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पश्चिम बंगाल में मालगाड़ी ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी, नौ लोगों की मौत, 41 घायल
17-Jun-2024 9:52 PM
पश्चिम बंगाल में मालगाड़ी ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी, नौ लोगों की मौत, 41 घायल

न्यू जलपाईगुड़ी/कोलकाता/नयी दिल्ली, 17 जून। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह एक मालगाड़ी के पीछे से टक्कर मारने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि मृतकों में मालगाड़ी का चालक और यात्री ट्रेन का गार्ड शामिल है।

पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पश्चिम बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कुछ स्थानीय खबरों में मृतकों की संख्या 15 बताई गई है।

अधिकारी ने बताया कि उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास ही मालगाड़ी के इंजन द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डब्बे पटरी से उतर गए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, "पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। मैं हादसे में घायल हुए लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

बड़े वाहनों के आवागमन के लिए सड़क संकरी होने के कारण रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कुछ दूरी तक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लिया और घायलों और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की।

वैष्णव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे, गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से चोटिल लोगों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’’

वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है और कहा कि उन परिस्थितियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे जिनके कारण दुर्घटना हुई।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग पर ट्रेन परिचालन बहाल करना रेलवे के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने सुबह 8:55 बजे दुर्घटना के तुरंत बाद दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह टक्कर इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की और कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई जो अगरतला से सियालदह जा रही थी।’’

रेलवे अधिकारियों से मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यात्री ट्रेन पटरी पर खड़ी थी तभी पीछे से मालगाड़ी ने उसमें टक्कर मार दी।

इस बीच, आंतरिक दस्तावेज़ों से पता चला कि मालगाड़ी को सभी लाल सिग्नलों को पार करने की अनुमति दी गई थी क्योंकि स्वचालित सिग्नलिंग ‘विफल’ हो गई थी।

रेलवे के एक सूत्र ने बताया कि दस्तावेज, टीए 912 नामक एक लिखित प्राधिकार, मालगाड़ी के चालक को रानीपत्रा के स्टेशन मास्टर द्वारा जारी किया गया था, जिसमें उसे सभी लाल सिग्नल पार करने के लिए अधिकृत किया गया था।

सूत्र के अनुसार, रानीपत्रा और कैट के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सुबह 5.50 बजे से खराब थी।

सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ट्रेन नंबर 13174 (सियालदह-कंचनजंगा एक्सप्रेस) सुबह 8.27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई और आरएनआई और कैट के बीच रुकी। लेकिन इसका कारण अज्ञात है।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दुर्घटना स्थल के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि रेलवे ‘पूरी तरह लावारिस’ हो गया है और इसकी दिलचस्पी केवल किराया बढ़ाने में है, यात्री सुविधाओं में सुधार करने में नहीं है।

उन्होंने दावा किया, "रेलवे पूरी तरह से ‘लावारिस’ हो गया है। हालांकि, मंत्रालय वहां है, लेकिन पुराना गौरव गायब है। केवल सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, लेकिन उन्हें यात्री सुविधाओं की परवाह नहीं है। वे केवल किराए में बढ़ोतरी में दिलचस्पी ले रहे हैं।’’

एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस और बनर्जी राहत कार्यों की निगरानी करने और घायलों से मिलने के लिए ट्रेन दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं।

इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की कि ट्रेन ने अप्रभावित डिब्बों के यात्रियों के साथ कोलकाता के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।

पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ट्रेन दोपहर करीब 12.40 बजे दुर्घटनास्थल से रवाना हुई और इसके रात आठ बजे सियालदह पहुंचने की उम्मीद है।’’

सियालदह-कंचनजंगा एक्सप्रेस के एक यात्री ने क्षतिग्रस्त डिब्बों में से एक के पास खड़े होकर कहा, ‘‘जब हमारी ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी से कुछ किलोमीटर दूर रंगापानी पहुंची तो वह बहुत धीमी गति से चल रही थी।’’

एक अन्य यात्री ने बताया कि तेज आवाज के साथ अचानक तेज झटका लगा और ट्रेन अचानक रुक गई। उतरने पर उन्होंने देखा कि मालगाड़ी ने उनके रैक को पीछे से टक्कर मार दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाय पी रहे थे तभी ट्रेन अचानक झटके के साथ रुक गई।’’ अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला ने कहा कि टक्कर लगने पर वह अपनी सीट से गिर गईं।

वातानुकूलित स्लीपर कोचों में से एक में अपने परिवार के साथ बैठी इस महिला ने कहा, ‘‘यह भूकंप जैसा महसूस हुआ। हमें खुद को संभालने और यह समझने में कुछ समय लगा कि क्या हुआ है।’’

अगरतला के एक यात्री, जो कंचनजंगा एक्सप्रेस के कोच संख्या एस 6 में थे, ने कहा कि उन्हें अचानक झटका महसूस हुआ और फिर डिब्बा रुक गया।

यात्री ने एक टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘मेरी पत्नी, बच्चा और मैं किसी तरह क्षतिग्रस्त कोच से बाहर निकलने में कामयाब रहे। हम फिलहाल फंसे हुए हैं... बचाव अभियान भी काफी देर से शुरू हुआ।’’

एक स्थानीय व्यक्ति, जो सबसे पहले बचाव कार्य शुरू करने वालों में से था, ने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेन धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, तभी तेज गति से आ रही मालगाड़ी उससे पीछे से टकरा गई।

दुर्घटना के कारण उत्तर बंगाल और देश के उत्तरपूर्वी हिस्से से लंबी दूरी की ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं।

कोलकाता में पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि कई लंबी दूरी की ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है और उनका परिचालन उनके सामान्य मार्ग के बजाय सिलीगुड़ी-बागडोगरा-अलुआबारी जोन से किया जा रहा है क्योंकि दुर्घटनास्थल पर पटरियां अवरुद्ध हैं।  (भाषा)

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