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मरवाही चुनाव में वोट जिसे भी मिलें, जिले को कोरोना मिल रहा तेजी से...
19-Oct-2020 4:03 PM
मरवाही चुनाव में वोट जिसे भी मिलें, जिले को कोरोना मिल रहा तेजी से...

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 अक्टूबर।
कोरोना केस के मामलों में नियंत्रित रहे गौरेला जिले में मरवाही उप चुनाव के लिये जिस तरह रैलियां, सभायें की जा रही हैं उससे संक्रमण के फैलाव का बड़ा खतरा पैदा हो गया है। हाल में बढ़े आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। चूंकि इन आयोजनों के पीछे प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रभावशाली नेता हैं, प्रशासन, स्थानीय निकाय और स्वास्थ्य विभाग ने भी अपने हाथ खड़े कर लिये हैं। हालांकि उन्होंने बकायदा इसके लिये हाल ही में शपथ ली थी।

कोविड-19 संक्रमण के बीच मरवाही विधानसभा उप-चुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न कराई जा रही है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले ही कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायतें आने लग गई थीं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर भीड़ एकत्र करने की शिकायत करते रहे लेकिन दोनों ही कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन में पीछे नहीं रहे। यहां तक कि मंत्रियों की मौजूदगी में शासकीय कार्यक्रम हुए, पार्टी की बैठकें हुईं। 

सरकारी बैठकों में अफसरों, नेताओं, कार्यकर्ताओं का काफिला चलता रहा। आचार संहिता लागू होने के बाद भी यह सिलसिला जारी है। कांग्रेस के आठ मंत्री और 50 विधायकों को गौरेला जिले में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के भी प्रदेश स्तरीय नेता गांव-गांव में घूमकर सभायें कर रहे हैं। नामांकन रैली पर रोक लगाई गई थी लेकिन दोनों ही दलों ने जब नामांकन के लिये सभायें की तो सोशल डिस्टेंसिंग की किसी ने परवाह नहीं की।

गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में कोरोना का फैलाव बहुत धीमा रहा है। शहडोल के एक लडक़े से पहली बार कोरोना का केस सामने आया था, लेकिन उस पर काबू पा लिया गया था। ठीक दो माह पहले 18 अगस्त को जब प्रदेश में 6726 एक्टिव केस थे गौरेला जिले में एक्टिव केस की संख्या शून्य थी। इसी तरह सितम्बर में इसी तारीख को एक्टिव केस केवल 20 थे। इसके बाद से रोजाना तीन से पांच नये केस आ रहे हैं। बीते 12 अक्टूबर को उछाल आया और एक साथ 18 नये कोरोना केस मिले। 13 अक्टूबर को नये संक्रमितों की संख्या बढक़र 27 पहुंच गई। 14 अक्टूबर को फिर 5, 16 अक्टूबर को 7, 17 अक्टूबर को 5 और अब 18 अक्टूबर की बुलेटिन के अनुसार 28 नये केस एक साथ मिले हैं, जो किसी एक दिन में मिले अब तक सर्वाधिक केस हैं। 

दो माह पहले जहां एक्टिव केस की संख्या शून्य थी अब वहां यह एक्टिव केस की संख्या 90 पहुंच चुकी है और अब तक यहां 491 मामले सामने आ चुके हैं। यह वही तिथियां हैं जब नामांकन दाखिल करने, प्रत्याशी घोषित करने और उनके स्वागत के लिये गाजे बाजे के साथ जुलूस निकालने का दौर चला। 

स्कू्रटनी के बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची और चुनाव चिन्हों का आबंटन आज होने के बाद सभी दल और निर्दलीय उम्मीदवार बड़ी संख्या में जन सम्पर्क अभियान चलायेंगे। चुनावी सभाओं में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, घर घर सम्पर्क के दौरान चार से ज्यादा लोगों के नहीं निकलने के निर्देश चुनाव आयोग ने दिये हैं। कोरोना संक्रमण से बचे रहें इसलिये प्रत्येक बूथ में मतदाताओं की संख्या औसत 1500 से घटाकर 1000 कर दी गई है। 

कोरोना पीडि़तों और बुजुर्गों के लिये डाक मतदान की सुविधा भी दी गई है पर प्रचार के दौरान इसका पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है। चिंता की बात यह भी है कि अभी चुनाव अभियान की शुरूआत हुई है। तीन नवंबर को मतदान की तारीख आते-आते कोरोना के प्रति लापरवाही के साथ-साथ संक्रमण के केस भी बढऩे की आशंका है। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिला जरूर बन गया है पर यहां स्वास्थ्य सेवाओं का घोर अभाव है। गंभीर मरीजों को अभी भी 100 किलोमीटर बिलासपुर रेफर कर दिया जाता है।

बीते 8 अक्टूबर को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना कंगाले ने चुनाव प्रक्रिया का अवलोकन करने के लिये यहां का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों से शपथ दिलाई थी कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिये सभी उपयुक्त व्यवहार करेंगे। मतदाता जागरूकता अभियान के दौरान मास्क का प्रयोग करेंगे, सामाजिक दूरी बनाकर रखेंगे। कर्मचारी अधिकारी खुद पर तो इन नियमों को लागू कर रहे हैं लेकिन चुनाव प्रचार में लगे लोगों को इसकी परवाह है यह दिखाई नहीं देता। यही स्थिति रही तो कोरोना संक्रमण के मामले आने वाले दिनों में काफी बढ़ सकते हैं।

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