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नागरिकता मामलों में तेजी लाने के उदाहरणों से भरी पड़ी है दुनिया: सीएए की आलोचना पर जयशंकर ने कहा
17-Mar-2024 10:53 AM
नागरिकता मामलों में तेजी लाने के उदाहरणों से भरी पड़ी है दुनिया: सीएए की आलोचना पर जयशंकर ने कहा

नयी दिल्ली, 16 मार्च । अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) को लेकर जारी आलोचना के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि इसे विभाजन के संदर्भ में देखना महत्वपूर्ण है और उन्होंने रेखांकित किया कि ऐसे ‘‘कई उदाहरण’’ हैं जब कई देशों ने नागरिकता देने की प्रक्रिया को त्वरित किया।

जयशंकर ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024’ के दौरान अमेरिकी जमीन पर एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने के आरोपों का सामना कर रहे एक भारतीय नागरिक के मामले और अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की भारत एवं अमेरिका के संबंधों पर इसके प्रभाव को लेकर एक दिन पहले की गई टिप्पणियों से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘आप भारत और कनाडा का निर्बाध रूप से जिक्र करते रहे हैं। मैं कई कारणों से यहां एक रेखा खींचूंगा। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि अमेरिकी राजनीति ने हिंसक चरमपंथी विचारों और गतिविधियों को उस तरह की जगह नहीं दी है जो कनाडा ने दी है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि इन्हें एक साथ रखना अमेरिका के साथ उचित है। मैं दोनों के बीच अंतर करूंगा।’’

कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े आरोपों को लेकर पिछले साल भारत और कनाडा के बीच संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है।

अमेरिका ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत में सीएए की अधिसूचना को लेकर चिंतित है और इसके कार्यान्वयन पर करीब से नजर रख रहा है।

जयशंकर ने सीएए को लेकर कहा, ‘‘देखिए, मैं उनके लोकतंत्र की खामियों या अन्य चीजों या उनके सिद्धांतों या इसके अभाव पर सवाल नहीं उठा रहा। मैं हमारे इतिहास के बारे में उनकी समझ पर सवाल उठा रहा हूं। जब आप दुनिया के कई हिस्सों की टिप्पणियां सुनते हैं, तो ऐसा लगता है कि मानो भारत का विभाजन कभी हुआ ही नहीं और इसके परिणामस्वरूप ऐसी कोई समस्या थी ही नहीं, जिसका समाधान सीएए को करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यदि आप किसी समस्या की बात करते हैं और उससे जुड़े सभी ऐतिहासिक संदर्भ हटा देते हैं... तो मेरे भी सिद्धांत हैं और उनमें से एक सिद्धांत उन लोगों के प्रति दायित्व है जो विभाजन के दौरान निराश हुए और मुझे लगता है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने कल इस पर बहुत स्पष्ट रूप से बात की।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘यदि आप मुझसे पूछें कि क्या अन्य देश, अन्य लोकतंत्र जातीयता, आस्था, सामाजिक विशेषताओं के आधार पर नागरिकता के मामलों में तेजी से आगे बढ़ते हैं, तो मैं आपको इसके कई उदाहरण दे सकता हूं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है और मेरे लिए संदर्भ बहुत महत्वपूर्ण है।’’

अमेरिकी धरती पर एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने के आरोप का सामना कर रहे भारतीय नागरिक के मामले पर उन्होंने बताया कि भारत इससे कैसे निपट रहा है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘हां, अमेरिका ने हमारे साथ कुछ जानकारी साझा की है। इसमें से कुछ जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और कुछ नहीं है। हमारी रुचि भी इस पर गौर करने में है, क्योंकि हमें इसमें एक बहुत मजबूत संगठित अपराध का पहलू नजर आता है जो हमारी अपनी सुरक्षा पर भी असर डालता है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘इसलिए, जब हमें इस जानकारी से अवगत कराया गया, तो हमने इस पर गौर करने के लिए सक्षम लोगों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने का फैसला किया।’’

कूटनीति और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘देखिए, मुझे विदेश नीति को दुरुस्त करने के लिए भुगतान किया जाता है, न कि सोशल मीडिया को दुरुस्त करने के लिए।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो सोशल मीडिया को कोई भी दुरुस्त नहीं कर सकता।’’(भाषा)

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