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रायपुर, 1 दिसंबर। नवाचार को बढ़ावा देने और अभूतपूर्व विचारों (आइडियाज) और उनके मार्केट इम्प्लीमेंटेशन के बीच अंतर को पाटने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास में, मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी , सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग , और ट्रिपल आईटी-नया रायपुर ने संयुक्त रूप से 30 नवंबर, 2023 को अपने परिसर में अनलीशिंग इनोवेशन - विचारों को मार्केट तक ले जाने में आईपीआर की भूमिका पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) और मार्केट डायनामिक्स के महत्वपूर्ण अंतरसंबंध का पता लगाना था। कार्यशाला में शोधकर्ताओं, उद्यमियों और उद्योग विशेषज्ञों की एक उत्साही सभा देखी गई, जो उन रणनीतियों और तंत्रों पर विचार करने के लिए उत्सुक थे जो नवाचार को आइडिया से व्यावसायिक सफलता तक ले जाते हैं।
अपने उद्घाटन भाषण में, ट्रिपल आईटी एन आर के निदेशक डॉ. प्रदीप के. सिन्हा ने नवाचार को बढ़ावा देने में अनुसंधान संस्थानों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकारी निकायों के बीच प्रभावी सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। छत्तीसगढ़ इनोवेशन कमीशन का प्रतिनिधित्व करते हुए श्री आर.के. सिंह ने छत्तीसगढ़ के जीवंत नवाचार परिदृश्य पर अंतर्दृष्टि साझा की।
उनके संबोधन में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता और आविष्कार गतिविधियों को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया। कार्यशाला का केंद्र बिंदु स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एम एस एम ई) को सपोर्ट देने में सीओई-आईपी (सेन्टर ऑफ़ एक्सीलेंस इन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) की भूमिका के इर्द-गिर्द घूमता रहा।
डॉ. अजय कुमार, वरिष्ठ निदेशक एप्लाइड एआई और जीआईएसटी समूह के प्रमुख और रूद्गद्बह्लङ्घ में वैज्ञानिक-डी, डॉ. नलिन कुमार श्रीवास्तव ने नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सीओ ई-आईपी का लाभ उठाने पर मूल्यवान दृष्टिकोण प्रदान किए। डॉ. अजय कुमार ने एप्लाइड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यावहारिक अनुप्रयोगों और स्टार्टअप और एमएसएमई के भविष्य को आकार देने में इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया।