुविधाओं के विस्तार के निर्देश दिए हैं।
कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए विकासखंड मुख्यालयों तथा सीएचसी में भी बड़ा ढांचा तैयार किया गया है इससे कोविड संक्रमण के विरुद्ध ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत हुआ है। कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए जिला अस्पताल, सुपेला अस्पताल, झीठ, पाटन, निकुम, अहिवारा, धमधा, अहिवारा, उतई, कुम्हारी में सीएचसी तथा अन्य केंद्रों में आइसोलेशन सेंटर आरम्भ कर दिए गए हैं। इनमें ऑक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धि उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में लगातार सुविधाओं को अपडेट किया जा रहा है। यहां पर अभी कोविड मरीजों के लिए 75 ऑक्सीजन बेड खाली हैं। इसके साथ ही 25 बेड का आईसीयू भी तैयार किया जा रहा है इसमें वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध होगी। मरीजों के लिए विकासखंड मुख्यालयों में सेटअप तैयार किया गया है, सभी सीएचसी में आइसोलेशन सेंटर बनाये गए हैं यहां पर एंटीजन की रिपोर्ट नेगेटिव और आरटीपीसीआर की प्रतीक्षित रिपोर्ट वाले साँस की दिक्कत वाले मरीजों को रखा जाएगा। जिन मरीजों का पॉजिटिव आता है और जिनका ऑक्सीजन 93 से ऊपर है उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाएगी। इसके नीचे आने पर जिला मुख्यालय स्थित हॉस्पिटल में रेफर करने की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीते दिनों सभी विकासखंड मुख्यालयों में सघन निरीक्षण कर आइसोलेशन बेड तैयार कराए। इनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए यहां इतने बेड- जिला अस्पताल में 60, सुपेला अस्पताल में 81, झीठ सीएचसी में 15, पाटन सीएचसी में 20, सीएचसी कुम्हारी में 20, सीएचसी उतई में 20, सीएचसी अहिवारा में 20 और मंगल भवन धमधा 20 में बेड हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज रेलवे स्टेशन पहुँचकर यहाँ यात्रियों की हो रही कोरोना जाँच का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने कहा कि हर यात्री की जाँच सुनिश्चित की जाए और सभी ट्रेनों से आने वालों यात्रियों की जाँच की जाए। उन्होंने कहा कि जाँच में पाजिटिव आने पर आक्सीजन लेवल की जाँच करें। यदि आक्सीजन लेवल निर्धारित प्रोटोकाल से कम दिखे तो हास्पिटल रिफर करने की कार्रवाई की जाए।
उन्होंने स्टेशन में जाँच कार्य में लगे प्रभारी अधिकारियों से कहा कि स्टेशन में जाँच कोरोना संक्रमण के रोकथाम को रोकने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। जिले में अभी लाकडाउन लगा है अभी बाहर से आ रहे लोगों की अच्छी तरह से जाँच होती रहेगी तो कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में मदद मिलेगी। कलेक्टर चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हास्पिटल भी पहुँचे। यहाँ उन्होंने मरीजों की स्थिति जानी।
उन्होंने मरीजों के ट्रीटमेंट के बारे में जाना। अस्पताल में साफसफाई की व्यवस्था की मानिटरिंग की। साथ ही कहा कि मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हर संभव मदद अस्पताल प्रबंधन को दी जाएगी।
समारू से सीखें हौसला, 45 साल की आयु
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अप्रैल। जिले में कल 3672 मरीज कोरोना से रिकवर हो गए। यह बहुत बड़ी संख्या है जो उम्मीद जगाती है कि कोरोना से मुकाबला किया जा सकता है। इनमें से कुछ मरीजों की कहानी बड़ी विलक्षण रही होगी जिन्होंने अस्पताल प्रबंधन की मेहनत और अपने हौसले से कोविड की जंग जीत ली। दुर्ग का रहने वाला समारू इनमें से ही एक है। 45 वर्ष का समारू जब शंकराचार्य हास्पिटल में लाया गया तब उसकी स्थिति काफी खराब थी आक्सीजन लेवल 80 तक चला गया था। दिक्कत यह थी कि समारू के साथ कोमार्बिडिटी भी जुड़ी थी। थायराइड की समस्या थी।
इस मुश्किल मामले में डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत की और आज समारू डिस्चार्ज हो गया। शंकराचार्य कोविड हास्पिटल की मेडिकल प्रभारी डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि आज समारू 14 दिन बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुआ है। उसे देखकर बहुत अच्छा लगा, कोरोना में चिकित्सकीय परामर्श के साथ मन भी मजबूत रखें। बड़ी संख्या में लोग रिकवर हो रहे हैं। समारू ही नहीं, शंकराचार्य हास्पिटल में ऐसे कई मामले आए हैं जिसमें अधिक आयु और कोमार्बिडिटी भी बाधा नहीं रही। इस अप्रैल के पहले दिन एक ऐसे पेशेंट को डिस्चार्ज किया गया जिनकी आयु 91 साल की थी, इन्हें डायबिटीज और बीपी दोनों की समस्या थी।
सैंपल देते वक्त सही नंबर दें ट्रैसिंग टीम को- समारू की रिकवरी काफी पहले हो गई होती यदि समारू ने समय पर दवा ले ली होती। बहुत से लोग अब भी सैंपल देने में देर कर रहे हैं। इसके कारण दवा लेने में विलंब हो जाता है जिसकी वजह से समस्या बढ़ जाती है। कभी-कभी कुछ लोग सैंपल देते वक्त गलत नंबर ट्रेसिंग टीम को दे देते हैं जिसकी वजह से उन्हें ट्रेस करने में दिक्कत होती है और ऐसे लोग दवा नहीं लेने की वजह से गंभीर संकट का शिकार हो जाते हैं। सैंपल के साथ ही होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से काउंसिलिंग के लिए आने वाले फोन पर दिये गये सुझावों का जरूर पालन करें। दवाएं समय पर खाएं। आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल की जाँच कराएं, 93 से लेवल कम आये तो अपने होम आइसोलेशन काउंसलर को बताएं ताकि हास्पिटल में भर्ती किये जाने संबंधी कार्रवाई की जा सके।
रखना है हौसला, यह सबसे बड़ी ताकत- कोविड पीडि़त मरीज यदि समय पर जाँच करा लेते हैं दवा शुरू कर देते हैं होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम द्वारा बताये गए सुझावों का पालन करते हैं और सकारात्मक सोच के साथ दिन बिताते हैं तो वे इस बीमारी को बहुत आसानी से पराजित कर सकते हैं। दुर्ग जिले से आ रही इतनी सारी रिकवरी की खबरें इस संबंध में आश्वस्त करती हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। जेसीआई दुर्ग-भिलाई एक ऐसी संस्था है जहाँ अलग अलग प्रकार की कई कार्यशालाओं के माध्यम से हमें कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता रहता है। संस्था के अध्यक्ष जेसी रजनीश मंजू जायसवाल ने बताया कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए लॉकडाउन के इस कठिन समय में जेसीआई दुर्ग-भिलाई ने वॉइस ऑफ छत्तीसगढ़ के बैनर तले, नवदृष्टि फॉउंडेशन, ईन्दिरा मार्केट एसोसिएशन के साथ मिलकर सभी संगीतप्रेमियों के लिए एक बेहद विशेष कार्यक्रम ‘गीत गाता चल’ का आयोजन किया।
उन्होंने बताया कि उक्त कार्यशाला इसलिए भी खास बन गई क्योंकि इसमें हमें साथ मिला दुर्ग-भिलाई के बेहतरीन गायकों का और कई संगीत प्रेमियों का। इनके सानिध्य में सभी को अपने गायन प्रतिभा को और गहराई से समझने व निखारने का अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के मेंटर व मुख्य संचालक जेसी अनिल बल्लेवार ने बताया कि उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य लॉकडाउन व कोरोना महामारी के दौर को तनावरहित करने तथा घर बैठे हुए भी एक दूसरे से जुड़े रहते हुए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत स्व. तन्वी लोंधे जी को श्रद्धांजलि देते हुए की गई जो वॉइस ऑफ छत्तीसगढ़ की जानी मानी गायिका थीं तथा कुछ दिन पहले ही उनका कोविड के चलते आकस्मिक निधन हो गया है।
कार्यक्रम के दूसरे आधारस्तंभ जेसी कमलेश राजा जी ने बताया कि चूंकि यह कार्यक्रम ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आयोजित होने था इसलिए इसे फेसबुक पर लाइव सीरीज के तहत आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने हर्षपूर्वक बताया कि अब तक इस सीरीज के 9 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं, तथा संगीतप्रेमियों की बढ़ती रुचि को देखते हुए आगे भी इसके और सत्रों का आयोजन करने की योजना है।
जेसी अनिल बल्लेवार जी ने बताया कि प्रत्येक सत्र में 4 या 5 गायकों को शामिल कर प्रत्येक गायक से 3 या 4 फिल्मी गीत गाने का अवसर दिया जाता है। कार्यक्रम के विशिष्ठ प्रतिभागी श्री राजेश सराफ जी ने बताया कि प्रत्येक गाने के बाद उक्त गाने, फि़ल्म, गीतकार, संगीतकार, संबंधित कलाकारों से जुड़ी रोचक जानकारियां भी दी जाती है जिससे कार्यक्रम और भी मनोरंजक बन जाता है।
संस्था के सचिव जेसी आशीष तेलंग ने बताया कि उक्त कार्यक्रम के माध्यम से राजेश सराफ, टी विशाल बॉबी, शिवानी दमहे, सुमित्रा देवांगन, अपर्णा भाट्टाचार्य, अजेता श्री, सत्या पाण्डे, शुभम दीक्षित, टी. प्रसाद, एम हारिका जैसे मंझे हुए गायकों को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। तथा कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में संस्था के सुरेश कोठारी, अनुभव जैन, आदित्य राठी, नितेश केडिया, मंजू जायसवाल, राजेश सांखला, नीति बल्लेवार, सुनील अग्रवाल, रामदेव टावरी, योगेश राठी आदि का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 17 अपै्रल। कोरोना की बढ़ती संकमण, एवं जिले में लगे लॉकडॉउन का पालन करते हुए भाजपा उत्तर मंडल पाटन ने बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती को समरसता दिवस के रूप में ग्राम लोहरसी में मंडल अध्यक्ष ने अपने निवास पर पूजा अर्चना कर मनाया।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष लोकमनी चंद्राकर ने एक संदेश में कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर एक महामानव थे, भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में अति पिछड़े के आंदोलन को हमेशा प्रेरित किया करते थे और उनके अधिकारों के लिए काम करते थे, वह हमेशा अछूतों और अन्य निचली जातियों की समानता के लिए खड़े रहते थे।
उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए उन्हें भारतीय संविधान का पिता कहा जाता है। चूंकि उन्होंने पूरे भारत में हर वर्ग को एक समान अधिकार मिले, समाज मे समरसता का भाव पैदा हो, सभी मिलकर आगे बढ़े इस बात के लिए अंतिम दम तक प्रयास करते रहे।
इस अवसर पर उपस्थित भाजपा नेत्री एवं जिला पंचायत दुर्ग की सदस्य हर्षा चंद्राकर ने संदेश में कहा कि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता, दलितों के मसीहा, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर एक राष्ट्रीय नेता भी थे। सामाजिक भेदभाव, अपमान की जो यातनाएं उनको सहनी पड़ी थीं, उसके कारण वे उसके विरुद्ध संघर्ष करने हेतु संकल्पित हो उठे।
उन्होंने उच्चवर्गीय मानसिकता को चुनौती देते हुए निम्न वर्ग में भी ऐसे महान कार्य किए, जिसके कारण सारे भारतीय समाज में वे श्रद्धेय हो गए। जातीय भेदभाव का दंश झेल रहे आंबेडकर सामाजिक बदलाव चाहते थे। वो कहा करते थे कि किसी का भी स्वाद बदला जा सकता है, लेकिन जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।इसी तरह से लॉकडॉउन का पालन करते हुए पूरे मंडल के विभिन्न बूथों पर बाबा साहेब की जयंती मनाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। शहर में कोरोना के रोज बढ़ते मामलों के साथ ही गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी जनता को अपने परिजनों की जान बचाने के लिए जीवन रक्षक रेमडीसीवर इंजेक्शन के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। घूम फिर कर पीडि़त परिवार के परिजन जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच कर दवा दिलवाने की गुहार लगा रहे हैं किंतु पूरे देश में विकराल रूप लिए कोरोना संकट के कारण दवाई, वैक्सीन एवं वेन्टीलेटर्स की कमी हर जगह सामने आ रही है।
जिले में इंजेक्शन के लिए मारामारी की स्थिति से अवगत कराने विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से बात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में रायपुर के साथ दुर्ग जिला सर्वाधिक प्रभावित है। राजधानी की तर्ज पर दुर्ग जिले के लिए भी विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर जरूरत के मुकाबले 10 फीसदी भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिससे आम जनता असहाय महसूस कर रही है। इस स्थिति को यथाशीघ्र बदलने के लिए ठोस कदम उठाया जाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 12 तारीख को इस आशय का टेंडर जारी किया गया है जिसके खुलते ही प्रदेश को हर सप्ताह 30 हजार रेमडीसीवर की सप्लाई सुनिश्चित होने की संभावना है जिससे काफी हद तक रिकवरी रेट में बढ़ोतरी होगी। वोरा ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि आपदा के दौर में टेंडर प्रक्रिया को शिथिल कर भी तत्काल खरीदी की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए । जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने परीक्षण करवाने आश्वस्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग , 17 अप्रैल। जिला भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सोनी ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर यू पी मॉडल की तर्ज पर प्रदेश में भी कोविड के सन्दिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन की दवा तुरंत उपलब्ध कराने व प्रायवेट तथा सरकारी चिकित्सकों के द्वारा होम आइसोलेशन का प्रिस्क्रिप्शन लिखे जाने हेतु स्टैंडर्ड गाईडलाइंस जारी करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए मरीजों की संख्या व आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में अधिक विलम्ब को देखते हुए वहां के हेल्थ डायरेक्टर ने खाँसी, बुखार व बदन दर्द सर दर्द आदि लक्षण दिखने पर ऐसे मरीजों को संदिग्ध कोविड मरीज मान कर उनके लिए आईसीएमआर व डीसीजीआई निर्देशों व नियमावली के तहत कोविड की प्रारंभिक दवाओं को ऐसे मरीजों को तत्काल देना सुनिश्चित करने हेतु एक स्टैंडर्ड नियमावली तैयार कर प्रदेश के समस्त अस्पतालों व चिकित्सकों को निर्देश पत्र जारी किया है।
संतोष सोनी ने पहले भी बयान जारी कर छत्तीसगढ़ में मरीजों की बढ़ती हुई संख्या व टेस्ट रिपोर्ट में विलंब पर चिंता जताते हुए ऐसे संदिग्ध कोविड मरीजों को तत्काल होम आइसोलेशन वाली दवा शुरू करने हेतु नियम बनाने का आग्रह समाचार पत्रों के माध्यम से व मंत्रियों को मेल भेज कर किया था।
श्री सोनी का कहना है कि यदि उनकी सलाह प्रारंभ में ही मान ली जाती तो आज प्रदेश के अस्पतालों में इतनी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती नहीं होते और इतनी मौतें भी नहीं होतीं। अभी भी यदि सरकार इस सुझाव को गंभीरता से ले कर अमल करे तो अस्पतालों में लगातार बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे मरीजों को मौत व ईलाज के बड़े खर्च से बचाया जा सकेगा। उनके द्वारा जारी किया गया वीडियो भी वायरल हो चुका है जिसे काफी लोगों ने सराहा है।
राज्य के स्वास्थ विभाग के द्वारा कोविड के कन्फर्म मरीजों के लिए ही उपचार की नियमावली जारी की गई है जो कि वर्तमान परिस्थितियों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट में देरी की वजह से अनेक संदिग्ध मरीजों की चिकित्सा करने में कोई प्रभावी मदद नहीं कर पा रही है और ऐसे हजारों मरीज प्रभावी दवा के अभाव में कई कई दिन बिना ईलाज के रह जा रहे हैं जो कि आगे जा कर उनके लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हजारों मामले ऐसे भी पाए गए जिसमें आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कोविड के मरीज की तरह उनके फेफड़े में निमोनिया हो जा रहा है और अन्य लक्षण भी कोविड की तरह पाए जा रहे तो ऐसे मामले में भी इस सलाह को मान लेने से मरीज को ईलाज मिलने में सुविधा होगी जबकि वर्तमान में निगेटिव रिपोर्ट वाले या रिपोर्ट में विलंब वाले गंभीर मरीज को ईलाज पाने हेतु भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
संतोष सोनी ने राज्य सरकार से अपील किया है कि जल्द से जल्द विशेषग्यों से सलाह ले कर इस दिशा में कार्यवाही कर मरीजों को राहत प्रदान करें ।
दुर्ग 17 अप्रैल । जिले भर में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के पहचान के लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना के लक्षण वाले लोगों अथवा कोरोना पाजिटिव के निकट संपर्क में आये लोगों को रोगनिरोधी किट तुरंत मौके पर ही दे दिया जाए ताकि त्वरित दवा मिलने पर उनका त्वरित ही इलाज आरंभ हो जाए।
जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज व राहत देना जरूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा ने कहा कि जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के संबंध में कई तरह की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जिला अस्पताल और कचांदुर अस्पताल को लेकर मिल रही शिकायतों के बारे में अवगत कराया गया था जिसके बाद कचांदुर अस्पताल में काफी हद तक व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। अब जिला अस्पताल की शिकायतों को भी फौरन दूर किया जाना चाहिए।
महामारी को देखते हुए यह काम सर्वोच्च प्राथमिकता से करना जरूरी है। ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध रहे ताकि इसकी कमी न हो। इसके अलावा आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़ाना चाहिए।
वोरा ने कहा कि जिला अस्पताल में जिम्मेदार नोडल अधिकारी को तैनात किया जाए ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो और मरीज व उनके परिजनों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके। महामारी के इस दौर में लोगों का जीवन बचाना बेहद जरूरी है। इसके लिए हरसंभव जरूरी कार्य तत्काल पूरे किये जाने चाहिए।
कोविड पेशेंट के बेहतर इलाज की व्यवस्था के साथ ही रोज सुबह व शाम के समय परिजनों से काउंसिलिंग की व्यवस्था होना चाहिए। ताकि मरीजों की हालत के बारे में उनके परिजनों को पूरी जानकारी मिल सके। इसके अलावा सीसीटीवी के माध्यम से सेंट्रल मॉनिटरिंग हाल बनाया जाना चाहिए ताकि मरीजों के परिजन भर्ती मरीजों को सीसीटीवी के माध्यम से देख सकें।
वोरा ने कहा कि रेमडेसिविर की उपलब्धता हमेशा रहना चाहिए। मरीजों व उनके परिजनों के सामने भटकाव की स्थिति नहीं होना चाहिए। कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुरुप कोरोना जांच केंद्र की संख्या में वृद्धि की जाए, जिससे संक्रमित लोग जल्द से जल्द ही स्वास्थ्य लाभ ले सके साथ ही केन्द्रो में पर्याप्त कुसी, पानी की व्यवस्था सहित सभी जरूरी इंतजाम किए जाने चाहिए। जांच कराने आने वाले लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े, इसकी पुख्ता व्यवस्था होना चाहिए। जीवनदीप समिति में उपलब्ध राशि के माध्यम से इन सभी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। ये काम तत्काल किया जाना चाहिए।
झीठ स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे झीठ स्थित स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचे और यहाँ फीवर क्लीनिक में कोरोना जाँच के लिए आए लोगों से लक्षण पूछे। इनमें से कुछ छात्राएं भी थीं। कलेक्टर ने इनसे पूछा कि आप लोग कोरोना के लक्षण महसूस कर रहे हैं क्या।
उन्होंने कहा, नहीं। फिर पूछा कि क्या किसी कोरोना पाजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो इस पर उन्होंने कहा नहीं। फिर पूछा तो टेस्टिंग कराने क्यों आये हो। छात्राओं ने कहा कि गाँव में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है तो किसी ने सलाह दी कि एहतियात के तौर पर करा लो।
इस पर कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं हैं कोरोना का टेस्ट तभी कराना है, जब कोरोना के लक्षण सर्दी-खांसी, बुखार एवं अन्य इसी तरह के लक्षण हों अथवा साँस लेने में दिक्कत हो रही हो या आप किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में रहे हैं जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इस तरह केवल यह जानने के लिए कोरोना है या नहीं, फीवर क्लीनिक में आना ठीक नहीं है। उतई में एसडीएम श्री विनय पोयाम एवं बीएमओ निकुम भी उपस्थित थे।
उतई में हर दिन होंगे 100 टेस्ट- कलेक्टर ने कहा कि उतई में पर्याप्त टेस्टिंग किट दे दिये गये हैं। हर दिन सौ लोगों का टेस्ट इससे हो जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष ने कलेक्टर को उतई में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए हो रहे कार्यों की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अलग-अलग मदों में सात लाख की सहायता राशि नगर पंचायत को दी जाएगी। इस दौरान पार्षद श्री राकेश साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा हास्पिटल का स्टाफ मौजूद था। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का व्यापक चिन्हांकन हो। इस तरह के लक्षण वाले मरीजों को रोगनिरोधी किट (प्रोफिलेक्टिक किट ) उपलब्ध कराई जाए। यहां 20 बेड आइसोलेशन के मौजूद हैं। यहाँ उन मरीजों को रखा जाएगा जिनका एंटीजन निगेटिव आया है अथवा आरटीपीसीआर या ट्रूनाट की रिपोर्ट प्रतीक्षित है। आक्सीजन लेवल 93 से कम है। पाजिटिव मरीजों को जिला मुख्यालय रिफर कर दिया जाएगा।
पाटन में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार, आक्सीजन कंसट्रेटर की व्यवस्था भी- पाटन में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहाँ आक्सीजन बेड्स एवं आक्सीजन कंसट्रेटर की व्यवस्था भी की गई है।
इसके साथ ही ट्राइबल हास्टल में ऐसे कोरोना पाजिटिव पेशेंट को रखने की व्यवस्था की गई है जिनके लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था संभव नहीं है। पाटन में एसडीएम श्री विनीत गुप्ता एवं बीएमओ डॉ. आशीष शर्मा मौजूद थे।
सुपेला पहुँचे, यहाँ व्यवस्थाओं की ली जानकारी- इसके बाद कलेक्टर सुपेला अस्पताल पहुँचे। यहाँ उन्होंने मरीजों के ट्रीटमेंट, आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था जैसी बातों की जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को मरीजों को सबसे बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए।
लॉकडाउन कारगर साबित होते दिख रहा
एंटीजन के नतीजे बता रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। बीते एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 16 फीसदी घट गया है इसकी जानकारी मिली है एंटीजन टेस्ट के आँकड़ों के विश्लेषण से। 10 अप्रैल को लगभग 2596 लोगों के एंटीजन टेस्ट किये गए, इनमें 1259 पाजिटिव आये। यह कुल आँकड़ों का 48 प्रतिशत थे। 15 अप्रैल यानी गुरुवार को 2723 लोगों की टेस्टिंग एंटीजन के माध्यम से हुई। इनमें 879 पाजिटिव आये। यह कुल आँकड़ों का 32 प्रतिशत है।
बीते चार दिनों के आँकड़े देखें तो संक्रमण का दर क्रमश: 36, 33, 30 एवं 32 प्रतिशत रहा है। इस तरह एंटीजन टेस्ट में हुई क्रमश: गिरावट यह साबित करती है कि लाकडाउन जिले में प्रभावी होता दिख रहा है और कोरोना संक्रमण पर इससे रोकथाम लगी है। चूँकि एंटीजन टेस्ट के रिजल्ट मौके पर ही मिल जाते हैं इसलिए इनके नतीजे हर दिन के संक्रमण की स्थिति स्पष्ट रूप से बयान करती है।
एंटीजन टेस्ट के नतीजों की समीक्षा से स्पष्ट है लाकडाउन नहीं लगाया जाता तो तेजी से बढ़ता संक्रमण- अब उन आँकड़ों पर नजर डालें जिनसे पता लगता है कि लाकडाउन के निर्णय का क्या असर पड़ता। 6 अप्रैल को लाकडाउन लगाया गया। इस दिन 2659 टेस्ट हुए और 529 पाजिटिव हुए। यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था। अगले दिन यह आँकड़ा 34 प्रतिशत रहा, फिर इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा फिर अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा। इससे यह पता चलता है कि संक्रमण किस तेजी से बढ़ रहा था। लाकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई। यदि लाकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता। यह प्रश्न मन में उभर सकता है कि लाकडाउन के दो-तीन दिनों में ही बेहतर नतीजे एंटीजन टेस्ट में क्यों नहीं दिखे। इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है और इसके लक्षण दो-तीन दिनों तक उभरते हैं अतएव एकदम से लाकडाउन के बाद संक्रमण नहीं रूकता, इसमें थोड़ा समय लगता है। इसके साथ ही कारण यह भी है कि इस वेव में पूरे परिवार पर संक्रमण का असर देखा गया है। परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका बनती है। अधिकतर मामलों में यही हुआ। इन आँकड़ों से साफ जाहिर है कि लाकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी और इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं। उल्लेखनीय है डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा 6 अप्रैल को लॉक डाउन डाउन लगाया गया था।
संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए लाकडाउन है सबसे प्रभावी तरीका- इतिहास संक्रामक बीमारियों का गवाह रहा है। यूरोप में जब अचानक ऐसे किसी वायरस से मौतें होती थीं तो इसे ब्लैक डेथ कहते थे और लोग क्वारंटीन का निर्णय लेते थे। भारत में भी बीमार पडऩे पर चैदह दिनों की अवधि के बाद शुद्धिकरण करते हैं। भगवान जगन्नाथ जब बीमार होते हैं तो चैदह दिन की अवधि गुंडिचा मंदिर में बीताते हैं। दरअसल लाकडाउन से वायरस के प्रसार की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जब उसे संक्रमण के लिए नये शरीर नहीं मिलते तो इसके फैलने की दर घटने लगती है। यही वजह है कि दुनिया के सभी देशों में लाकडाउन का उपयोग बड़े समुदाय तक संक्रमण को रोकने के लिए हुआ है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अप्रैल। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर यहाँ कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हो रहे प्रयासों की मानिटरिंग की। उन्होंने वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट तीनों ही पक्षों में हो रहे कार्यों के संबंध में जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की जानकारी ली, ग्रामीणों से फीडबैक लिया और एसडीएम श्री विनय पोयाम तथा बीएमओ से इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने दुर्ग ब्लाक के विभिन्न गाँवों में आए कोरोना के मामलों और इस पर की गई प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी ली। सबसे पहले वे निकुम पहुँचे। यहाँ 20 बेड का आइसोलेशन सेंटर कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों के लिए बनाया गया है। यहाँ उन मरीजों को रखा जाएगा जिनका एंटीजन टेस्ट निगेटिव आया है लेकिन कोविड के लक्षण हैं साँस लेने में दिक्कत है और सैंपल आरटीपीसीआर तथा ट्रूनाट के लिए भेजा गया है। यहाँ पर चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स की व्यवस्था रहेगी। कलेक्टर ने निकुम में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में बीएमओ से पूछा। उन्होंने कहा कि मरीजों के आक्सीजन लेवल पर नजर रखें और किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत जिला मुख्यालय स्थित हायर सेंटर रिफर करने की कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने एसडीएम से स्थानीय अमले के माध्यम से व्यापक चिन्हांकन अभियान जारी रखने कहा। उन्होंने कहा कि पल्स आक्सीमीटर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराये गए हैं। इनके माध्यम से व्यापक चिन्हांकन कराएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को पूरी तरह से रोका जा सके। प्रिजंप्टिव मरीज का इलाज भी आरंभ कर दिया जाए।
हनोदा में देखी टेस्टिंग- कलेक्टर ने हनोदा में टेस्टिंग का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग में सबसे पहले उन बुजुर्गों की टेस्टिंग करें जिनकी तबियत अच्छी नहीं है। साथ ही वहीं मौके पर आक्सीजन लेवल की जाँच भी करें। यदि आक्सीजन देने की कार्रवाई की जानी है तो वहीं पर आक्सीजन भी दें। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि टेस्टिंग की व्यवस्था मुकम्मल करें ताकि इसमें काफी कम समय लोगों को देना पड़े। टेस्टिंग बिल्कुल समय पर शुरू हो जानी चाहिए और जल्दी जल्दी होनी चाहिए।
अंडा भी पहुँचे, यहाँ वैक्सीनेशन की ली जानकारी- कलेक्टर ग्राम अंडा भी पहुँचे। यहाँ उन्होंने वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी ली। यहाँ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि वैक्सीनेशन का लक्ष्य काफी हद तक पूरा कर लिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अप्रैल। निजी अस्पताल के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने 48 घंटे के भीतर अपने 20 प्रतिशत बिस्तर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत गरीबों के इलाज के लिए रखने के निर्देश इन प्रबंधकों को दिए।
कलेक्टर ने कहा कि यह प्रतिशत सभी तरह के बेड में होगा। मसलन आईसीयू में जितने बेड्स हैं उनकी संख्या का 20 प्रतिशत, एचडीयू में जितनी संख्या में बेड हैं उनका 20 प्रतिशत इस तरह से। कलेक्टर ने कहा कि जो अस्पताल अभी इस योजना से इम्पैनल नहीं हैं वे 24 घंटे के भीतर अपना एम्पैनलमेंट करा लें, यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इन्हें स्वत: ही इम्पैनल मान लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सीएमएचओ इन आरक्षित बिस्तरों के लिए खूबचंद बघेल योजना के हितग्राहियों को भेजेंगे। यदि इस योजना का कोई हितग्राही सीधे ही अस्पताल में पहुँच जाता है तो इसे भर्ती कर सकते हैं लेकिन बाद में इसका एप्रूवल सीएमएचओ से जरूर लेना होगा। कलेक्टर ने कहा कि वेंटीलेटर में भी यह प्रावधान लागू होंगे। मसलन यदि अस्पताल में पाँच वेंटीलेटर हैं तो एक वेंटीलेंटर में इसकी आवश्यकता वाले खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के हितग्राही का इलाज होगा। यद्यपि 48 घंटे वाले प्रावधान में अस्पताल प्रबंधन को लगता है कि इस अवधि के भीतर वेंटीलेटर उपलब्ध करा पाना संभव नहीं होगा तो वे नोडल अधिकारी से इसकी छूट ले सकते हैं।
चेक-एटीएम कार्ड से पेमेंट भी स्वीकार करें- कलेक्टर ने कहा कि लाकडाउन की वजह से कई बार मरीज के परिजनों के पास नगद राशि की दिक्कत हो सकती है अतएव अस्पताल प्रबंधन चेक एवं एटीएम कार्ड से भी पेमेंट स्वीकार करें। एमआरपी से अधिक कीमत में बिल्कुल दवा न बेचें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों को मिलने-जुलने की इजाजत नहीं- कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिये कि किसी भी सूरत में परिजनों को कोरोना पाजिटिव मरीजों से मिलने नहीं दिया जाए। विजिटिंग अवर न हों। खाना अस्पताल का ही हो, बाहर का खाना मरीजों को नहीं दिया जाए। यदि सब्जी वगैरह के लिए किसी तरह की दिक्कत अस्पताल प्रबंधन महसूस करता हो तो प्रशासन इसके लिए समन्वय करेगा।
परिजनों को अवगत कराते रहें जानकारी- कलेक्टर ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों से कहा कि परिजनों की समय-समय पर काउंसिलिंग करते रहें ताकि उन्हें मरीज के हेल्थ अपडेट के बारे में जानकारी मिलती रहे। नोडल अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें, दोनों ही एक दूसरे के सहयोग के लिए हैं। अभी कोविड की कठिन परिस्थिति है और सबको मिलकर काम करते हुए जनता को राहत देते हुए जिले को कोविड से बाहर निकालना है।
दो आक्सीजन कंसट्रेटर खरीदे और धमधा कोविड केयर सेंटर को दिए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अप्रैल। धमधा तहसील आफिस के अधिकारियों ने कोरोना काल में लोगों की सेवा के लिए समर्पण के लिए एक अच्छा कार्य किया है। उन्होंने सहयोग राशि जुटाई और दो आक्सीजन कंसट्रेटर खरीदे। यह आक्सीजन कंसट्रेटर उन्होंने धमधा केयर सेंटर को दिये हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज धमधा कोविड केयर सेंटर देखने पहुँचे। यहाँ उन्होंने इस कार्य की प्रशंसा की।
एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय ने बताया कि तहसील आफिस के अधिकारी-कर्मचारियों ने यह सोचा कि इस आपदा के अवसर में सामाजिक संगठनों की तरह ही आगे आकर कोरोना मरीजों के लिए कुछ बेहतर करने की आवश्यकता है इसलिए यह निर्णय लिया गया। इस दौरान धमधा तहसीलदार श्री रामकुमार सोनकर तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अप्रैल। बिना मास्क घूमने वाले 112 लोगों से जुर्माना वसूला गया।
जिला दण्डाधिकारी दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के आदेश पर कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने हेतु जिले में लॉकडाउन लगाया गया है जिसके तारतम्य में प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक, दुर्ग के निर्देश में दुर्ग पुलिस द्वारा लॉकडाउन व महामारी अधिनियम के उल्लंघन करने वालो के विरूद्ध 06 अप्रैल से निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
इसी तारतम्य में दुर्ग पुलिस द्वारा जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में बिना मास्क के बाहर घुमते हुए पाए गए 112 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही कर कुल 56000 रुपये अर्थदण्ड वसुल किया गया एवं साथ ही प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए मास्क का 127 लोगों को वितरण किया गया। इस प्रकार दण्डात्मक कार्यवाही के साथ आमजन के स्वास्थ्य का भी प्रशासन ध्यान रख रहा है। यह कार्यवाही आगामी लॉकडाउन के 19 अप्रैल तक प्रभावशील रहेगी।
जिला प्रशासन दुर्ग आम नागरिकों से अपील करती है कि कोरोना महामारी को देखते हुए घर से बाहर न निकलें, बाहर निकलते समय मास्क अवश्य लगाये एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें तथा लॉकडाउन के नियमों का पालन करें।
25 बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू भी बनाया जा रहा
दुर्ग, 16 अप्रैल। जिले में कोविड पाजिटिव एवं कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए आक्सीजन बेड की कमी नहीं है। अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में 50 आक्सीजन बेड उपलब्ध है। यहाँ 25 बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू भी बनाया जा रहा है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने चंदूलाल कोविड केयर हास्पिटल का निरीक्षण किया और यहाँ पर व्यवस्था की मानिटरिंग की। उन्होंने अस्पताल प्रबंधकों से मरीजों के परिजनों की काउंसिलिंग की व्यवस्था भी बेहतर रखने के निर्देश दिये ताकि उन्हें समय-समय पर अपडेट्स मिलते रहे।
पोर्टेबल बाईपैप मशीनों की खरीदी के लिए दिए 15 लाख
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अप्रैल। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में लगाए गए 6 से 14 अप्रैल के एक्सटेंशन के पहले दिन विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने स्व चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल अस्पताल कचांदुर में चल रहे शासकीय कोविड केअर सेंटर का निरीक्षण किया।
पिछले दिनों भर्ती मरीजों के परिजनों द्वारा लगातार की गई शिकायतों के बाद श्री वोरा औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे जहां प्रभारी व भिलाई निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी व डॉ अनिल शुक्ला ने विधायक व महापौर को सारी व्यवस्था एवं सिस्टम से अवगत कराते हुए बताया कि सीएम मेमोरियल मेडिकल कालेज में चल रहे शासकीय कोविड केयर सेंटर में वर्तमान में लगभग 400 बिस्तरों की व्यवस्था है जिसे लगातार बढ़ाने की प्रक्रिया जारी है। आने वाले किसी भी मरीज को वापस नहीं भेजा जा रहा है एवं लगातार वार्डों की सीसी टीवी कैमरों से मॉनिटरिंग की जा रही है। परिजनों को सूचना देने के लिए प्रतिदिन ना सिर्फ 4 बार गेट के बाहर सूचना चस्पा की जा रही बल्कि फ़ोन नंबर भी जारी किए गए हैं। विधायक वोरा ने सीएम मेमोरियल कोविड सेंटर की व्यवस्था में आए सुधार एवं साफ सफाई की व्यवस्था पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि जल्द से जल्द ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए। उन्होंने अस्पताल के प्रशासनिक प्रभारी ऋतुराज रघुवंशी के कार्यों की तारीफ करते हुए जिला अस्पताल दुर्ग में भी सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए वहां भी सीसी टीवी कैमरे लगा कर लगातार मॉनिटरिंग करने और परिजनों को वस्तुस्थिति से अवगत करवाने की व्यवस्था में सुधार करने को कहा। जरूरत को देखते हुए उन्होंने सीएम अस्पताल कचांदुर के लिए पोर्टेबल बाईपैप ( मिनी वेंटिलेटर) मशीन क्रय करने हेतु विधायक निधि से 15 लाख रु स्वीकृत करने की घोषणा भी की। महापौर धीरज बाकलीवाल ने भी कचांदुर अस्पताल की व्यवस्था पर संतोष प्रकट करते हुए लोगों से लॉक डाउन 2 का भी पूरी तरह पालन करते हुए प्रशासन से सहयोग करने का आग्रह किया। इस दौरान एल्डरमैन अंशुल पांडेय, संदीप वोरा भी मौजूद थे।