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भारतीय मिट्टी, बीजों, अनाज और मधुबनी राखियां होंगी इस वर्ष
23-Jul-2020 5:14 PM
भारतीय मिट्टी, बीजों, अनाज और मधुबनी राखियां होंगी इस वर्ष

रायपुर, 23 जुलाई।  कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट की अगुवाई में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान को मिल रहे समर्थन से देश भर में चीन विरोधी भावना जोर शोर से  प्रतिध्वनित हुई है जिसके कारण न केवल बाजार बल्कि उपभोक्ता भी इस बार चीन को सबक सिखाने के लिए दृढ़ संकल्प हो गए हैं जिसकी एक बानगी आगामी 3 अगस्त को राखी त्यौहार पर दिखाई देगी।  

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि बाजारों में इस बार भारतीय सामान से बनी राखियों की मांग बढ़ गई है। खरीदार चीनी राखियों की बजाय भारतीय सामान से बनी राखियों के लिए अधिक कीमत भी देने को तैयार हैं । राखी के त्यौहार पर एक अनुमान के अनुसार देश भर में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा राखियां खरीदी जाती हैं। प्रतिवर्ष लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का व्यापार राखी का होता है जिसमें पिछले कई वर्षों से चीन लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की राखी अथवा राखी का सामान भारत को निर्यात करता आया है और इस बार कैट के हिन्दुस्तानी राखी की घोषणा के बाद चीन को 4 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका लगना तय है ।

श्री पारवानी ने बताया कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार के अभियान ने देश भर में व्यापार में अनेक नए बड़े अवसर प्रदान किये है। राखी के इस त्यौहार पर देश भर में कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों की महिलायें ,घरों तथा आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलायें बड़े पैमाने पर कैट के सहयोग से राखियां बना रही हैं और इससे उन्हें न केवल रोजगार मिल रहा है बल्कि अकुशल महिलाओं को अर्ध-कुशल श्रमिकों में परिवर्तित करके उन्हें अधिक से अधिक सजावटी, सुंदर और नए डिजाइन की राखी बनाने के लिए कैट प्रोत्साहित कर रहा है।

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