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रायपुर, 23 नवंबर। कालडा प्लास्टिक कॉस्मेटिक एवं बर्न सेंटर के संचालक डॉ. सुनील कालडा ने बताया कि दीवाली मे चिकित्सकों की अनुपलधता व मरीजों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए दीवाली में पटाखों से जलने पर 2 दिन नि:शुल्क प्राथमिक उपचार व सलाह की व्यवस्था अपने पचपेढी नाका, धमतरी रोड, कलर्स माल के पास व जी. ई. रोड, राजकुमार कॉलेज के सामने स्थित अस्पताल में रखी।
डॉ. कालडा ने बताया कि 2 दिनों में 65 लोगों का नि:शुल्क उपचार किया जिसमें 55 मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई व 10 लोगों को एडमिट किया गया, जोकि विगत 33 वर्षों में जागरूकता के कारण मरीजों में कमी आ रही है। जिसमें किसी का चेहरा जला तो किसी का हाथ।
डॉ. कालड़ा ने बताया कि बम, अनारदाना, राकेट आदि चलाते समय पर्याप्त दूरी व सावधानी न रखने व पटाखे जलाकर सडक पर उछालने से, छोटे बच्चों को जलते हुए दिए व मोमबत्ती के पास अकेला छोडने व बच्चो को अकेले पटाखे चलाने व पटाखो को अधिक झुककर चलाने के कारण दुर्घटना हुई, योंकि पटाखे कई बार अपेक्षाकृत जल्दी फूट जाते है व बचाव के लिए समय नही मिलता।
डॉ. कालडा ने बताया कि पटाखा शरीर के नजदीक फटने से कुछ लोगों सिर के बाल एवं शरीर के अन्य हिस्से गंभीर रुप से झुलस सकते है. योंकि पटाखा बनाने मे गंधक, पोटाश, कोयला, कंकड, सुतली, कपडे एवं कागज का उपयोग होता है. और यदि फटाके से जल जाते है तो जलने के तुरंत बाद जले हुए स्थान पर तुरंत पानी डाल दे. ज्ञातव्य है कि डॉ. सुनील कालडा विगत कई 33 वर्षो से पटाखो से पटाखो से झुलसे लोगो का नि:शुल्क इलाज कर रहे है. डॉ. कालड़ा ने अपील की है कि दीवाली में मिठाईयां की जगह पौधे देवें।