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![आईटीआई अफसरों की सेवा समाप्त नहीं होगी, शासन की अपील खारिज की हाईकोर्ट ने आईटीआई अफसरों की सेवा समाप्त नहीं होगी, शासन की अपील खारिज की हाईकोर्ट ने](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1718691771ILASPUR_HC.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 जून। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में नियुक्त किए गए प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति को रद्द करने के शासन के आदेश को निरस्त करने के सिंगल बेंच के आदेश को यथावत रखा है और शासन की अपील खारिज कर दी है।
याचिकाकर्ता दुर्गेश कुमारी, महेश, टिकेंद्र वर्मा व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि उन्हें 10 जनवरी 2013 को रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक के आदेश पर प्रशिक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया था। दो साल की परीवीक्षा अवधि पूरी होने के बाद उन्हें नियमित कर दिया गया था। इसके बाद निदेशक तकनीकी प्रशिक्षण एवं रोजगार की ओर से 6 अक्टूबर 2021 को कहा गया कि अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण नियम 1998 के प्रावधानों के अनुसार उनकी नियुक्ति नहीं हुई थी, इसलिये उनके सेवाएं समाप्त की जाती है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ताओं के तर्क से सहमति देते हुए 6 अक्टूबर 2021 के आदेश को निरस्त कर उनकी सेवाएं यथावत रखने का आदेश दिया।
सिंगल बेंच के आदेश को शासन की ओर से डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई। इसमें सिंगल बेंच के आदेश को उचित व न्यायसंगत बताते हुए शासन की रिट याचिका खारिज कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति शासकीय सेवकों की तरह किए जाने की पुष्टि होती है। उन्होंने अपने सेवा के 8 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन्हें संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत संरक्षण मिलता है। केवल नोटिस जारी कर उन्हें सेवा से नहीं हटाया जा सकता।