कारोबार
रायपुर, 18 अक्टूबर। एनएच एमएमआई नारायणा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर रवि भगत ने बताया कि आज के इस आधुनिक युग में जहां चिकित्सा विज्ञान ने इतनी तरक्की करी है, वहीं तीव्र जीवन शैली से हम रोगों के और नज़दीक होते जा रहे है। अशांत जीवन शैली, पश्चिमी सभ्यता के प्रति झुकाव और अनियमित दिनचर्या भी कारण हैं की स्तन कैंसर युवा पीढ़ी में भी आम होता जा रहा है। महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रैस्ट कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है। भारत में हर 28 में से 1 महिला ब्रैस्ट कैंसर से पीडि़त है, शहरों में ये अनुपात 22 में से 1 है।
श्री भगत ने बताया कि ब्रैस्ट कैंसर से बचने के लिए हमें और जागरूक होने की आवस्यकता है। महिलाओं के स्तन में गांठ, निप्पल से अचानक डिस्चार्ज, स्तन की त्वचा या आकार में बदलाव जैसे लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत मैमोग्राफी करनी चाहिए, महिला की उम्र 40 से अधिक हो तो उन्हें सालाना मैमोग्राफी करनी चाहिए। अनुवांशिकता भी इस महत बिमारी का एक बड़ा हिस्सा है। अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास हो तो डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहना आवश्यक है।
श्री भगत ने बताया कि समाज को इसके प्रति और जागरूक करने लिए इस ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता माह एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल द्वारा 16 से 24 अक्टूबर तक निशुल्क मैमोग्राफी शिविर आयोजित कर रहा है। इसके अंतर्गत उपयुक्त लक्षणों वाली महिलाओं की निशुल्क मैमोग्राफी एवं निशुल्क परामर्श (डॉ. मौ रॉय द्वारा) दिया जायेगा।
श्री भगत ने यह भी बताया कि एनएच एमएमआई अब एक वृहद् कैंसर संस्थान सफलता पूर्वक कार्यरत है, जो जटिल से जटिल कैंसर का उपचार करने में समर्थ है एवं आधुनिक मशीनों से लेस है। शहर में एकमात्र ऐसा संसथान है जहां कैंसर मरीजों को सुपरस्पेशलिस्ट विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध हैं। एनएच एमएमआई कैंसर संस्थान में डॉ. मौ रॉय (वरिष्ठ कैंसर सर्जन), डॉ. सिद्धार्थ तुरकर (मेडिअकाल ऑन्कोलॉजिस्ट) एवं डॉ. पीयूष शुक्ला (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) की नियमित सेवाएं उपलब्ध हैं।